सैकड़ों वर्ग गज जमीन हुई माता मंदिर की, बनेगा धार्मिक कक्ष
गुरुग्राम, 3 मई: सर्वशक्ति प्रदायिनी कही जाने वाली मां भगवती को भी न्याय के लिए 14 वर्ष तक इंतजार करना पड़ा और अब न्यायालय ने श्रीमाता शीतला मंदिर की जमीन पर चल रहे विवाद का फैसला माता मंदिर के पक्ष में किया है।
उक्त जानकारी देते हुए श्रीमाता शीतला देवी श्राइन बोर्ड के सदस्य व आचार्य पुरोहित संघ के अध्यक्ष पं. अमरचंद भारद्वाज ने कहा कि जैसा कहा जाता है कि मां के दरबार में देर है अंधेर नहीं, यही कहावत सुप्रीम कोर्ट ने भी चरितार्थ करते हुए देर ही सही लेकिन न्यायिक फैसला सुनाया है। पं. अमरचंद ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा गुरुग्राम तहसील व जिला गुरुग्राम आराजी खसरा नंबर 15475/2290/4/1-15474/2290/1 की जमीन जो मंदिर के साथ सेक्टर 12 रोड से सटी हुई है, के विरुद्ध दायर की गई एसएलपी को खारिज कर दिया गया है।
जमीन का फैसला श्रीमाता शीतला देवी पूजा स्थल बोर्ड ग्राम के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिया गया है। पं. अमरचंद ने बताया कि उक्त जमीन का फैसला आने के बाद बुधवार को श्रीमाता शीतला देवी पूजा स्थल बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी वत्सल वशिष्ठ के साथ उपायुक्त द्वारा नियुक्त ड्यूटी मजिस्ट्रेट जयभगवान वत्स (तहसीलदार गुरुग्राम), बोर्ड सदस्य ब्रह्मप्रकाश आदि की मौजूदगी में उक्त जमीन को बोर्ड माता मंदिर के अधीन लिया गया। पं. अमरचंद ने कहा कि करीब सैकड़ों वर्ग गज श्रीमाता मंदिर को मिली है। इस जमीन के जरिए मंदिर में आने वाली आने वाले श्रद्धालुओं को सुविधा प्रदान करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह फैसला लगभग 14 वर्ष की अथक परिश्रम के बाद आया है।
पं. अमरचंद ने कहा कि उक्त जमीन के सदुपयोग के लिए शीघ्र श्रीमाता शीतला श्राइन बोर्ड और पूजा स्थल बोर्ड की संयुक्त बैठक कर प्रस्ताव तैयार किया जाएगा। जमीन पर प्रयास होगा कि श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए धर्मशाला अथवा अन्य किसी धार्मिक कक्ष का निर्माण कराया जा सके। उन्होंने कहा कि इस फैसले के आने के बाद श्राइन बोर्ड के सदस्यों पूरे मंदिर कमेटी और वहां कर्मचारियों में हर्ष व्याप्त है।