अंसल यूनिवर्सिटी में भूख हड़ताल कर रहे छात्र की हालत स्थिर

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-जिला उपायुक्त हरदीप सिंह स्वयं कर रहे हैं मोनिटरिंग 

-सीएम के नाम डीसी को सौंपा ज्ञापन

-मांगे नहीं माने जाने पर बड़ा आंदोलन करने की चेतावनी

-छात्रों का गुस्सा देख डीसी ने यूनिवर्सिटी डीन को किया था तलब

-हड़ताल पर बैठे छात्र के लिए भेजी एंबुलेंस 

 
अंसल यूनिवर्सिटी में भूख हड़ताल कर रहे छात्र की हालत स्थिर 2गुरुग्राम :  लोक जन सम्पर्क विभाग हरियाणा के उप निदेशक आर एस सांगवान के अनुसार अंसल यूनिवर्सिटी में भूख हड़ताल पर बैठे जिस छात्र की हालत दिन में बिगड़ गयी थी, अब उसकी हालत स्थिर है. उस छात्र का ईलाज कर रहे चिकित्सक के हवाले से उन्होंने बताया है  कि वह अब ख़तरे से बाहर है । श्री सांगवान के अनुसार गुरुग्राम जिला उपायुक्त हरदीप सिंह निरंतर उस छात्र की स्थिति पर सिविल सर्जन से जानकारी प्राप्त कर रहे है । सिविल सर्जन ने उपायुक्त को दी गयी जानकारी में कहा है कि वह छात्र ख़तरे से बाहर है और उसे घर ले जाया जा सकता है परंतु उपायुक्त ने आदेश दिया है कि उसे आज रात चिकित्सक की निगरानी में हॉस्पिटल में ही दाख़िल रखा जाए.
 
उल्लेखनीय है कि गुरुग्राम स्थित अंसल यूनिवर्सिटी की मनमर्जी और यहां की बिगड़ी शिक्षा व्यवस्था के खिलाफ पिछले चार दिन से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे छात्र योगेन्द्र की हालत दिन में बिगड़ गई थी । इसके बावजूद भी यूनिवर्सिटी व शिक्षा विभाग की तरफ से विद्यार्थियों की कोई सुध लेने नहीं पहुंचा तो गुस्साएं छात्र शुक्रवार को सडक़ों पर उतर गए। लगभग एक हजार विद्यार्थी यूनिवर्सिटी से पैदल मार्च करते हुए सीधे लघु सचिवालय पहुंचे और यहां जमकर यूनिवर्सिटी के खिलाफ नारेबाजी की।
 

भूख हड़ताल पर बैठे विद्यार्थियों को धमकाने का आरोप 

 
विद्यार्थियों का आरोप है कि यूनिवर्सिटी उन्हें शिक्षा के नाम पर ठग रही है और भूख हड़ताल पर बैठे विद्यार्थियों को लगातार पुलिस भेजकर डराया व धमकाया जा रहा है। जबकि जिला प्रशासन व शिक्षा विभाग के किसी भी अधिकारी ने उनकी सुध नहीं ली और न ही मनमर्जी चलाने वाले यूनिवर्सिटी के खिलाफ कोई कार्रवाई की। हालांकि विद्यार्थियों का गुस्सा देखकर डीसी ने तुरंत एंबुलेंस भूख हड़ताल स्थल पर भेजने के आदेश दिए और यूनिवर्सिटी के डीन को तुरंत तलब किया। हालांकि विद्यार्थियों ने इसके बाद भी कहा कि जब तक मांगें नहीं मानी जाएगी भूख हड़ताल जारी रहेगी। 
 

फीस के नाम पर ज्यादा पैसे वसूलने, कैंटीन में खराब खाना

 
सेक्टर ५५ में स्थित अंसल यूनिवर्सिटी प्रबंधन से मिलकर प्रबंधन व इंजीनियरिंग के विद्यार्थी पिछले काफी समय से अपनी मांगों को रख रहे थे। जिसमें फीस के नाम पर ज्यादा पैसे वसूलने, कैंटीन में खराब खाना, लाईबे्ररी व बुक बैंक में जरूरी पुस्तकों का नहीं होना, खुद का प्ले ग्राउंड नहीं होना, सेमेस्टर फीस का ट्यूशन फीस से डबल होना, स्टूडेंट्स को जानबूझ कर फेल करना, अंसल यूनिवर्सिटी द्वारा तथाकथित रूप से फर्जी डिग्री देना, डीन का रेगुलर दौरा न करना और विद्यार्थियों की समस्याओं की अनदेखी करना आदि सहित दर्जन भर मांगे शामिल है।  यूनिवर्सिटी प्रशासन द्वारा कोई सुनवाई नहीं किए जाने से गुस्साएं छात्रों ने 28 को धरना शुरू कर दिया। जिसमें से योगेन्द्र नामक छात्र अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठ गया, लेकिन भूख हड़ताल के चार दिन तक भी किसी ने विद्यार्थियों की नहीं सुनी, जिससे  भूखहड़ताल पर बैठे छात्र की हालत बिगडऩे लगी थी लेकिन शुक्रवार को जिला उपायुक्त हरदीप  सिंह ने  तत्काल दखल दिया और दीन को तलब कर मामले को सुलझाने का आदेश दिया.  

15 किलोमीटर का मार्च कर लघु सचिवालय पहुंचे विद्यार्थी 

 
चौथे दिन योगेन्द्र की हालत जब ज्यादा खराब हुई और यूनिवर्सिटी का कोई अधिकारी आश्वासन देने तक भी नहीं पहुंचा तो छात्रों ने शुक्रवार दोपहर को मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन जिला प्रशासन के अधिकारियों को सौंपने का निर्णय लिया। इसी के तहत एक हजार से अधिक छात्र-छात्राएं लगभग १५ किलोमीटर का मार्च करके लघु सचिवालय पर पहुंचे और यहां जमकर यूनिवर्सिटी और जिला प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। लघु सचिवालय के बाहर नारेबाजी करते विद्यार्थियों की मांग थी कि अपनी मनमर्जी चलाकर विद्यार्थियों का जीवन बर्बाद करने वाली यूनिवर्सिटी के खिलाफ ठोस कार्रवाई की जाए।
 

आंदोलन को विस्तार देंगे

 
साथ ही विद्यार्थियों ने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगे नहीं मानी गई तो कुछ अन्य विद्यार्थी भी न केवल भूख हड़ताल पर बैठेंगे बल्कि आंदोलन को बड़ा विस्तार देंगे। इस दौरान किसी भी अनहोनी की जिम्मेदारी यूनिवर्सिटी या जिला प्रशासन की होगी। विद्यार्थी नेता अनिल कुमार ने बताया कि वे बेहतर शिक्षा के लिए कठोर से कठोर कदम बढ़ाएंगे। सैकड़ों विद्यार्थियों को मुख्यमंत्री से मिलने के लिए चंडीगढ़ तक भी जाना पड़ा तो वे जाएंगे, क्योंकि ये हजारों छात्रों के भविष्य का सवाल है। उन्होंने कहा कि अन्य कालेजों व यूनिवर्सिटी में संपर्क करना शुरू कर दिया है, सुनवाई नहीं हुई तो कई हजार छात्र सडक़ों पर होंगे और जरूरत पड़ी तो संबंधित विभाग के मंत्रियों से मिलने सभी छात्र दिल्ली व चंडीगढ़ भी कूच करेंगे। 

Suvash Chandra Choudhary

Editor-in-Chief

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