सूरजकुण्ड मेले में बंदियों के तैयार सामान की लोगों ने की खरीददारी !

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धर्मेन्द्र यदाव

फरीदाबाद : सूरजकुण्ड में चल रहे अंतर्राष्ट्रीय मेले में शुक्रवार को हरियाणा के सहकारिता मंत्री मनीष ग्रोवर ने व्यक्तिगत तौर पर जाकर जहां स्टाल का अवलोकन किया वहीं उन्होंने स्टाल से पीओएस के माध्यम से खरीददारी की। उनके साथ मैनेजिंग डायरेकटर समीरपाल सरो, जिला जेल अधीक्षक दीपक शर्मा के अलावा अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।

गौरतलब है कि यह पहली बार हैं जब हरियाणा जेल विभाग द्वारा पहली बार मेले में बंदियों द्वारा तैयार किए गए विभिन्न सामान को बिक्री के लिए रखा गया है। हरियाणा कारागार विभाग द्वारा अपना स्टाल भी स्थापित किया गया है। इस स्टाल में हरियाणा की जेंलों में बंद कैदियों द्वारा हाथ से तैयार सामान को बिक्री के लिए रखा गया हैं।

श्री समीरपाल सरो नेे मंत्री को जानकारी करवाते हुए बताया कि इस स्टाल पर एक विशेष प्रकार का झूला है जो कि हिसार जेल से बंदियों द्वारा तैयार किया गया है। सरो ने जेल विभाग के प्रयासों की सराहना की।

श्री समीरपाल सरो ने सहकारिता मंत्री को बताया कि इस स्टाल पर विश ेष मुढढा भी बंदियों द्वारा तैयार किया गया है। इस स्टाल में फरीदाबाद, सिरसा, करनाल जिलों सहित जिलों की जेलों में बंद कैदियों द्वारा यह सामान तैयार किया गया है।

स्टाल पर उपस्थित जेल अधीक्षक दीपक शर्मा को कहना है कि उन्हें पूरी उमीद है कि इस बार मेले में उनके स्टाल की अच्छी बिक्री होगी और यहां पर लगाया गया सारा सामान बिक जाएगा बंदियों से तैयार सामान को लेने के लिए एक प्रकार की उत्सुकता दिखाई देती है जो काफी कारगर सिद्ध होगी।

इसी प्रकार से अखबार के पेपर से तैयार की गई विभिन्न आईटमों को भी गुडगांव जेल में बंद बंदियों द्वारा तैयार किया गया है। स्टाल पर बैठे हस्तषिल्प कलाकार महेष चंद शर्मा ने बताया िक वे हरियाणा की जेलों में बंद कैदियों को हाथ से बनाए जाने सामान को तैयार करने के लिए प्रशिक्षण देते हैं और वे पिछले कई सालों से हरियाणा की जेलों में बंद बंदियों को इस प्रकार को प्रषिक्षण दे रहे हैं।

महेष चंद शर्मा ने बताया कि तिहाड जेल में भी बंद बंदियों को इस प्रकार को प्रषिक्षण दे चुके है। वे भारत सरकार से भी जुडे हुए हैं। उन्होंने बताया कि जेल में बंद बंदियों को विभिन्न सजावटी सामान तैयार करने के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है और इसके लिए वे तीन महीने का प्रशिक्षण कार्यक्रम रखते हैं जिसके तहत विभिन्न कैदियों को हस्तषिल्प के लिए तैयार किया जाता है। उन्होंने बताया कि जेल में बंद बंदी अपने जीवन में कुछ नया कर सकें इसलिए वे उनका अपना पूरा सहयोग प्रदान कर रहे है। उन्होंने बताया कि उनके इस स्टाल में ग्लास कैंडल को विषेष रूप से तैयार किया गया है जो मेले में अपनी ही किस्म की एक अलग प्रकार की आइटम हैं और लोग इस आइटम को काफी पसंद कर रहे है। इसी स्टाल का शुक्रवार को हरियाणा के लोकायुक्त श्री नवल किशोर ने भी अवलोकन किया,यही नहीं उन्होंने वहां से खरीददारी भी की और कैदियों के अच्छे भविष्य के लिए शुभकामनाएं भी दी।

सूरजकुंड मेले में शुक्रवार को हरियाणा विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से घरेलू हिंसा अधिनियम को लेकर कार्यक्रम रखे गए जिसे स्थानीय एमवीएन स्कूल के विद्यार्थियों ने प्रस्तुत किया।
बच्चोंं ने घरेलू हिंसा अधिनियम को लेकर एक लघु नाटिका की प्रस्तुति दी और समाज पर कुठाराघात करते हुए लोगों को प्रेरित किया कि वे महिलाओं को सममान दें। आज के समय में बेटियोंं को या तो पैदा होने नहीं दिया जा रहा है या उनकों पैदा होंने कें बाद अपना जीवन जीने को विवश होना पड़ रहा है।
नाटिका में एक भूमिका अदा कर रही छात्रा दीपा ने लोगों से अपील की कि वे महिलाओं को सशक्त बनाएं और इसमें शिक्षा अहम भूमिका निभा सकती है। छात्राओं का नेतृत्व कर रही अध्यापिका ने बताया कि इस नाटिका को तैयार करवाने और बच्चों को प्रेरित करने में जिला प्रशासन फरीदाबाद और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने अहम भूमिका निभाई है।

