मां दुर्गा के तीसरे स्वरुप चंद्रघंटा की उपासकों ने की पूजा अर्चना

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मंदिरों में श्रद्धालुओं की लगी हैं लंबी कतारें

गुडग़ांव, 30 मार्च (अशोक): चैत्र नवरात्रों की साईबर सिटी में धूम मची हुई है। मंदिरों में तो क्या आवासीय क्षेत्रों में भी विभिन्न सामाजिक संगठनों एवं महिला मंडलों द्वारा मां भगवती के भजन-कीर्तन का आयोजन प्रतिदिन चल रहा है। इसी क्रम में शहर के विभिन्न मंदिरों में उपासकों ने वीरवार को दुर्गा मां के तीसरे स्वरुप मां चंद्रघंटा की पूरे विधि-विधान के अनुसार पूजा अर्चना की। प्रात: से ही मंदिरों में श्रद्धालुओं का तांता लगना शुरु हो गया था। सभी माता के मंदिरों को भव्य ढंग से सजाया गया है। मान्यता है कि देवी चन्द्रघंटा मस्तक पर अर्ध चन्द्र को सुशोभित किए हुए जीवन मे प्रकाश का स्त्रोत बन कर कार्य करती है। तीसरे नवरात्रे की पूजा का विशेष महत्व माना गया है। नवरात्रों के चलते इस समय शहर के सभी मन्दिरों मे विशेष पूजा का आयोजन चल रहा है। न्यू कालोनी मोड स्थित सुदर्शन मंदिर, गुफा वाला मन्दिर, सिद्वेश्वर मन्दिर, धन्टेश्वर मन्दिर, गीता भवन, चिंतपूर्णी मंदिर, राम मन्दिर सेक्टर-4 स्थित श्री कृष्ण मंदिर, श्रीराम मंदिर, बाबा प्रकाशपुरी आश्रम, शीतला माता मंदिर, सूर्य विहार के माता वैष्णों देवी मंदिर सहित अन्य मन्दिरों मे मां दुर्गा के दर्शनो के लिए भारी भीड उमड़ रही है। माता शीतला मंदिर में हजारों की संख्या में हरियाणा व इसके आस पास के प्रदेशों से श्रद्धालु माता के दर्शनों के लिए पहुंच रहे हैं। श्रद्धालु शीतला माता मंदिर में मां से जहां अपनी इच्छा पूरी होने की कामना कर रहे हैं, वहीं बच्चों का मुण्डन आदि कराकर धार्मिक अनुष्ठान भी कर रहे हैं। मंदिर परिसर स्थित तालाब की मिट्टी भी श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बनी हुई है। कहा जाता है कि इस तालाब की मिट्टी का बच्चों पर इस्तेमाल करने से उनको फोड़े फुंसी नहीं होते।

चौथे नवरात्रे पर आज उपासक करेंगे मां कृूष्मांडा की उपासना

गुडग़ांव, 30 मार्च (अशोक): मां दुर्गा के चौथे स्वरूप को कूष्माण्डा देवी के नाम से जाना जाता है। आज शुक्रवार को चौथे नवरात्रे पर उपासक मां कूष्माण्डा की उपासना करेंगे। धार्मिक ग्रंथों में उल्लेख है कि जब सृष्टि का अस्तित्व नहीं था, चारों ओर अंधकार ही अंधकार था तब मां कूष्माण्डा ने अपने हास्य से ब्रह्माण्ड की रचना की थी, कूष्माण्डा मां ही सृष्टि की आदि स्वरूपा आदि शक्ति हैं, इनके पूर्व प्रमाण का अस्तित्व था ही नहीं, मां का निवास सूर्यमण्डल के भीतर के लोक में है, इनके शरीर की कांति और प्रभाव सूर्य के समान ही दैदीप्यमान औरमां दुर्गा के तीसरे स्वरुप चंद्रघंटा की उपासकों ने की पूजा अर्चना 2 भास्वर है। मां के तेज प्रकाश से दसों दिशाएं प्रकाशित होती हैं, मां की 8 भुजाएं हैं, इनको अष्टभुजा देवी के नाम से भी जाना जाता है। इनके 7 हाथों में कमण्डलु, धनुष-बाण, कमल पुष्प, अमृत कुण्ड कलश, चक्र तथा गदा है, 8वें हाथ में सभी सिद्धियों और निधियों को देने वाली जप माला है। मां का वाहन सिंह है। मां की उपासना करने से श्रद्धालुओं के समस्त रोग, शोक भी नष्ट हो जाते हैं, इनकी भक्ति से आयु, यश, बल और आरोग्य की वृद्धि होती है। मां भक्तों की अल्पसेवा से ही प्रसन्न हो जाती है। मां की उपासना मनुष्य को सहज भाव से भवसागर से पार उतारने के लिए सर्वाधिक सुगम और श्रेष्ठतम मार्ग है।

