पाक सेना प्रमुख राहील शरीफ से टेलीफोन पर की लम्बी बातचीत
नई दिल्ली : पाक प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने संयुक्त राष्ट्र में फिर एक बार अपने भाषण में कश्मीर का राग अलापा. उन्होंने हाल ही में मारे गए आतंकी बुरहान बानी को शांतिपूर्ण रूप से स्वंत्रता कि लड़ाई लड़ने वाला बताया. अपने उबाऊ भाषण में पाक पीएम ने जनमतसंग्रह की मांग की. साथ ही युएनओ से कश्मीर में जाँच के लिए एक टीम भेजने कि मांग की.
इस बात कि अशंका पहले से ही थी क्योंकि उन्होंने अपने भाषण से पूर्व प्रभावशाली सेना प्रमुख जनरल राहील शरीफ से टेलीफोन पर बातचीत की थी . अमेरिका के दबाव का शरीफपर कोई असर पड़ता नहीं दिखता. भारत के साथ बढ़ते तनाव के मद्देनजर स्पष्ट संकेत दिया कि कश्मीर के मुद्दे को पाक छोड़ने को तैयार नहीं है.
अपने भाषण का सर्वाधिक भाग उन्होंने कश्मीर पर ही केन्द्रित किया. पाक पीएम ने कश्मीर में गिरफ्तार राजनितिक नेताओं को रिहा करने कि मांग की.अफगानिस्तान में अपनी सेना कि भूमिका को सकारात्मक बताया.पाक को जिम्मेदार परमाणु देश बताते हुए कहा कि उनका परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह सुरक्षित है. उल्लेखनीय है कि भारत कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज 26 सितम्बर को युएनो में अपना भाषण देंगी. संभव है तब पाक पीएम को उनके हर बात का करार जवाब मिलेगा.
उल्लेखनीय है कि उरी में भारतीय सैन्य शिविर पर आतंकवादी हमले के बाद भारत के साथ पाकिस्तान के रिश्ते में काफी तनाव आ गया है। इस हमले में 18 सैनिक शहीद हो गए। संकेत थे कि शरीफ कश्मीर हिंसा को जोर-शोर से उठाने की योजना में थे लेकिन उरी आतंकवादी हमले के कारण पूरी दुनिया ने उससे किनारा कर लिया है. सभी बड़े देशों ने उसकी कड़ी आलोचनी कि है. इससे स्थिति बदल गयी है और इस हमले के बाद आतंकवाद का मुद्दा युएनओ में छा गया है। एक तरफ अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा ने उसे चेताया है तो दूसरी तरफ युएनो जीएस ने कश्मीर कि चर्चा तक नहीं की.
ऐसे में मीडिया में कयास लगाये जा रहे थे कि पाक प्रधानमंत्री अपने भाषण में संतुलन कायम कर रखेंगे लेकिन अपनी फितरत के अनुरूप पाक पीएम ने अपना भाषण दिया. वह कश्मीर में भारतीय उत्पीड़न की चर्चा तो करेंगे लेकिन वह तनाव खत्म करने के लिए सुलह कि बात कर सकते हैं.