Font Size
अध्यापकों का अभाव, गुरूग्राम में कैसे सुधरे शिक्षा का स्तर ?
प्राथमिक स्कूलों में अध्यापकों की 42 प्रतिशत कमी
आर एस चौहान
गुरूग्राम, 09 अप्रैल : गुरूग्राम जैसे हाईटैक और आधुनिक शहर में भी सरकारी स्कूलों में अध्यापकों की भारी कमी चिंता का विषय है। हरियाणा सरकार शिक्षा को बढ़ावा देने के दावे करती है, लेकिन अध्यापकों की भारी कमी सरकार की उदासीनता दिखाता है।
मानव आवाज संस्था के संयोजक अभय जैन और प्रवक्ता बनवारी लाल सैनी ने बताया कि आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक गुरूग्राम के प्राथमिक स्कूलों में अध्यापकों की करीब 42 प्रतिशत कमी है। गुरूग्राम के 135 प्राथमिक स्कूलों में अध्यापकों के 1085 पद स्वीकृत हैं। इनमें से 670 पदों पर ही अध्यापक नियुक्त हैं और 415 पद खाली पड़े हैं। विभाग ने 51 गैस्ट अध्यापकों की भर्ती की है.
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान चलाने वाली सरकार की हकीकत यह है कि अनेक कन्या स्कूलों में अध्यापकों की संख्या न के बराबर है। गांव मोलाहेड़ा के कन्या प्राथमिक स्कूल में अध्यापकों के 17 में से 14 पद खाली पड़े हैं। गांव नाथूपुर के कन्या प्राथमिक स्कूल में अध्यापकों के 13 में से 12 पद खाली पड़े हैं। गुरूग्राम गांव के कन्या प्राथमिक स्कूल में 14 की बजाय महज 7 अध्यापक हैं। गांव झाड़सा के कन्या प्राथमिक स्कूल में 5 की बजाय 2 अध्यापक हैं। सरहोल गांव स्थित प्राथमिक कन्या विधालय में 20 में से 19 पद खाली पड़े हैं।
लड़कों के भी अधिकतर प्राइमरी स्कूलों में भी अध्यापकों की संख्या कम है। बंधवाड़ी गांव स्थित प्राथमिक स्कूल में अध्यापकों के 7 में से 5 पद खाली पड़े हैं। गांव चकरपुर स्थित प्राथमिक स्कूल में अध्यापकों के 25 में से 22 पद खाली पड़े हैं। गांव डूंडाहेड़ा के प्राथमिक स्कूल में अध्यापकों के 36 में से 28 पद खाली पड़े हैं। गांव घाटा के प्राथमिक स्कूल में भी अध्यापकों के 8 में से 6 पद खाली पड़े हैं। सेक्टर-43 स्थित गवर्नमेंट माॅडल संस्कृति स्कूल में अध्यापकों के 12 में से 10 पद खाली पड़े हैं। इंदिरा काॅलोनी प्राथमिक स्कूल में अध्यापकों के 8 में से 7 पद खाली पड़े हैं।