भारतीय अखंड मंच ने की मांग

आर्थिक आधार पर ही दिया जाए आरक्षण

गुडग़ांव, 30 मार्च (अशोक): आरक्षण तो इस देश में हमेशा से ही बहस, विवाद और राजनीति का विषय रहा है। आर्थिक स्तर पर ही देशवासियों को आरक्षण मिलना चाहिए। उक्त बात भारतीय अखण्ड मंच के प्रदेश अध्यक्ष सुरेन्द्र सिंह राणा ने वीरवार को पत्रकारों से एक भेंट में कही। वह गुडग़ांव में आरक्षण को लेकर जागरुकता अभियान पर आए हुए थे। उन्होंने कहा कि देश में कई समुदाय के लोग रहते हैं और आए दिन कोई न कोई समुदाय आरक्षण की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन के लिए सड़कों पर उतर आता है, जिससे न केवल समाज का ताना-बाना छिन्न-भिन्न होने की आशंकाएं बढ़ जाती हैं, अपितु देश व प्रदेश का माहौल भी खराब हो जाता है और इस सब का खामियाजा आम आदमी को भुगतना पड़ता है। उन्होंने बताया कि संस्था समाज को आरक्षण के प्रति नुक्कड़ नाटकों व बैठकों के द्वारा जागरुक करने का प्रयास करेगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि हर समुदाय में आर्थिक तौर से कमजोर परिवार अवश्य होते हंै, जोकि अपने बच्चों को शिक्षा तक भी दिलवा नहीं पाते। ऐसे परिवारों को आरक्षण अवश्य मिलना चाहिए।

दरअसल भारतीय संविधान में आरक्षण की व्यवस्था देने का मुख्य उद्देश्य भारतीय समाज से असमानता को समाप्त करना तथा निम्न व पिछड़े वर्गों को जीवन के हर क्षेत्र में अवसर की समानता देना था, लेकिन आरक्षण की समीक्षा न होने व उसके दायरों के निरंतर बढ़ते जाने के लिए प्रमुख कारण यही है कि आज आरक्षण शासक वर्ग के लिए तुष्टिकरण की राजनीति का एक बड़ा औजार बन गया है। उन्होंने कहा कि ऐसे कई दल व संस्थाएं हैं जिनके अस्तित्व का आधार ही आरक्षण के भरोसे है। आरक्षण के वादे के दम पर तमाम दलों द्वारा अनुसूचित जाति जनजातियों को अपनी तरफ करने का सफल प्रयास किया जाता रहा है। उन्होंने कहा कि आर्थिक आधार पर अगर आरक्षण दिया जाए तो वह न केवल समानता के साथ अधिकाधिक लोगों को लाभ पहुंचाएगा, बल्कि वर्तमान आरक्षण की तरह तुष्टिकरण की राजनीति के तहत इस्तेमाल होने से भी बचेगा।

