यूनुस अलवी
मेवात: जिला मुख्यालय नूंह से करीब आठ किलोमीटर दूर गांव सलंबा सहित आधा दर्जन गावों के बच्चे आठवीं कक्षा के बाद बच्चे पढाई छोडने को मजबूर हो रहे हैं। गांव के लोगों ने सलंबा स्थित मिडिल स्कूल को दसवीं कक्षा तक अपग्रेड कराने कि मांग कि है।
गांव सलंबा निवासी अबु बुरहान, वसीम अकरम, तालीम जैलदार, इक्लाश खान, साहिद नज़ीर, रबीन अहमद, इरफ़ान खान ने बताया कि उनके गांव में केवल आठवीं कक्षा तक का स्कूल है। आठवीें से आगे पढाई करने के लिये उनके बच्चों को करीब आठ किलोमीटर दूर नूंह, घासेडा आदि गांवों के स्कूलों में जाना पडता है। उन्होने बताया कि दसवीं और बारहवीं के स्कूल गांव से काफी दूर होने कि वजह से अधिक्तर बच्चे बीच में ही पढाई छोड देते हैं। उनका कहना है कि खासतौर से 95 फीसदी लडकियां स्कूल जाना छोड देती हैं। अधिक्तर मां-बाप आठवीं के बाद अपनी बेटियों को दूसरे गांवों पढने के लिये नहीं भेजते हैं।
उनका कहना है कि उनके गांव में मन्नाकी, बाजरक, सलम्बा सहित आधा दर्जन गांवो कि लडकियां भी गांव में पढ़ती है। उनका कहना है कि उनके गांव के स्कूल को अपग्रेड करने के लिये यहां के नेता और मंत्रियों ने कभी ध्यान नहीं दिया है। बल्कि मेवात से हर प्लान में कोई ना कोई मंत्री जरूर बनता है।
उनका कहना है कि नेता और अफसरों को इससे क्या लेना है क्योंकि उनके बच्चे अच्छे-अच्छे स्कूल मैं पढ़ते है। परेशानी तो आम गरीब लोगों के बच्चों को उठानी पडती है। समाजसेवी बुरहान खान ने कहा जब तक उनका स्कूल अपग्रेड नही होगा वे इसकी लड़ाई के लिये धरना, प्रदर्शन और रोड जाम कि क्यों करना पड़े, इसके लिये उनके गांव के लोग पूरी तरह तैयार हैं।