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खास खबर
: पहलू कांड के बाद राजस्थान जाने से डर रहे हैं व्यापारी
: करीब पांच हजार व्यापारियों पर रोजी रोटी का संकट गहराया
: पहलू हत्याकांड से फिरोजपुर झिरका पैंठ के ठेकेदारों को हर सप्ताह करीब तीन लाख रु.का घाटा उठाना पड़ रहा है
: योगी राज के बाद उत्तर प्रदेश के व्यापारियों ने मेवात आना किया बंद
यूनुस अलवी
मेवात: पिछले छह महिने से मेवात के व्यापारियों पर संकट के बादल छाये हुऐ हैं जो छंटने का नाम नहीं ले रहे हैं। एक के बाद एक कांड होने से मेवात इलाके के करीब पांच हजार से अधिक व्यापारियों कि रोजी-रोटी का संकट खडा हो गया है। वहीं पशु मेले के ठेकेदारों को पिछले छह महिने से कमाना तो दूर उनको करीब तीन लाख रूपये सप्ताह का घाटा हो रहा है। पहलू हत्याकांड से पशु काराबार 90 फीसदी घट गया है। मेवात के एक मात्र पशु मेला फिरोजपुर झिरका में जहां 6 महिने पहले 800 से एक हजार पशु हर सप्ताह आ जाते थे अब वे घट कर 50-60 पशुओं तक ही सिमट कर रहे गये हैं।
फिरोजपुर झिरका स्थित पशु पैंठ (पशु मैला) सप्ताह में सोमवार और मंगलवार को भैंड, कटरा, गाय, बैल के लिये लगता है, जबकी बृहस्पतिवार को बकरा, बकरी, भैड और मुर्गियों के लिये खरीदने और बैचने के लिये पैंठ लगती है। यह पशु पैंठ फिरोजपुर झिरका नगरपालिका द्वारा पिछले करीब 15 सालों से एक साल के ठेके पर छोडी जाती है। गत वर्ष यह पैंठ एक करोड 91 लाख रूपये में एक साल के लिऐ छोडी गई थी। फिरोजपुर झिरका पैंठ में राजस्थान के नगर, जयपुर और उत्तर प्रदेश के कौसीकलां पशु मेलों से व्यापारी खरीदकर यहां बैचने के लिये लाते हैं। इसके अलावा व्यापारी राजस्थान के बहरोड, राजगढ, दौसा और हरियाणा के रेवाडी और महेंद्रगढ जिलों से पशु गांवों से खरीदकर लाकर यहां बैचते हैं। फिरोजपुर झिरका पशु पैंठ से भैंस, कटरा आदि पशुओं को खरीदने के लिये उत्तर प्रदेश के बडे-बडे व्यापारी आते रहे हैं या फिर मेवात के बडे व्यापारी खुद उत्तरप्रदेश के बुचडखानों में लेजाकर अपने पशुओं को महगें दामों पर बैचकर अच्छा मुनाफा कमा लेते हैं।
फिरोजपुर झिरका पशु पैंठ को पहली जुलाई 2016 को सबसे ऊंची बोली लगाने वाले याकूब कांमेडा को एक करोड 91 लाख रूपये में एक साल के लिये ठेके पर छोडी थी। अधिक राशी होनी वजह से याकूब ने नूरशाह सहित आठ और लोगों को अपना हिस्सेदार बना लिया। ठेकेदार को हर सप्ताह तीन लाख 80 हजार रूपये नगरपालिका में पैंठ कि किस्त जमा करनी पडती है।
क्या कहते हैं पशु पैंठ के ठेकेदार ?
ठेकेदार नूर शाह ने बताया कि कई ठेकेदार मिलकर इस पैंठ को पिछले 15 साल से ठेके पर लेते आ रहे हैं। सभी को हर साल 10 से 20 लाख रूपये का मुनाफा हो जाता था। लेकिन इस बार उनको मुनाफा कमाना तो दूर करीब एक करोड का घाटा हो सकता है। उनका कहना है कि पहले तो नोंटबंदी के वजह से पशु पैंठ में नहीं आऐ जब पैसों कि किल्लत समाप्त हुई तो फौरन 15 मार्च से उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी ने बूचडखानों को सील करना शुरू कर दिया जिसकी वजह से उत्तर प्रदेश जाने वाले पशु शतप्रतिशत बंद हो गये। अब पहले अप्रैल को पहलू हत्या कांड कि वजह से मेवात के व्यापारी दहशत में जिसकी वजह से उन्होने राजस्थान और हरियाणा के रेवाडी, महेंद्रगढ आदि जिलों से पशु लाना बंद कर दिया है। उनका कहना है कि योगी द्वारा उत्तरप्रदेश के बूचड खाने बंद होने के समय उनकी पैंठ में केवल सौ से डेढ सौ तक पशु आते थे लेकिन जब से बहरौड पहलू हत्याकांड हुआ है तब से तो मैले में केवल 50 से 60 पशु ही आ पाते हैं। इस वजह से उनको करीब तीन लाख रूपये सप्ताह का घाटा हो रहा है। बृहस्पतिवार को कुछ भैड्र बकरी और देशी मुर्गा-मुर्गी आ जाते हैं जिससे 60-70 हजार रूपये बन जाते हैं नहीं तो उनको पूरी कि किस्त जैब से देनी पडती।
क्या कहते हैं व्यापारी ?
गांव दौहा से इसलाम, शमशु, गांव लाहाबास से भूरा और फखरू और फिरोजपुर झिरका से सिराजुदीन व्यापारियों का कहना है कि मेवात में तो पशु हैं ही नहीं इस वजह से मेवात के व्यापारी राजस्थान और हरियाणा के जिलों के गांवों और मैलों से पशु खरीदकर फिरोजपुर झिरका पैंठ में बैचते हैं। जब से बहरोड पहलू हत्या कांड हुआ है तब से एक भी व्यापारी राजस्थान ही नहीं बल्कि हरियाणा के अन्यों जिलों में नहीं जा रहा है। सभी को यही डर सता रहा है कहीं पहलू जैसी घटना उनके साथ ना हो जाऐ। उनका कहना है कि जब से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी बने हैं तब ये उत्तरप्रदेश के व्यापारियों ने मेवात आना छोड दिया है। मेवात के व्यापारी डर कि वजह से उत्तरप्रदेश पशुओं को ले नहीं जा रहे हैं। व्यापारी केवल मेवात के ही गांवों से दुधारू भैंस खरीदकर एक दूसरे को बैचकर काम चला रहे हैं। उनका कहना है कि इस पशु व्यापार से मेवात के करीब पांच हजार लोग जुडे हुऐ हैं।