प्रोपर्टी टैक्स को लेकर ग्रामीणों में रोष

3 को होगा महापंचायत का आयोजन

गुडग़ांव, 30 मार्च (अशोक): नगर निगम क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गांवों के निवासियों से नगर निगम द्वारा प्रोपर्टी टैक्स वसूल किए जाने से ग्रामीणों में रोष व्याप्त हो गया है और वे इसके विरोध में लामबंद भी होने शुरु हो गए हैं। ग्रामीणों से प्रोपर्टी टैक्स यानि कि हाऊस टैक्स वसूले जाने का पहले से ही विरोध हो रहा है, लेकिन प्रशासन ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया। सामाजिक संस्था मानवाधिकार परिषद व संघर्ष समिति द्वारा खेड़कीदौला क्षेत्र में वीरवार को परिषद के प्रधान अनंतराम तंवर की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें आस-पास के गांवों के ग्रामीण भी बड़ी संख्या में शामिल हुए। संस्था के प्रवक्ता मानसिंह राघव ने बताया कि बैठक में शामिल गणमान्य लोगों ने नगर निगम द्वारा ग्रामीणों से हाऊस टैक्स वसूलने का विरोध करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार को इस बारे में सोचना चाहिए। ग्रामीण क्षेत्रों की ग्राम पंचायतें खत्म कर उनकी जमा पूंजी व करोड़ों-अरबों रुपयों की जमीनें नगर निगम ने अपने अधिकार में लेमां दुर्गा के तीसरे स्वरुप चंद्रघंटा की उपासकों ने की पूजा अर्चना 3 ली हैं और विकास कार्यों के नाम पर ग्रामीण क्षेत्रों में कुछ भी नहीं कराया जा रहा है। आज भी ग्रामीण पहले की तरह नारकीय जीवन जीने पर बाध्य हैं। बैठक में फैसला लिया गया कि आगामी 3 अप्रैल को क्षेत्र के गांव बैगमपुर खटौला स्थित पहाड़ी मंदिर में महा पंचायत का आयोजन किया जाएगा, जिसमें आस-पास के गांवों के ग्रामीणों को भी आमंत्रित किया गया है। महापंचायत में हाऊस टैक्स वसूले जाने पर विचार-विमर्श कर भावी रणनीति की घोषणा की जाएगी। इस बैठक में क्षेत्र के नाथू सरपंच, दुलीचंद, अशोक सरपंच, नरेश सहरावत, सूबे सिंह बोहरा, उदयवीर, सुदेश, विश्वजीत, प्रेम सिंह, बलराम व फतेसिंह आदि भी मौजूद थे।

 

अधिवक्ता अधिनियम विधेयक 2017 के विरोध में
आज जिला अदालतों में रहेगी हड़ताल
अधिवक्ता नहीं करेंगे अदालतों में मुवक्किलों की पैरवी

