सीवर कर्मियों की सुरक्षा के लिए ठेकेदार होंगे जिम्मेदार

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सरकार सभी ठेकेदारों से अंडरटेकिंग लेगी 

सुरक्षा मानकों पर अमल के निर्देश 

चण्डीगढ़, 8 अप्रेल :  हरियाणा सरकार ने राज्य में सीवरेज प्रणाली के संचालन एवं रख-रखाव हेतु तैनात कर्मचारियों के लिए सुरक्षा उपायों और सुरक्षित उपकरणों के सम्बन्ध में दिशा-निर्देश जारी किए है। जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी देते हुए कहा कि सीवर लाइनों या मैनहोल्ज में व्यक्ति के प्रवेश से बचा जाना चाहिए। बहरहाल, यदि अपरिहार्य स्थितियों में मैनहोल्ज में मानवीय प्रवेश अनिवार्य हो तो यह सुनिश्चित किया जाए कि ऐसा करते समय सभी आवश्यक सावधानियां बरती जाए।
उन्होंने कहा कि सीवरेज प्रणाली के संचालन एवं रख-रखाव का कार्य जहां ठेकेदार या एजेंसियों को सौंपा गया है ऐसे मामलों में उनसे यह अंडरटेकिंग ली जाएं कि वे सभी सावधानियां बरतेंगे। कार्य आवंटित करते समय ठेकेदार या एजेंसी से ऐसी अंडरटेकिंग हस्ताक्षरित करवाई जानी चााहिए।
गैस के खतरों से बचने के लिए वर्कमैन द्वारा बरती जाने वाली सावधानियों का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि सीवर या मैनहोल की सफाई करने या उत्पन्न बाधा को दूर करने के लिए उनमें प्रवेश करते समय प्राकृतिक या बलपूर्वक वायु के प्रवाह को बनाए रखा जाना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सीवर या मैनहोल के अन्दर वातावरण में पर्याप्त ऑक्सीजन है और वह जहरीले गैसों या वाष्पों से मुक्त है। उन्होंने कहा कि जहां वेंटिलेशन द्वारा विषाक्त वातावरण की इस तरह की सफाई संभव नहीं है या समय लेने वाली है तो सीवर या मैनहोल में प्रवेश करने से पहले अन्य आवश्यक सावधानियां बरती जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि सफाई के लिए मैनहोल में प्रवेश करने से कम से कम आधे घंटे पहले उसका ढक्कन खोल दिया जाना चाहिए तथा जब मैनहोल का ढक्कन खुला हो तो ट्रेफिक चेतावनी के संकेत खड़े किए जाने चाहिए ताकि दुर्घटना से बचा जा सके। इसके अलावा, धूम्रपान या खुली आग की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए, क्योंकि मीथेन गैस अत्यधिक ज्वलनशील होती है। प्रकाश के प्रतिबिंब के लिए केवल सुरक्षित, विस्फोट विरोधी प्रकाश उपकरण या दर्पण का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वातावरण का विषाक्त गैसों और ऑक्सीजन की कमी के लिए परीक्षण किया जाना चाहिए और यदि वातावरण सामान्य है, तो सुरक्षा के लिए दो व्यक्तियों को ऊपर खड़ा करके वर्कर या सीवरमैन मैनहोल या सीवर में प्रवेश कर सकते हैं।
