सत्संग से पाप नष्ट होते हैं : महंत राधेश्याम

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श्री शिवपुराण कथा ज्ञान यज्ञ

सौभाग्यशाली होता है संत दर्शन पाने वाला 

रजिया पाराशर

फरीदाबाद/तिगांव,20 सिंतबर : तिगांव स्थित कुराली मोड़ पर चल रही श्री शिवपुराण कथा ज्ञान यज्ञ के दौरान महंत राधे श्याम व्यास जी महाराज ने हजारों की संख्या में उपस्थित शिव भक्तों को संबोधित करते हुए कहा कि मानव जीवन में शरीर, परिवार, रिश्तेदार, व्यापार,सभी पिछले जन्मों के कर्मो के हिसाब से मिलते हैं, लेकिन संत दर्शन और सत्संग व्यक्ति को आसानी सेshiv_katha-2-a प्राप्त नहीं होते हैं .

उनका कहना है कि जिस प्रकार बगैर पानी के मानव जीवन व्यर्थ है उसकी प्रकार संत के दर्शन बगैर जीवन निरर्थक है। उन्होंने कहा कि संत दर्शन मात्र से ही मानव की दरिद्रता दूर होती हैं। इसी प्रकार अगर किसी को सत्संग सुनने का अवसर प्राप्त हो जाए तो फिर उनका जीवन ही सवर जाता है। सत्संग से मानव जीवन के पाप धीरे-धीरे नष्ट होने लगते हैं। इसके प्रभाव से मानव जीवन सौभाग्यशाली बन जाता है। ऐसा हमारे पुराण कहते हैं।

उनके शब्दों में महाग्रंथ पुराण में आया है कि सुत धारा ग्रह लक्ष्मी पापी के भी होए, संत समागम हरि  कथा मुलसी दुर्लभ होए, महंत जी ने श्रोताओं को इसका खुले शब्दों में वर्णन करते हुए कहा कि रावण के जीवन में सुंदर शरीर, बेहतर परिवार,  विद्या, धन, रिश्तेदार व तमाम सुख उसको प्राप्त हुए, लेकिन जीवन में संत दर्शन और सत्संग रावण को प्राप्त न होने के कारण वह सौभाग्यशाली नहीं बन सका। उन्होंने अपनी बात पर बल देते हुए कहा कि केवल संत दर्शन से जहां मानव के कष्ट समाप्त हो जाते है वहीं सत्संग मानव को जीवन के अंधेरे से प्रकाश की तरफ ले जाता है। इस मौके पर एडवोकेट धीरज अधाना,पप्पी नागर, आरके वर्मा, ज्ञानी मित्तल, मुकेश वर्मा, गिन्नी गर्ग, बलवीर प्रजापत, मागेराम, सुरेश मित्तल, बल्ला मित्तल,नरेंद्र ठेकेदार,देवेन्द्र पाराशर के अलावा गणमान्य लोग, महिला,बुर्जुग व बड़ी संख्या में बच्चे भी उपस्थित रहे।

 

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