गुडग़ांव, 30 मार्च (अशोक): केंद्र सरकार अब अधिवक्ताओं की भी नकेल कसने की तैयारियां कर रही है। विधि आयोग द्वारा प्रस्तावित अधिवक्ता अधिनियम (संशोधन) विधेयक 2017 को लागू करने जा रही है, जिसका अधिवक्ता संघों ने विरोध करना भी शुरु कर दिया है। बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने इस प्रस्तावित विधेयक का विरोध करने के लिए आज शुक्रवार को पूरे देश में हड़ताल करने की घोषणा की है। देश की अदालतों में आज अधिवक्ता मामलों की पैरवी नहीं करेंगे। गुडग़ांव जिला बार सहित सोहना, पटौदी, फर्रुखनगर उप अदालतों में भी हड़ताल रहेगी। यह जानकारी जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सुदेश यादव ने देते हुए बताया कि अधिवक्ता प्रस्तावित विधेयक पर रोष प्रकट करने के लिए आज अधिवक्ता अदालतों में मामलों की पैरवी नहीं करेंगे। सुप्रीम कोर्ट के वकील भी आज सफेद पट्टी बांधकर अधिवक्ताओं का समर्थन करेंगे। उच्च न्यायालयों में भी हड़ताल रहेगी। बार काउंसिल से जुड़े अधिवक्ताओं का कहना है कि आगामी 8 अप्रैल को सभी राज्य बार काउंसिल के सदस्य, हाईकोर्ट व जिला अदालतों की बार के पदाधिकारी दिल्ली में काउंसिल के कार्यालय में बैठक कर रणनीति बनाएंगे। प्रधानमंत्री, विधि मंत्री व वित्तमंत्री से मिलकर विधेयक को रद्द करने का आग्रह किया जाएगा। अधिवक्ताओं का कहना है कि विधेयक लागू हो जाने पर अधिवक्ताओं की संस्थाएं ऐसे लोगों के नियंत्रण में होगी, जिनका वकालत से दूर तक का भी संबंध नहीं है।
क्या है विधेयक में
वरिष्ठ अधिवक्ता डा. अंजूरावत नेगी का कहना है कि यदि यह विधेयक लागू हो जाता है तो अधिवक्ताओं के सामने बड़ी परेशानियां खड़ी हो जाएंगी। प्रस्तावित विधेयक में कहा गया है कि काम में लापरवाही करने व अनुशासन तोडऩे पर अधिवक्ताओं पर कार्यवाही की जा सकेगी, अधिवक्ताओं को उपभोक्ता आयोग द्वारा निश्चित नियमों के अनुसार मुवक्किलों को हर्जाना देना होगा, अधिवक्ता व बार संघ अपनी मांगों को लेकर हड़ताल नहीं कर सकेंगे, उन पर जुर्माना लगाए जाने का प्रावधान भी विधेयक में हैं। विधेयक में यह भी कहा गया है कि न्यायाधीश या कोई भी न्यायिक पदाधिकारी लापरवाही व अनुशासनहीनता पर संबंधित अधिवक्ता का लाईसैंस रद्द कर सकता है। राज्य बार काउंसिल के आधे से अधिक सदस्य उच्च न्यायालयों द्वारा मनोनीत किए जाएंगे। इन सदस्यों में डाक्टर, इंजीनियर व व्यापारी वर्ग शामिल होगा, जबकि इस वर्ग का वकालत से दूर-दूर का भी संबंध नहीं है। डा. नेगी ने बताया कि विधेयक में यह भी कहा गया है कि सर्वोच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश, केंद्रीय निगरानी आयुक्त, चार्टेड अकाउंटेंट के अपीलीय पदाधिकारी द्वारा बार काउंसिल ऑफ इंडिया के आधे से अधिक सदस्य मनोनीत किए जाएंगे। विधेयक में कहा गया है कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया के सदस्य के लिए कोई चुनाव नहीं होगा। इसलिए इस विधेयक का विरोध किया जाना स्वभाविक है, जो अधिवक्ताओं व मुवक्किलों दोनों के ही हित में है।

श्रीमदभागवत कथा सप्ताह का आयोजन
कथा प्राणियों को भवसागर से ले जाती है भावसागर की ओर : पं. नवीन शास्त्री

गुडग़ांव, 30 मार्च (अशोक): सैक्टर 4 स्थित श्री राम मंदिर में श्रीमदभागवत कथा सप्ताह का आयोजन चल रहा है। इसका समापन आगामी 5 अप्रैल को धार्मिक आयोजन के साथ होगा। आयोजन समिति के सदस्य आरपी शर्मा ने बताया कि भागवत कथा प्रारंभ करने से पूर्व भव्य शोभायात्रा का आयोजन भी किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में महिलाओं ने पारंपरिक परिधानों में सुज्जलित होकर भाग लिया। पंडित नवीन शास्त्री द्वारा भागवत कथा का वाचन किया जा रहा है। उन्होंने भागवत कथा में शामिल महिला-पुरुषों को प्रवचन देते हुए कहा कि हरि कथा, कथा प्राणियों को भवसागर से भावसागर की ओर ले जाती है। कथा मन को मंदिर बना देती है। कथा गंगा के समान है। जैसे मां दुर्गा के तीसरे स्वरुप चंद्रघंटा की उपासकों ने की पूजा अर्चना 4गंगा ऊपर से नीचे की ओर बहती है, उसी प्रकार कथा व्यास के मुख से श्रोता तक नीचे पहुंचती है। उन्होंने कहा कि जहां जल की महत्ता होती है, वहां तीर्थ होता है, जैसे हरिद्वार, गंगासागर, वृंदावन, बंद्रीधाम आदि। कथावाचक ने भागवत महिमा, कुंती स्तुति, भीष्म चरित्र, गौकरण उपाख्यान आदि का बड़ी ही मनोरम शैली में वर्णन किया। आयोजन को सफल बनाने में राम अवतार कौशिक, लेखापाल, गोविंद राम गुप्ता, शिव शंकर भारद्वाज, धर्मसिंह शर्मा आदि का सहयोग रहा।

