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उपेक्षा का शिकार गुरुग्राम शहर का एकमात्र प्रसिद्ध कल्चरल सेंटर
आर एस चौहान
गुरूग्राम, 11 जून : कभी यहां हरियाणा के राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मंत्री और अन्य अधिकारी सांस्कृतिक कार्यक्रमों में शरीक होते थे लेकिन अब यह सेंटर जर्जर है और नवीनीकरण की बांट जोह रहा है। यह हाल है कमला नेहरू पार्क स्थित करीब 70 साल पुराने गुरूग्राम के ओपन एयर थियेटर का। गुरूग्राम नगर निगम और पूर्व पार्षद की उदासीनता का आलम यह है कि सालों में इस ओपन एयर थियेटर की मरम्मत तक भी नहीं की गई है।
मानव आवाज संस्था के संयोजक अभय जैन और प्रवक्ता बनवारी लाल सैनी ने नगर निगम की उदासीनता पर दुख प्रकट करते हुए बताया कि अक्सर ऐसा होता है कि अधिकारी काम कराने का प्रयास करते हैं, लेकिन बजट की कमी आड़े आ जाती है, परन्तु इस मामले में ऐसा नहीं है। आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक पिछले सालों में नगर निगम ने इस ओपन एयर थियेटर के नवीनीकरण या मरम्मत का कोई प्रपोजल ही तैयार नहीं किया। ऐसे में जब कोई प्लान ही नहीं बनाया गया तो काम कैसे होता।
शहरी स्थानीय निकास निदेशालय ने ओपन एयर थियेटर के नवीनीकरण के लिए पत्र क्रमांक टीए/डीयूएलबी/2015/9364 दिनांक 30 सितंबर 2015 के तहत 4 करोड़ 77 लाख रूपये की मंजूरी दे दी थी। लेकिन निगम अधिकारियों ने पार्क के आस-पास भीड़-भाड़ और पार्किंग की जगह की कमी को कारण बताते हुए मंजूर हुई राशि को भी ठुकराते हुए प्रोजैक्ट की फाइल बंद करवा दी है।
कमला नेहरू पार्क सुधार समिति के प्रधान जे एन मंगला के अनुसार साल 1960 में ओपन एयर थियेटर में कार्यक्रम होते उन्होंने स्वयं देखे हैं। दारा सिंह और किंग-कांग की कुश्ती भी उन्होंने साल 1962 में यहां देखी थी। कई दशक तक अनेक प्रशासनिक आयोजन भी यहीं पर होते थे।
कमला नेहरू पार्क सुधार समिति के महासचिव प्रेम बंसल ने बताया कि करीब पाँच साल पहले तत्कालीन नगर निगम आयुक्त डाॅ. प्रवीन कुमार ने ओपन एयर थियेटर के नवनिर्माण के लिए चार करोड़ रूपये की मंजूरी दिये जाने की बात की थी। लेकिन इसके बाद अचानक से यह प्रोजैक्ट रद्द हो गया। बाद में सामने आया कि कई पार्षदों ने यहां पार्किंग की कमी व अन्य खामियां निकालकर प्रोजैक्ट को रद्द करा दिया। साथ ही वार्ड के पार्षद ने भी इसमें कोई रूचि नहीं दिखाई। यदि रूचि दिखाते तो प्रोजैक्ट सिरे चढ़ता।