शिक्षु बोझ नहीं प्रतिष्ठान की उन्नति में सहायक : संजीव शर्मा

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जीआईटीआई में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

एनएपीएस के बारे में विस्तार से दी जानकारी 

गुरूग्राम। भारत सरकार द्वारा आरंभ की गई ‘राष्ट्रीय शिक्षुता प्रोत्साहन योजना’(एनएपीएस) के प्रचार-प्रसार करने के उद्देश्य से गुरुग्राम के राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान(जीआईटीआई) में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में औद्योगिक प्रतिष्ठानों एवं विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया।
 
यह कार्यशाला कौशल विकास व उद्यमिता मंत्रालय भारत सरकार तथा कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग हरियाणा द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित की गई थी। कार्यशाला में क्षेत्रीय शिक्षुता निदेशक(आरडीएटी)  जे पी मीणा ने विभिन्न प्रतिष्ठानों व विभागों से आए प्रतिनिधियों को एनएपीएस के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कोई भी प्रतिष्ठान उसमें कार्यरत कर्मचारियों की कुल संख्या का (2.5 से 10 प्रतिशत) तक शिक्षुओं को नियुक्त कर सकता है। एनएपीएस के तहत भारत सरकार शिक्षु को दिये जाने वाले स्टाइफंड का 25 प्रतिशत या अधिकतम 1500 रूपये प्रतिष्ठान को अदा करेगी। 
 
कौशल विकास व औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग हरियाणा के उपनिदेशक  संजीव शर्मा ने कौशल(हुनर) के हस्तातंरण हेतु शिक्षुता योजना के महत्व के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वे शिक्षु को बोझ ना समझें क्योंकि शिक्षु प्रतिष्ठान की उन्नति में महत्वपूर्ण योगदान करता है। उन्होंने बताया कि शिक्षु कम वेतन पर प्रशिक्षण के साथ साथ प्रोडक्शन भी करता है। आरडीएटी फरीदाबाद से आए सहायक निदेशक  संदीप कालिया व प्रणव चौधरी ने प्रतिष्ठानों के पदाधिकारियों को शिक्षुता पोर्टल के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने प्रतिष्ठान को पोर्टल पर रजिस्टर करने, शिक्षु की सर्च, अपरूवल स्टाइफंड क्लेम की जानकारी दी। 
 
वर्कशॉप में राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, रेवाड़ी के प्रधानाचार्य  सुनील कुमार, एपीओ  देवानंद, आईटीआई बेरली कलां से  राजसिंह तथा मारूति उद्योग के जी एम  राजीव खुराना व जेबीएम गु्रप के प्रशिक्षण अधिकारी  आर के शर्मा ने भाग लिया। 
जीआईटीआई गुरुग्राम के प्रधानाचार्य रविन्द्र कुमार ने वर्कशॉप में भाग लेने वाले सभी पदाधिकारियों का स्वागत व धन्यवाद किया।

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