छीनाझपटी का आरोपी बरी

गुडग़ांव, 30 मार्च (अशोक): छीनाझपटी के मामले की सुनवाई करते हुए ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट कविता यादव की अदालत ने सबूतों के अभाव में आरोपी को बरी कर दिया है। बचाव पक्ष के अधिवक्ता अरुण शर्मा ने प्राप्त जानकारी के अनुसार रोहतक के नीरज ने वर्ष 2014 की 15 अगस्त को सिविल लाईन पुलिस थाना में लिखित शिकायत दी थी कि वह सैक्टर 10 में अपने मामा के यहां आया हुआ था। गत सायं वह टैंपो स्टेंड पर खड़ा था तो बाईक पर 3 युवक आए और उसके हाथ से उसका मोबाइल छीनकर फरार हो गए। बाईक पल्सर थी, लेकिन उस पर कोई नंबर नहीं लिखा था। पुलिस ने मामला दर्ज कर गुडग़ांव गांव के रोहित उर्फ काकू को गिरफ्तार कर लिया था और मोबाइल भी बरामद कर लिया था। मामले की सुनवाई हुई। अभियोजन पक्ष ने अदालत में जो सबूत व गवाह पेश किए, उनसे आरोपी पर लगे आरोप सिद्ध होना न पाते हुए अदालत ने आरोपी को बरी कर दिया है।

छीनाझपटी का आरोपी बरी

गुडग़ांव, 30 मार्च (अशोक): छीनाझपटी के मामले की सुनवाई करते हुए ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट कविता यादव की अदालत ने सबूतों के अभाव में आरोपी को बरी कर दिया है। बचाव पक्ष के अधिवक्ता अरुण शर्मा ने प्राप्त जानकारी के अनुसार रोहतक के नीरज ने वर्ष 2014 की 15 अगस्त को सिविल लाईन पुलिस थाना में लिखित शिकायत दी थी कि वह सैक्टर 10 में अपने मामा के यहां आया हुआ था। गत सायं वह टैंपो स्टेंड पर खड़ा था तो बाईक पर 3 युवक आए और उसके हाथ से उसका मोबाइल छीनकर फरार हो गए। बाईक पल्सर थी, लेकिन उस पर कोई नंबर नहीं लिखा था। पुलिस ने मामला दर्ज कर गुडग़ांव गांव के रोहित उर्फ काकू को गिरफ्तार कर लिया था और मोबाइल भी बरामद कर लिया था। मामले की सुनवाई हुई। अभियोजन पक्ष ने अदालत में जो सबूत व गवाह पेश किए, उनसे आरोपी पर लगे आरोप सिद्ध होना न पाते हुए अदालत ने आरोपी को बरी कर दिया है।

द्रोण रेहड़ी, पटरी यूनियन ने बैठक कर उपायुक्त को सौंपा ज्ञापन
उपायुक्त ने आज बुलाई है यूनियन की बैठक

