भारत तथा दूरदेशों में भी उनके द्वारा मानवता के प्रति किये गये परोपकारों को याद किया
वर्तमान निरंकारी सद्गुरु माता सविंदर हरदेव जी महाराज के सान्निध्य में विशाल समागम
बाबा ने प्रत्येक श्रद्धालु भक्त को जीवन की नकारात्मकता को छोड़ने का संदेश दिया : माता सविंदर हरदेव
बाबा जी के जीवन तथा संदेश पर एक प्रदर्शनी का आयोजन भी किया गया
नई दिल्ली, 14 मई : संत निरंकारी मिशन ने, आज निरंकारी बाबा हरदेव सिंह जी महाराज की प्रथम पूण्य तिथि पर, भारत तथा दूरदेशों में समर्पण दिवस मनाया और उनके द्वारा मानवता के प्रति किये गये परोपकारों को याद कर अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किये। इस अवसर पर दिल्ली में एक विशाल समागम वर्तमान निरंकारी सद्गुरु माता सविंदर हरदेव जी महाराज के पावन सान्निध्य में आयोजित किया गया, जिसमें मिशन के दिल्ली तथा देश के अन्य भागों व दूरदेशों से आए हुये हज़ारों भक्तों ने भाग लिया।
इस अवसर पर निरंकारी भक्तों ने समर्पित भाव से मिशन को उन ऊँचाइयों तक पहुंचाने में योगदान देने के लिए प्रण किया जहाँ इसे बाबा हरदेव सिंह जी महाराज देखना चाहते थे। उन्होंने सद्गुरु माता सविंदर हरदेव जी महाराज को भी विश्वास दिलाया कि वे सभी कंधे से कंधा मिला कर उनके मागदर्शन में मिशन की सेवा करते रहेंगे।
विशाल जन समूह को सम्बोधित करते हुये सद्गुरु माता जी ने कहा कि बाबा हरदेव सिंह जी महाराज ने अपना समस्त जीवन मानवता के लिये समर्पित किया। मिशन की बागडोर सम्भाले हुये, बाबा जी ने ईश्वरीय इच्छा को स्वीकार करने तथा स्वयं को प्रत्येक परिस्थिति में ढालने की प्रेरणा दी। बाबा जी ने प्रत्येक श्रद्धालु भक्त को जीवन की नकारात्मकता को छोड़ने का संदेश दिया और संतों के संग से दिव्य गुणों को अपनाने के लिए कहा।
सद्गुरु माता जी ने कहा कि बाबा जी ने अपनी आरम्भिक आयु में भी सभी का सम्मान किया और वहीं सम्मान सद्गुरु के रूप में प्रत्येक अनुयायी को भी देते रहे। बाबा जी ने सभी को अपना परिवार माना और सभी का ध्यान रखा। सद्गुरु माता जी ने बाबा जी के जीवन से कई प्रेरक उदाहरण देकर बताया कि बाबा जी ने सदैव अपनी अथाह सहनशीलता तथा दृढ़ता को हमारे समक्ष रखा। वे प्रत्येक पस्थितिथि में स्वयं को ढालना जानते थे। अपनी आध्यात्मिक यात्राओं के दौरान किसी भी प्रकार की असुविधा को आगे नहीं आने दिया।
अवनीत जी जिन्होंने निरंकारी बाबा जी के साथ अपने नश्वर शरीर को 13 मई, 2016 को त्यागा, के बारे में बताते हुये सद्गुरु माता जी ने कहा कि अवनीत जी में प्रेम, भक्ति तथा सहनशीलता की भावना अति प्रबल थी और यह भावना दूसरों के लिए प्रेरणा का स्रोत रहेगी। अवनीत जी सभी को सत्संग करने का संदेश देते रहे।
इससे पूर्व दिल्ली तथा देश के अन्य भागों और दूरदेशों से आये हुये कई संत महापुरूषों ने बाबा जी को अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किये। उन्होंने बाबा जी द्वारा कठिन परिस्थितियों में मिशन के आध्यात्मिक मागदर्शक के रूप में प्रकट होने को याद किया और कहा कि बाबा जी ने मिशन को अपनी अथाह सहनशीलता से शांतिप्रिय विश्वबंधुत्व का आंदोलन बना दिया। कई भक्तों ने अपने निजी अनुभवों का ज़िक्र किया जिसमें बाबा जी द्वारा की गई आध्यात्मिक यात्राओं के दौरान प्रत्येक श्रद्धालु भक्त पर प्रेम तथा स्नेह किया गया था।
मुख्य वक्ताओं में पूज्य गोबिंद सिंह जी चेयरमेन, के.आर.चड्ढा , वाईस चेयरमेन केन्द्रीय योजना तथा सलाहकार बोर्ड, सी.एल. गुलाटी , सचिव संत निरंकारी मण्डल तथा संत निरंकारी चेरिटेबल फाउंडेशन, सुखदेव सिंह , ज़ोनल इंचार्ज अमृतसर, श्री एच.एस. उपासक यू.के., सुखबीर शाह जी, कनाडा, तथा गुरनाम सिंह दुबई शामिल थे।
समागम के दौरान एक कवि दरबार का आयोजन किया गया जिसका विषय था – ’सदा समर्पित हो सद्गुरु को, गुरमत राह पर कदम बढ़ायें’। कई कविओं तथा गीतकारों ने जिसमें गुरू परिवार से भी सम्मिलित थे बाबा जी को श्रद्धा सुमन अर्पित किय।
इस अवसर पर निरंकारी स्टूडियो द्वारा तैयार की गई एक डाक्यूमेंटरी भी दिखाई गई जिसमें बाबा जी के जीवन को दर्शाया गया। यह डोक्यूमेंटरी देश तथा दूरदेशों में होने वाले समर्पण दिवस पर सभी कार्यक्रमों में दिखाई गई।
दिल्ली में इस डाक्यूमेंटरी के बाद बाबा जी के विडियो रूप में पावन संदेश को दिखाया गया। इसको भी दूरदेशों में होने वाले कार्यक्रमों में दिखाया गया।
समागम के दौरान बाबा जी के जीवन तथा संदेश पर एक प्रदर्शनी का आयोजन भी किया गया जिसका विषय था ’सर्वस्व समर्पण के सम्पूर्ण प्रतीक’। यह प्रदर्शनी 13 और 14 मई को भक्तों के लिए खुली रही।