हरियाणा सरकार ने हरियाणा भवन संहिता, 2017 को स्वीकृति प्रदान की
25 जनवरी, 2017 से पहले के मकानों पर पुराने नियम लागू होंगे
ऑनलाइन आवेदन करने का होगा प्रावधान
चण्डीगढ़ : हरियाणा सरकार ने हरियाणा भवन संहिता, 2017 को स्वीकृति प्रदान कर दी है और अब से प्रदेश में भवन योजनाओं और कब्जा प्रमाणपत्र की स्वीकृति के सभी मामले या आवेदन इस भवन संहिता द्वारा नियंत्रित किये जाएंगे। नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया हालांकि, 25 जनवरी, 2017 से पहले प्रक्रियाधीन और प्राप्त हुए भवन योजनाओं एवं कब्जा प्रमाण पत्र के आवेदनों के मामले में निरस्त हो चुके हरियाणा भवन संहिता, 2016 या हरियाणा भवन संहिता, 2017 में से विकल्प लेने की छूट होगी।
प्रवक्ता ने कहा कि कोई भी व्यक्ति जो किसी भी स्थान पर भवन का निर्माण या पुनर्निर्माण या उसमें कोई बदलाव करना चाहता है अथवा किसी भी भवन को ध्वस्त करने का इरादा रखता है, वह आवश्यक दस्तावेजों के साथ निर्धारित फॉर्म में अपने इरादे बारे सक्षम प्राधिकारी को लिखित रूप में नोटिस दे सकता है। इनमें आवंटन प्राधिकरण द्वारा जारी किए गए मालिक के नाम पर स्वामित्व दस्तावेज जैसे कि पट्टा डीड या बिक्री डीड या कब्जा पत्र या सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी भूमि का उपयोग करने की अनुमति; साइट योजना जिसमें ‘डीडब्ल्यूजी’ प्रारूप में ड्राइंग युक्त कॉम्पैक्ट डिस्क, या डीवीडी या सक्षम प्राधिकारी द्वारा समय-समय पर अनुज्ञेय किसी अन्य इलेक्ट्रॉनिक माध्यम,जिसमें परिर्वतन न हो सके, के साथ भवन योजना या योजनाएं शामिल हैं। उन्होंने कहा कि आवेदक सक्षम प्राधिकरण के ऑनलाइन पोर्टल पर इलेक्ट्रॉनिक प्रारूप में भी सभी प्रकार की योजनाएं जमा करवा सकता है, जो ऑनलाइन पोर्टल या निर्धारित मोड के माध्यम से आपत्ति या टिप्पणियां या मंजूरी या इनकार बारे सूचना देगा।
उन्होंने कहा कि आवेदन करने वाला हर व्यक्ति भवन योजनाएं या संरचनात्मक चित्र तैयार करने और भवन के निर्माण या पुनर्निर्माण के पर्यवेक्षण के लिए एक वास्तुकार या इंजीनियर नियुक्त करेगा। वास्तुकार या अभियंता द्वारा स्टिल्ट सहित 15 मीटर की ऊँचाई के (ग्राउंड जमा तीन तल) आवासीय या वाणिज्यिक भवन का निर्माण या पुनर्निर्माण किया जा सकता है। हालांकि, स्टिल्ट सहित 15 मीटर से अधिक की ऊंचाई के भवनों के मामले में, वास्तुकार और इंजीनियर दोनों द्वारा पर्यवेक्षण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि निर्माण के दौरान अगर नियुक्त वास्तुकार या इंजीनियर ने नोटिस में यह आता है कि उल्लंघन (उल्लंघन करने योग्य को छोडक़र) हो रहा है, तो वह स्वामी को सूचित करेगा और उसे आगे के निर्माण को रोकने और उल्लंघन को दूर करने का परामर्श देगा और उससे संबंधित प्राधिकरण को भी सूचित करेगा।
प्रवक्ता ने कहा कि आवेदक, वास्तुकार और अभियंता सक्षम प्राधिकारी को प्रस्तुत करने से पहले प्रासंगिक फार्म और दस्तावेजों की आवश्यकतानुसार आवेदन, योजना, संरचनात्मक चित्र, विनिर्देशों और संबंधित प्रमाण पत्र पर हस्ताक्षर करेंगे। उन्होंने कहा कि अगर भवन आवेदन वापिस कर दिया गया है तो उसे वापिस किए जाने की तिथि से 60 दिनों के भीतर बिना जांच फीस के फिर से जमा किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस तरह के पुन: प्रस्तुतीकरण की पहली वापसी की तिथि से 60 दिनों में दो बार से अधिक अनुमति नहीं दी जा सकती है।
उन्होंने कहा कि भवन की ऊंचाई 15 मीटर से कम होने के मामले में किसी भी भवन के निर्माण या पुनर्निर्माण के लिए प्रत्येक मंजूरी दो साल के लिए वैध होगी, जबकि बहु-मंजिला इमारतों (पंद्रह मीटर या इससे अधिक ऊँचाई) के लिए मंजूरी स्वीकृति की तिथि से पांच वर्ष के लिए वैध होगी। उन्होंने कहा कि यदि एक भवन को अनुमति की तारीख के दो साल (या पांच साल, जैसा मामला हो) में पूरा नहीं किया जाता है तो मंजूरी को भवन के उस हिस्से जो पूरा नहीं हुआ है, के संबंध में समाप्त होना समझा जाएगा।
उन्होंने कहा कि इस भवन संहिता के तहत किए गए सभी कार्यों को इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से किया जाएगा। इन कार्यों में आवदेनों और भुगतानों की प्राप्ति या पावती, अनुमोदन, आदेश या निर्देश जारी करना, भवन योजनाओं के अनुमोदन के लिए जांच, पूछताछ या पत्राचार या कब्जा प्रमाण पत्र प्रदान करना, दस्तावेजों को दाखिल करना, वसूली के लिए नोटिस जारी करना, रजिस्टरों और अभिलेखों या किसी अन्य कार्य का रखरखाव, जो सक्षम प्राधिकारी सार्वजनिक हित में उचित समझता हो, शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि सरकारी विभाग इस भवन संहिता के अनुरूप सभी सरकारी भवनों की निर्माण योजना तैयार करेंगे और यह निर्दिष्ट करते हुए एक प्रमाण पत्र जारी करेंगे कि इस भवन संहिता के प्रावधानों का पालन किया गया है। भवन के निर्माण या पुनर्निर्माण के प्रारंभ से पहले ऐसी योजनाओं को सक्षम प्राधिकारी को सूचना और रिकॉर्ड के लिए भेजा जाएगा। सक्षम प्राधिकरण जोनिंग योजनाओं को तैयार करने, भवन योजनाओं के अनुमोदन,कब्जा प्रमाणपत्र प्रदान करने और ऐसी शक्तियों और कार्यों के साथ कोई भी अन्य समिति, जिसे वह उचित समझता हो, का गठन करेगा।