गुडग़ांव, 30 मार्च (अशोक): रेहड़ी, पटरी, फेरी व छोटे दुकानदारों का प्रतिनिधित्व करने वाली द्रोण रेहड़ी, पटरी व फेरी कामगार यूनियन द्वारा कमला नेहरु पार्क में बैठक का आयोजन यूनियन के सुरेंद्र सिंह की अध्यक्षता में किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में यूनियन से जुड़े दुकानदारों ने भाग लिया। बैठक को संबोधित करते हुए कमेटी के सचिव राजेंद्र सरोहा, योगेश कुमार आदि ने कहा कि एमजी रोड़, हुडा सिटी सेंटर, इफ्को मेट्रो स्टेशन तथा सोहना रोड स्थित छोटे दुकानदारों पर रोजी-रोटी का संकट मंडरा गया है और इस सब की जिम्मेदार नगर निगम पुलिस विभाग व एचएसआईआईडीसी हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने पथ विक्रेताओं व छोटे दुकानदारों के लिए कानून बना रखा है, लेकिन जिला प्रशासन इस कानून का पालन नहीं करा रहा है। गरीब लोग अपने परिवार का पालन-पोषण करने के लिए रेहड़ी, पटरी लगाते हैं, लेकिन असामाजिक तत्व उन्हें तरह-तरह से परेशान करते हैं।

पुलिस विभाग भी उनकी नहीं सुनता। उन्होंने कहा कि उक्त क्षेत्रों में टाऊन बेंडिंग कमेटी की मीटिंग लिए बिना ही उक्त क्षेत्रों को नोन बेंडिंग जोन घोषित कर दिया गया है, जिससे हजारों लोग भुखमरी की कगार पर आकर खड़े हो गए हैं। उन्होंने जिला प्रशासन से मांग की है कि यदि इन क्षेत्रों को नोन बेंडिंग जोन घोषित किया जाता है तो इन क्षेत्रों में कार्य कर रहे पथ विक्रेताओं को कारोबार करने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था प्रशासन द्वारा की जाए। यह मांग द्रोण कमेटी ने उपायुक्त को ज्ञापन देते हुए की है। उपायुक्त ने कमेटी को आश्वस्त किया है कि आज शुक्रवार को बैठक कर समस्या का समाधान करा दिया जाएगा। कमेटी के पदाधिकारियों का कहना है कि ज्ञापन में प्रशासन से मांग की गई है कि छोटे दुकानदारों से अवैध वसूली व पुलिस उत्पीडऩ बंद कराया जाए, अतिक्रमण के नाम पर नगर निगम द्वारा रेहडिय़ों का सामान जब्त न किया जाए यदि जब्त किया जाता है तो पूरा सामान वापिस दिलाया जाए, नई रेहड़ी देने के नाम पर जो गौरखधंधा चल रहा है, उसे बंद किया जाए।

नहीं है शादी से कोई आपत्ति
प्रेमी जोड़े ने याचिका वापिस

गुडग़ांव, 30 मार्च (अशोक): प्रेमी जोड़े के परिजनों ने वीरवार को जिला एंव सत्र न्यायाधीश हरनाम सिंह ठाकुर की अदालत में अपने बयान दर्ज कराकर कहा कि उन्हें प्रेमी जोड़े की शादी से कोई आपत्ति नहीं है, जिस पर प्रेमी जोड़े द्वारा दायर की गई याचिका को उनके द्वारा वापिस ले लिया गया और जोड़ा अपने घर चला गया।
गौरतलब है कि इंदिरा विकास कालोनी सिलोखरा के सुनील कुमार एवं पूनम ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से गत दिवस उक्त अदालत में याचिका दायर कर गुहार लगाई थी कि वे काफी समय से एक दूसरे को जानते हैं और वे बालिग भी हैं। उन्होंने परिजनों से शादी कराने की इच्छा व्यक्त की थी, लेकिन परिजनों ने इसकी इजाजत नहीं दी, जिस पर उन दोनों ने नई दिल्ली के सिविल लाईन क्षेत्र स्थित आर्य समाज मंदिर में गत 16 फरवरी को हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार प्रेम विवाह कर लिया था। लड़की के परिजनों को जब इसकी सूचना मिली तो उन्होंने उन्हें धमकियां देनी शुरु कर दी थी, जिस पर अदालत ने उन्हें एक दिन के लिए पुलिस संरक्षण में शैल्टर होम भेज दिया था और लड़की के परिजनों को अदालत में पेश होने के आदेश दिए थे।

 

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