मथुरा जवाहर बाग पार्क खूनी कांड की जाँच सीबीआई करेगी

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इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश से अखिलेश सरकार को लगा बड़ा झटका 

इलाहाबाद : इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने गुरुवार को  मथुरा के चर्चित जवाहर बाग पार्क मामले की जांच सीबीआई से कराने का आदेश दिया है. जवाहर बाग पार्क में अवैध रूप से डेरा डाले लोगों से पार्क की जमीन खाली कराने को लेकर हुई झड़प में दो पुलिस अधिकारियों सहित 20 से अधिक लोग मारे गए थे. मुख्य न्यायधीश डी बी भोसले और न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की एक खंडपीठ ने इस मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग वाली जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है.

इससे पहले, इस अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद 20 फरवरी को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. दिल्ली स्थित भाजपा नेता और उच्चतम न्यायालय के अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय और मथुरा के निवासी विजय पाल सिंह तोमर ने मामले की सीबीआई जांच से कराने की मांग सम्बन्धी याचिका अदालत दायर की थी. इसके अलावा, पिछले साल हुई इस झड़प में मारे गए पुलिस अधीक्षक मुकुल द्विवेदी की पत्नी अर्चना द्विवेदी और भाई प्रफुल्ल द्विवेदी द्वारा भी इसी प्रकार की मांग करने वाली अर्जियां दायर की गई थीं.

उच्च न्यायालय के आज के आदेश का राज्य की राजनीति पर बड़ा असर पद सकता है ऐसी संभावना है. उल्लेखनीय है यहाँ हो रहे विधानसभा चुनावों के दो चरणों के मतदान बाकी हैं. यह आदेश उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है. गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की अखिलेश यादव सरकार का रुख इस मामले की सीबीआई जांच के खिलाफ रहा है. प्रदेश सरकार ने  उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायधीश की अगुवाई में एक जांच आयोग गठित किया था.

दिल्ली से जारी एक बयान में उपाध्याय ने इस फैसले की सराहना करते हुए कहा है मथुरा के जवाहर बाग में हुई यह हिंसा कानून व्यवस्था का साधारण मामला नहीं था. यह करीब 5,000 करोड़ रुपये मूल्य की एक सरकारी जमीन पर स्वयंभू नेता राम वृक्ष यादव और उसके अनुयायियों द्वारा किए गए अवैध कब्जा से जुड़ा था.  उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने जनवरी, 2014 में राम वृक्ष यादव के संगठन स्वाधीन भारत विधिक सत्याग्रह को जवाहर बाग के भीतर दो दिन के लिए विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति दी थी, लेकिन इस समूह के सदस्यों ने इस विशाल पार्क पर दो साल से अधिक समय तक कब्जा जमाए रखा.

इस पार्क को खाली कराने की कार्रवाई भी उच्च न्यायालय के एक आदेश पर ही हुयी थी. इसमें  अवैध कब्जाधारकों व पुलिस के बीच हिंसक झड़प हुयी थी. पार्क से भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक भी बरामद किए गए थे.

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