दहेज मुक्त मेव समाज बनाने को लेकर आज होगी पांच राज्यों के प्रमुख लोगों की महापंचायत

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: दहेज नासूर बनता जा रहा है, इसपर रोक जरूरी

: अब पहले भी कई हो चुकी हैं महापंचायतें 

: महापंचायत में शामिल होने के लिये उलमा, राजनीतिक लोग और खाप पालों के चौधरियों को भी दी गई है दावत

यूनुस अलवी

मेवात: देश के पांच राज्यों के करीब 52 से अधिक जिलों में आबाद मेव समाज को दहेज मुक्त बनाने को लेकर बृहस्पतिवार को नूंह के पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में महापंचायत होने जा रही है। महापंचायत का आयोजन पूर्व बीडीपीओ लियाकत अली, हाजी ऐजाज, हाजी नईम इकबाल और समस्त मेवातियों द्वारा किया जा रहा है। पंचायत में शरीक होने के लिये राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र और हरियाणा के जिलों में आबाद मेव समाज के प्रमुख लोगों को दावत दी गई है। वहीं महापंचायत में शामिल होने के लिये उलमा, मुफ्ति, समाज के खापपालों के चौधरी और सियासी रहनुमाओं को भी बुलाया गया है। महापंचायत मे हजारों लोगों के भाग लेने कि उम्मीद है। वैसे अब से पहले पुन्हाना, बडकलली चौक, फिरोजपुर झिरका और हथीन इलाकों में ऐसी दहेज विरोधी पंचायतें हो चुकी हैं लेकिन उनका असर कम ही नजर आ रहा है। आज भी बारातों में सैंकडों गाडियां, भात, छूछक, सगाई जैसी रस्म चल रही हैं जबकी अब से पहले कि हुई पंचायतों में इन पर रोक लगाने कि बात कही गई थी।
 
   महापंचायत के आयोजक पूर्व बीडीपीओ लियाकत अली, हाजी ऐजाज और हाजी नईम इकबाल ने बताया कि यह महापंचायत केवल मेवातियों के लिये नहीं है बल्कि भारत के राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र और हरियाणा के करीब 52 जिलों में आबाद मेव समाज के प्रमुख लोगों को बुलाया गया है। हरियाणा के नूंह, पलवल, फरीदाबाद, गुडगांव, उत्तर प्रदेश के मथुरा, गाजियाबाद, राजथान के अलवर, भरतपुर, झालावाड, महाराष्ट्र के औरंगाबाद  और महाराष्ट्र के इंदौर सहित देश के 52 से अधिक जिलो में मेव मुस्लिम समाज के करोडों लोग आबाद हैं। 
 
   उनका कहना है कि मेवात इलाका दहेज और फिजूल खर्ची के मामले में बहुत ज्यादा फंस गया है। दहेज लोगों की डिमांड पूरी करने के लिये लोगों को मजबूर होकर अपनी जमीन, जायदात तक बैचनी पड रही हैं या फिर ब्याज पर कर्जा लेना पडता है। उनका कहना है कि बहुत से दहेज लोभियों को इससे कोई फर्क नहीं पडता कि लडकी कितनी पढी बस उनकी तो सोच ये होती है कि दहेज में कौन सी कार और कितनी रकम दी जाऐगी। लडके और लडकियों कि शिक्षा पर भी जोर दिया जाऐगा।
 
  मुफ्ति जाहिद हुसैन और पूर्व बीडीपीओ लियाकत अली ने बताया कि पंचायत में छह ऐजेंडे रखे गये हैं जिन पर आने वाले लोग अपनी बात रख सकते हैं। पंचायत में सियासी बातों और एक दूसरे पर छींटाकशी की मनाई होगी। उन्होने बताया कि महापंचायत बुलाने का मकसद शादी में फिजूल खर्ची और दहेज पर रोक लगाना है तथा इसलामी तरीके से शादियां हो और कुरान-हदीश की रौशनी में बेटियों को दहेज नहीं बल्कि मिरास (हिस्सा) दिया जाऐ। दहेज के लेनदेन, गैरइस्लामी रस्मों रिवाजों पर पाबंदी लगे और इलाके में फैली नशाबंदी, जुआ सटट्टा आदि पर रोक लगाने के लिये भी पंचायत में विचारविमर्श किया जाऐगा।

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