लेखकों को प्रोत्साहन राशि पांच लाख रुपए से बढाकर सात लाख करने का ऐलान
हरियाणा ग्रंथ अकादमी की ओर से लेखकों को हर वर्ष एक-एक लाख रुपए के 10 पुरस्कार
साहित्य संगम के थीम मसकट लाडो का अनावरण किया
चण्डीगढ़ : हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि साहित्य व संस्कृति किसी भी समाज का आईना होती है। वेद व उपनिषदों की हरियाणा की धरा की सभी साहित्य अकादमियों को डिजिटलाईज किया जाएगा ताकि कोई भी व्यक्ति वैबसाईट के माध्यम से इनकी जानकारी ले सके। मुख्यमंत्री ने हरियाणा साहित्य अकादमियों द्वारा प्रतिवर्ष साहित्यकारों और लेखकों को दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि पांच लाख रुपए से सात लाख व अढ़ाई लाख रुपए से बढ़ा कर पांच लाख रुपये करने की घोषणा भी की। हरियाणा ग्रंथ अकादमी की ओर से लेखकों को हर वर्ष एक-एक लाख रुपए के 10 प्रोत्साहन पुरस्कार आरंभ करने की भी घोषणा की, जो पंडित दीन दयाल उपाध्याय, स्वामी विवेकानंद व पूर्व उप मुख्यमंत्री स्वर्गीय मंगल सेन के नाम पर होंगे।
मुख्यमंत्री, जो हरियाणा साहित्य अकादमियों के अध्यक्ष भी हैं, आज पंचकूला के सैक्टर-5 स्थित इन्द्रधनुष ऑडिटोरियम में हरियाणा स्वर्ण जयंती वर्ष कार्यक्रमों की श्रृंखला में हरियाणा सूचना, जन संपर्क एवं भाषा विभाग के तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय हरियाणा साहित्य संगम कार्यक्रम का शुभारंभ करने उपरांत उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहे थे।
दो हजार से अधिक पंजीकृत साहित्यकारों व रचनाकारों से खचाखच भरे सभागार से गदगद मुख्यमंत्री ने कहा कि लेखक अपनी लेखनी के माध्यम से समाज निर्माण में अपना अमूल्य योगदान देता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लगभग तीन वर्ष पहले देश व समाज के लिए समर्पित भाव से कार्य करने का जो संकल्प लिया है, उससे पूरा देश प्रभावित हुआ है और राजनीति में एक नए युग की शुरूआत हुई है जबकि पहले के नेता मैं और मेरा परिवार पहले समाज जाए भाड़ में की भावना के साथ राजनीति करते थे। उन्होंने कहा कि सरकार सडक़, अस्पताल, स्कूल व अन्य आधारभूत संरचना के निर्माण कार्य करवाती है, परंतु साहित्यकार सही मायनों में समाज निर्माण का कार्य करता है जो एक सराहनीय कार्य है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा गठन के स्वर्ण जयंती वर्ष के कार्यक्रमों को उन्होंने प्रदेश की अढ़ाई करोड़ जनता को समर्पित किया है और वे चाहते हैं कि हर कोई इसमें अपनी भागीदारी दे, चाहे वह गांव का हो, शहर का हो या अन्य किसी शहर का। भले ही वह एक श्रोता के रूप में स्वर्ण जयंती कार्यक्रम से जुड़े। उन्होंने कहा कि हरियाणा का साहित्यिक दृष्टि से भूतकाल उत्तम रहा है। भविष्य को भी वे उत्तम बनाना चाहते हैं। संस्कृत, उर्दू व पंजाबी भाषाओं का उदगम स्थल का श्रेय हरियाणा को जाता है। फार्सी व अरबी से बोलचाल की भाषा उर्दू निकली। हरियाणा में सरस्वती नदी के किनारों पर महर्षि वाल्मिकी ने रामायण की रचना रची। ऋग्वेद की रचना भी यहां हुई है। हरियाणा की विभिन्न बोलियों के बारे जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अहीरवाटी, बागड़ी, मेवाती, बांगर, कौरवी व बृज भाषा यहां पर बोली जाती हैं और हरियाणा की भाषा को विट्टी भाषा कहा जाता है भले ही वह व्यंग्यात्मक हो।
इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने हरियाणा पुलिस द्वारा दिये गए गार्ड ऑफ ऑनर का निरीक्षण किया और सलामी ली। मुख्यमंत्री ने साहित्य संगम के थीम मसकट लाडो का अनावरण भी किया। उन्होंने पुस्तक मेले में लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। मुख्यमंत्री ने हरियाणा साहित्य अकादमी के सहयोग से डॉ माकंर्डेय आहुजा द्वारा लिखित दो पुस्तकों का विमोचन भी किया। मुख्यमंत्री ने वर्ष 2014, 2015 व 2016 के साहित्यकारों व लेखकों को पुरस्कृत भी किया।
सूचना, जन संपर्क एवं भाषा विभाग की मंत्री श्रीमती कविता जैन ने अपने संबोधन में प्रदेश व देश के कोने-कोने से आए साहित्यकारों, लेखकों व चिंतकों का हरियाणा स्वर्ण जयंती कार्यक्रम में पहुंचने पर हरियाणा सरकार की ओर से अभिनंदन करते हुए कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि वे इस विभाग की मंत्री हैं। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का थीम भी बेटियों को समर्पित किया गया है। इसका थीम आज मसकट लाडो रखा गया है। आज हमारी लाडो ओलंपिक में मैडल लाती है। हर क्षेत्र में आगे है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 22 जनवरी, 2015 को पानीपत से बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के राष्ट्रव्यापी अभियान की शुरूआत की थी और आज लोगों के सहयोग व सरकार की प्रतिबद्धता से प्रदेश का लिंग अनुपात एक हजार लडक़ों के पीछे 938 लड़कियों तक पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि भावी पीढ़ी को संस्कारवान बनाना हम सब की प्राथमिक्ता होनी चाहिए।
इस अवसर पर हरियाणा साहित्य अकादमी की यात्रा शानदार सांस्कृतिक प्रस्तुति दी गई।
समारोह में कालका की विधायक लतिका शर्मा, मेयर उपेन्द्र कौर आहलुवालिया, जिला परिषद की चेयरपर्सन रितु सिंगला, खेल एवं युवा कार्यक्रम विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ.के.के. खण्डेलवाल, हरियाणा साहित्य अकादमी के उपाध्यक्ष राधेश्याम शर्मा, ग्रंथ अकादमी के उपाध्यक्ष प्रो0 वीरेन्द्र चौहान, अम्बाला-पंचकूला के पुलिस आयुक्त आरसी मिश्रा, उपायुक्त गौरी पराशर जोशी, पुलिस उपायुक्त अनिल धवन के अलावा बड़ी संख्या में साहित्यकार व अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।