चारागाह की जमीनों को पट्टे पर पंचायतें नहीं छोड़े, सरकार को लिख्नेगे : अहलूवालिया

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: जहां स्लाटर हाउस बने हैं वहीं वैध पशुओं को काटें

: खुले में पशुओं को काटने नहीं दिया जाएगा

: भाजपा के संस्थापक सदस्य एंव भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डाक्टर बशीर अहमद के निवास पर आहलूवालिया का स्वागत 

 
यूनुस अलवी
 
चारागाह की जमीनों को पट्टे पर पंचायतें नहीं छोड़े, सरकार को लिख्नेगे : अहलूवालिया 2मेवात:   भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष मोहन सिंह अहलूवालिया मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक सदस्य एंव भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डाक्टर बशीर अहमद के नगीना कस्बे स्थित निवास पर पहुंचे। इस मौके पर अहलूवालिया का पगडी बांधकर जोरदार स्वागत किया गया। उन्होने कल्याण बोर्ड द्वारा शुरू किये गये गोकुल मिशन से जुडने के लिये मेवातियों से आहवान किया और कहा कि इस मिशन से जुडकर युवा रोजगार हांसिल कर सकते है। आप को बता दें कि मोहम्मद सिंह अहलूवालिया ने डाक्टर बशीर से साथ मिलकर उस दौर में भाजपा पार्टी के लिये काम किया था जिस दौर में मुस्लिम समाज के लोग भाजपा के नाम से दूर रहते थे।
 
   इस मौके पर पार्टी के लिये अपने साथ काम करने वालों कई साथियों से बीती बातें याद की। मोहन सिंह ने डाक्टर बशीर के बारे में कहा कि वह ऐसे इंसान हैं जिनके अंदर जाति-धर्म नहीं बल्कि इंसानियत बसती है। उन्होने हमेशा ही समाज के दबे कुचले लोगों के लिये काम किया है। डाक्टर बशीर कि कुर्बानी को कभी भुलाया नहीं जा सकता। उनहोने माना कि आज हजारों लोग भाजपा के साथ जुड रहे हैं लेकिन जिस दौर में डाक्टर बशीर के साथ उन्होने काम किया वह बहुत कठिन दौर था।
 
    उसके बाद उन्होने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि प्रदेश में गोचारागाह या पशु चारागाह के लिये पंचायतों में मौजूद जमीन को पंचायतें पट्टे पर छोड रही हैं। जिसकी वजह से पशुओं को हरा चारा नहीं मिल रहा है। उन्होने कहा कि बोर्ड कि ओर से प्रदेश सरकारों को लिखा जाऐगा कि गोचारा कि जगोह को पट्टे पर ना छोडा जाऐ।
 
  वहीं मोहन सिंह ने लोगों से आहवान किया कि सरकार द्वारा बनाऐ गये स्लोटर हाउसों में ही पशुओं को काटें, खुले में पशुओं को काटने नहीं दिया जाऐगा। इसके उन्होने पलवल, पिनगवां आदी जगह पर इसके आदेश दे दिये हैं। फिरोजपुर झिरका सहित कई जगहों पर स्लोटर हाउस तो बने हुऐ लेकिन लोग वहां पशुओं को नहीं काटते ऐसे लोगो को पहले समझाया जा रहा है नहीं तो फिर अपने हिसाब से उनको बंद कराया जाऐगा। उन्होने कहा कि गोहत्या के नाम पर बदानाम किया जा रहा है जबकी मेवात में जनसंख्या के प्रतिशत में नहीं बल्कि कुछ ग्रुप समूह व्यापार कि नियत से इसे अंजाम देते हैं।
 
   उन्होने कहा कि उसे मेवाती होने पर गर्व है लेकिन बहुत से लोग अपनी मेवाती होने कि पहचान छिपाते हैं। आपसी भाईचारा, सदभावना, आजादी से रहने वाला पूरे देश में कोई इलाका नहीं हैं। उन्होने कहा मेवात के युवाओं में इतना टेलेंट है कि वे पीतल को सोना बनाकर दूसरे इलाके में बैच देते हैं लेकिन वे हमेशा ही उलटी दिशा में चलते हैं अगर इस हुनर को मेवाती सही इस्तेमाल करें तो दुनिया में मेवात का नाम कर सकते हैं।
 
  इस मौके पर डाक्टर बशीर अहमद, सुबेदार खान, हाजी हसन मोहम्मद, इसाक सरंपच, नवीन आर्य, मुमताज ऐडवोंकेट सहित काफी प्रमुख लोग मौजूद थे।

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