पिनगवां-शिकरावा सड़क बनी राहगीरों के जी का जंजाल

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: सैंकडों लोग तुडवा चुके हैं अपने हाथ-पैर

: करीब दस साल से लोग झेल रहे हैं परेशानी

यूनुस अलवी

 
मेवात, 18 जून।   पिनगवां से पलवल वाया शिकरावा जाने वाली सडक पिछले दस साल से वाहन चालको के लिये मुसीबत बनी हुई है। अब ये सडक न रह कर बल्कि गहरे तालाब का रूप धारण कर चुकी है। गडढों और तालाब में तबदील हो चुकी सडक के निर्माण की गुहार ग्रामीण काफी समय से प्रसाशन से लग रहे हैं लेकिन कोई सुध लेने वाला नहीं हैं। अब तक सैंकडों लोग इस सडक पर अपने हाथ-पैर तुडवा चुके है जबकि कई वाहन पलट गये हैं।  एक साल पहले मेवात के उपायुक्त मणि राम शर्मा इस सडक का निर्माण तीन महिने के अंदर कराने का वादा कर चुके हैं लेकिन एक साल बाद भी इस सडक पर एक पत्थर तक नहीं डाला जा सका है।
 
   प्रााप्त जानकारी के अनुसार पिनगवां से पलवल  और पिनगवां से नूंह, भादस से पलवल और पुन्हाना से पलवल जिला के लिये अगर वाया शिकरावा जाना पडे तो उसके लिये गांव शिकरावा में पिछले दस साल से टूटी पड सडक से गुजरना पडता है। इस सडक की हालत ऐसी है कि लोग वाहनों से तो  दूर पैदल भी नहीं चल सकते। सडक पूरी तरह तालाब और गडढों में तबदील हो चुकी है। इस सडक पर एक से तीन-तीन फीट गहरे गडढे हो गये हैं। बरसात के समय वाहन चालकों को इन गढों के बारे में पता नहीं चल पात जिसकी वजह से अकसर दुर्घटना होती रहती है। अगर लोक इस सडक से नहीं जाते तो पलवल जाने के लिये लोगो को करीब 30 किलोमीटर अतिरिक्त सफर तय करना पडता है।
 
   गांव शिकरावा निवासी साजिद हुसैन, जिला पार्षद जेकम खां और समाजसेवी मकसूद खान ने बताया कि उनके गांव के पास से गुजरने वाली सडक का निर्माण कार्य करीब 10 साल पहले शुरू किया गया था। जो पहली सडक थी उसकी पूरी खुदाई की गई थी। जब सडक के निर्माण का काम शुरू होने लगा तो गांव के ही मकसूद, जाकिर, रूजदार, जमशेद, डाक्टर अजीज, लियाकत, करीमखां, रत्ती, असलम और अखतर सहित दो दर्जन लोगों ने बनाई जा रही सडक की जगह को उनकी मिलकियत बताते हुऐ अदालत में ले गये। अदालत ने अधिक्तर का फैंसला कर भी दिया है लेकिन प्रशासन की लापरवाही की वजह से सैंकडों गावों के लोगों को इस परेशानी से दोचार होना पड रहा है।
 
   गांव के लोगों ने बताया कि कोर्ट के अदेश पर लोकनिर्माण विभाग ने मकसूद, जाकिर, रूजदार, जमशेद और जहूर खां सहित एक दर्जन किसानों का मुआवजा तो दे दिया लेकिन डाक्टर अजीज, लियाकत, करीमखां, रत्ती, असलम और अखतर सहित एक दर्जन किसानों का अभी तक मुआवजा विभाग ने नहीं दिया है। बाकी बचे किसानों का मुआवजा दिलाने के लिये वे काफी समय से प्रसाशन से मांग कर रहे हैं। साजिद हुसैन ने बताया कि उन्होने एक साल पहले डीसी और लोकनिर्माण विभाग के कार्यकारी अभियंता से बात की है उन्होने विश्वास दिलाया है कि जिन किसानों का मुआवजा बाकी है उनको दो दिन में बांट दिया जाऐगा लेकिन आज एक साल हो गया है अभी तक इस सडक पर कुछ नहीं हो सका है।

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