पंचायती राज संस्थानों के जन प्रतिनिधियों के लिए सर्टिफिकेट कोर्स : ओ.पी धनखड़

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चण्डीगढ़, 7 अप्रैल : हरियाणा के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री  ओम प्रकाश धनखड़ ने अधिकारियों को निर्देश दिए है कि वे पंचायती राज संस्थाओं के जन प्रतिनिधियों  को ग्रामीण विकास पाठ्यक्रम में दक्ष बनाने के लिए राज्य के विश्वविद्यालयों के साथ सर्टिफिकेट कोर्स आरम्भ करवाने के प्रस्ताव को तेजी से आगे बढ़ाकर समझौते ज्ञापन पर हस्ताक्षर करवाने की प्रक्रिया को पूरी करे ताकि पढ़ी लिखी पंचायतों के सदस्यों को शिक्षित से सक्षम बनाने के सरकार के विजन को सफल बनाया जा सके। 
 
श्री धनखड़ आज पंचायत एवं ग्रामीण विकास अधिकारियों की बुलाई गई एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
 बैठक में विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती नवराज सन्धू, निदेशक अशोक मीणा, ग्रामीण अजीविका मिशन के कार्यकारी अधिकारी श्री रमेश कृष्णन के अतिरिक्त अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।  
 
बैठक में श्री धनखड़ ने कहा कि इससे पूर्व हरियाणा ग्रामीण विकास संस्थान नीलोखेड़ी में जन प्रतिनिधियों का आवश्यक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया था जिसमें ग्रामीण विकास विशेषज्ञों जैसेकि झारखण्ड में जनजाति विकास में उल्लेखनीय कार्य करने वाले चेतन भगत, नोएडा उत्तरप्रदेश के कमल डावरी तथा खादी बोर्ड के पूर्व चेयरमैन पदमश्री महेश शर्मा, रामभाऊ म्हालगी प्रबोधिनी, मुम्बई के डॉ. विनय सहास्रबुद्घे, रविन्द्र साठे जैसी विभूतियों द्वारा व्याख्यान दिए गए थे। 
 
प्रशिक्षण मुख्य रूप से छ: विषयों पर केन्द्रित होगा, जिनमें पंचायती राज अधिनियम के तहत जनप्रतिनिधियों के अधिकार व कत्र्तव्य, ग्रामीण विकास की समग्र योजना, आधुनिक युग की मुख्य  फोक्स योजनाएं, प्रेरणा, किसी विशेष क्षेत्र की सफल उपलब्धियों पर वृत्तचित्र तथा कौशल विकास को शामिल किया गया था। 
 
 बैठक में मंंत्री ने अधिकारियों से कहा कि अब जन प्रतिनिधियों के लिए विश्वविद्यालयों के साथ अल्पवधि के सर्टिफिकेट कोर्स इसी शैक्षणिक सत्र से आरम्भ करवाना अनिवार्य है। इसलिए इस पर पूरा फोकस देना होगा।
 
हर गांव की श्री धनखड़ ने कहा कि हर गांव की एक वैबसाइट तैयार की जा रही है जिस पर ग्रामीण विकास योजनाओं की सभी जानकारियां उपलब्ध होंगी। अभी हाल ही मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल व केन्द्रीय रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने रोहतक जिले के निदाना गांव की बैवसाइट की शुरूआत की थी। स्वर्ण जयंती वर्ष के कार्यक्रमों के दौरान अनेक गांव की बवैसाइट लॉच की जाएगी। 

Suvash Chandra Choudhary

Editor-in-Chief

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