प्रवक्ता ने कहा कि यदि कोई जहरीली गैस या ऑक्सीजन की कमी होती है, तो पोर्टेबल ब्लोअर का उपयोग करके वेंटिलेशन की व्यवस्था की जानी चाहिए। प्रारंभिक परीक्षण संतोषजनक होने पर भी लगातार परीक्षण से पुष्टि की जानी चाहिए क्योंकि मैनहोल या सीवर के अंदर वर्कर के रहने के दौरान परिस्थितियां बदल सकती हैं क्योंकि सीवर के अंदर कुछ छिपी हुई जगहों पर जहरीली गैसें फंसी हो सकती हंै। उन्होंने कहा कि यदि जबरन वेंटिलेशन संभव या संतोषजनक नहीं है और सफाई के लिए मैनहोल में प्रवेश करना जरूरी है तो श्वसन यंत्र के साथ एक गैस का मुखौटा पहना जाना चाहिए और अगर ज्वलनशील गैस अनुमेय सीमा के भीतर नहीं है तो प्रज्वलन से बचने के लिए अत्यधिक सावधानी बरती जानी चाहिए और सेफ्टी लाइट (सामान्य फ्लाई लाइटस नहीं),रबर या गैर स्पार्किंग जूते और गैर स्पार्किंग औजारों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि केवल कार्य में अनुभवी और जहरीली गैस के वातावरण में कार्य करने के खतरों से परिचित और उचित बचावात्मक सुरक्षा उपकरणों से लेस कर्मियों को ही प्रवेश की अनुमति दी जानी चाहिए।
प्रवक्ता ने कहा कि सीवरेज रखरखाव प्रणालियों में काम कर रहे कर्मियों में संक्रमण होने की संभावना रहती है और इसलिए आवश्यक सावधानी बरतनी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि कटने और जलने जैसी सभी मामूली चोटों की देखभाल के लिए आपातकालीन प्राथमिक चिकित्सा उपचार किट प्रदान किए जाने चाहिए। इसके अलावा, मजदूरों को सीवेज के माध्यम से पानीजनित रोगों जैसेकि पीलिया और हैजा तथा कटने एवं घावों से टेटनस होने के खतरों के बारे में शिक्षित किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि निजी स्वच्छता के महत्व पर जोर दिया जाना चाहिए और वर्करस को उंगली के नाखूनों को छोटा और अच्छी तरह से ट्रिम करने,जब वे पीडि़त हों तो उंगलियों को ब्रश न करने, भोजन लेने से पहले हाथों को एंटीसेप्टिक साबुन और गर्म पानी से धोने और उंगलियों को नाक, मुँह और आंखों से दूर रखने के निर्देश दिए जाने चाहिए क्योंकि हाथों में अधिकांश संक्रमण उत्पन्न करने वाले विषाणु और रोगाणु होते हैं। उन्होंने कहा कि रबड़ के दस्ताने और गम बूटस का प्रयोग करना चाहिए ताकि सीवेज या कीचड़ सीवरमेन के हाथों और पैरों के साथ सीधे संपर्क में न आए।
उन्होंने कहा कि सीवर रखरखाव के काम में विभिन्न सुरक्षा उपकरणों की आवश्यकता है। इसमें श्वास तंत्र, गैस मास्क, पोर्टेबल प्रकाश उपकरण, गैर स्पार्किंग टूल्स, पोर्टेबल एयर ब्लोअर, रबड़ के जूते, सुरक्षा बेल्ट और इनहेलर शामिल हैं। कार्यस्थल के वातावरण में व्याप्त विभिन्न प्रकार की गैसों का उपयुक्त ज्ञान सही प्रकार के सुरक्षा उपकरणों के चयन के लिए आवश्यक हो जाता है।
उन्होंने कहा कि यदि किसी मैनहोल या सेप्टिक टैंक के अंदर अशुद्घ वातावरण के कारण यदि उचित निकासी का इंतजार करना संभव नहीं है और सीवरमेन को तत्काल प्रवेश करना हो तो एक सक्षम पर्यवेक्षक के मार्गदर्शन और पर्यवेक्षण के अधीन ही केवल ऐसे सीरवमैन को मैनहोल में प्रवेश की अनुमति दी जानी चाहिए जो सुरक्षा बेल्ट, गैस मास्क और अन्य सुरक्षा उपकरणों के साथ काम करने के लिए प्रशिक्षित हो। आपात स्थिति में, पर्यवेक्षक को मदद के लिए तुरंत निकटतम पुलिस स्टेशन, अग्निशमन स्टेशन और अस्पताल से संपर्क करना चाहिए।

Suvash Chandra Choudhary

Editor-in-Chief

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