डिप्टी सीएम बनने से चूके सिद्धू !

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मिला कम महत्व का मंत्रालय

पुराने कांग्रेसियों ने किया विरोध 

चंडीगढ़ : पंजाब में नई सरकार के गठन के साथ ही राजनितिक विश्लेषकों को नया विषय मिलगया है. और वह है विधान सभा चुनाव के दौरान भाजपा छोड़ कर कांग्रेस में शामिल हुए नवजोत सिंह सिद्धू को राज्य का डिप्टी सीएम नहीं बनाया जाना. चुनाव से पूर्व इस बात को लगातार हवा दी जा रही थी कि पंजाब में अगर कांग्रेस की सरकार बनी तो वाकपटु पूर्व क्रिकेटर और व्यंग की दुनिया में अक्सर छाये रहने वाले सिद्धू को केबिनेट में नंबर दो की हैसियत यानि डिप्टी सीएम बनाया जा सकता है लेकिन उन्हें आज केबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया. 

चौकाने वाली बात है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह ने गुरुवार को राज्य के 26वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली और केबिनेट में एक मंत्री के बाद दूसरे नंबर पर सिद्धू को शपथ दिलाई गयी . अब कहबर आई है कि उन्हें स्थानीय प्रशासन, पर्यटन एवं सांस्कृतिक मामले, आर्काइव्स एवं म्यूजियम जैसे मंत्रालयों की जिम्मेदारी सौंपी गई है.  

मीडिया की ख़बरों में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह और दूसरे पुराने व वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं का सिद्धू को नबर दो बनाए जाने का भारी विरोध था . पार्टी का एक मजबूत धड़ा नहीं चाहता था कि विधानसभा चुनाव के ऐन वक्त पर पार्टी में शामिल होने वाले सिद्धू को पंजाब सरकार में दूसरे नंबर का पद दिया जाए. बताया जाता है कि उनका दबाव काम भी आया और आलाकमान तथा कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर लगातार दबाव डालने पर सिद्धू डिप्टी सीएम बनते-बनते रह गए.

अब तर्क यह दिया जा रहा है कि कांग्रेस आलाकमान चाहते थे कि वह उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में भी पार्टी का प्रचार करें लेकिन सिद्धू इसके लिए तैयार नहीं हुए. उन्होंने अपना कार्य क्षेत्र पंजाब को ही बनाए रखा.

अब कांग्रेस पार्टी में सिद्धू की राजनितिक औकात इस बात से पता चल गयी जब उन्हें  मंत्रियों की सूची में दूसरे क्रम पर रखा गया. गौरतलब है कि  कैपट्न अमरिंदर के सीएम पद की शपथ लेने के ठीक बाद ब्रह्म महिंद्रा ने शपथ ली. बताया जाता है कि अमरिंदर के बाद सबसे वरिष्ठ मंत्री महिंद्रा हिंदू हैं, वह मुख्यमंत्री के गृह जिले पटियाला से हैं. इनके अलावा सभी कैबिनेट मंत्री सिख हैं और उनमें चरणजीत सिंह चन्नी तथा धरमसोत दलित समुदाय से हैं.

सिद्धू के अलावा राजनितिक रूप से ख़ास चेहरे में पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल विरोधी और उनके भतीजे मनप्रीत सिंह बादल भी शामिल किये गे हैं. केबिनेट में  साधु सिंह धरमसोत, तृप्त राजेंद्र सिंह बाजवा, राणा गुरजीत सिंह और चरणजीत सिंह चन्नी  भी शामिल हैं.

कैप्टन मंत्रिमंडल में दो राज्य मंत्रियों को शपथ दिलाई गई और दोनों महिलाएं हैं.   अरूणा चौधरी और रजिया सुल्ताना राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाई गईं हैं. 

 

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