मेले के दसवें दिन खासी भीड़ देखने को मिली। कार्यक्रम का आकर्षण चौपाल पर हुए सांस्कृतिक कार्यक्रम रहे। किर्गीस्तान के कलाकारोंं ने राष्ट्रीय नृत्य कारा और काराजो रगो पेश कर खूब वाहवाही पाई। इसके बाद बरसाने का मशहूर मयूर नृत्य और राधा कृष्ण की होली केसूरजकुण्ड मेले में बंदियों के तैयार सामान की लोगों ने की खरीददारी ! 2 समय की लीला देख दर्शकों ने खूब तालियां बजाई। दक्षिण अफ्रीका से आए कलाकारों वे आदिवासी लोकनृत्य पर समां बांधा। पंजाबी और
 राजस्थानी कलाकारों ने भी प्रस्तुति दी।

उन्होंने बताया कि यहां आकर और मेेहमाननवजी को देखकर वे बहुत खुश हैं। उन्होंंने बताया कि वे अपने देश की परंपरा को आगे बढाने का काम कर रही हैं।
छऊ नृत्य के जरिए झारखंड के पौराणिक इतिहास की झलक दिखी तो वहीं पाइका नृत्य के जरिए शौर्य और वीरता की गाथा देखने को मिली। मौका था मेले की चौपाल पर शुक्रवार को झारखंड के लोकनृत्यों से सजी शाम का। मेले की चौपाल पर शुक्रवार को झारखंड दिवस मनाया गया। इस मौके पर झारखंड से आए कलाकारों ने शानदार प्रस्तुति देकर समां बांधा। खूबसूरत लोकनृत्यों के जरिए जहां कलाकारों ने संस्कृति के दर्शन कराए, वहीं परंपरागत विधाओं का बखूबी बखान किया।

बरसाने का मशहूर मयूर नृत्य और राधा कृष्ण की होली के समय की लीला ने आज मेंले को जहां स्नेह और प्रेम से रंग डाला वहीं एक सूरजकुण्ड मेले में बंदियों के तैयार सामान की लोगों ने की खरीददारी ! 3भकितमय माहौल भी बना डाला। नृत्य की प्रस्तुती देने वाले कलाकारों कृष्ण कें वेष मेंं लेखराज शर्मा और राधा के वेष मेंं प्रथा गुप्ता की जुगलबंदी ने मनमोहक प्रस्तुति से लोगों को सराबोर कर दिया। करीब १२ सालों से इस नृत्य को करने वाले लेखराज मेले में आठ सालों से आ रहे हैं। उन्होंंने बताया कि वे चरकूला आर्टस के बैनर तले पं० मुरारी लाल शर्मा के सानिध्य में वे इस कला को आगे बढा रहे हैं। राधा के कलाकार के रूप में प्रथा गुप्ता ने बताया कि वे स्नातक की छात्रा हैं और उनको इसका बचपन से ही शौक है। वे पहली बार सूरजकुंड मेले में प्रस्तुति देने आई हैं। इस नृत्य मेंं बांके बिहारी शर्मा ने अपने संगीत से मंत्र मुगध किया।
झारखंड दिवस के मौके पर कलाकारों ने एक के बाद एक शानदार लोकनृत्यों की प्रस्तुति दी। इस दौरान झारखंड से आए तीन सौ कलाकारों ने संथाली, छऊ, पाइका, नागपुरी और बिरोहर जैसे लोकनृत्य पेश कर समां बांधा। भारी भरकम शिल्प मुखौटे और खूबसूरत वेशभूषा के साथ पेश किए गए छऊ नृत्य के जरिए कलाकारों ने महाभारत और रामायण के प्रसंग पेश किए। तालबद्ध धुनों पर तीव्र कदमों से होने वाले इस नृत्य में कलाकारों की प्रतिभा देखते ही बनी। इसके अलावा सैनिक की पोशाक में होने वाले पाइका नृत्य ने भी खूब तालियां बटोरी। इस कला से पाइका जाति के लोग जुड़े हैं। जोकि युद्ध कला में निपुण माने जाते थे और दिनभर परिश्रम के बाद शाम को सामूहिक नृत्य का आनंद लेते थे। इस नृत्य में उनके शौर्य की गाथा का बखान होता है।

भारतीय डाक सेवा की अतिरिक्त महानिदेशक मीना दता ने सूरजकुंड मेले में की चौपाल पर भारत के शिरोव के नाम से डाक टिकट भी जारी किया। इस डाक टिकट मेंं विभिन्न राज्यों की पगडिय़ों के चित्र छपे हुए हैं। जिससे कि इससे कई राज्यों की संस्कृति साफ झलकती है। मेले में डाक विभाग की ओर से लोगों को परिजनों के नाम से डाक टिकट बनवाने की सुविधा भी दी गई है।

मेले की नाट्यशाला पर शुक्रवार को मेहंदी प्रतियोगिता में स्कूली बच्चों ने भाग लिया। इसमें बल्लभगढ़ स्थित थारूराम गल्र्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल की डिंपल सोलंकी विजेता रही। ओल्ड फरीदाबाद स्कूल से पंकज और मॉर्डन बीपी स्कूल से नितिका को दूसरा स्थान मिला। एनआईटी-३ स्थित डीएवी स्कूल से महिमा और ओल्ड फरीदाबाद स्थित राजकीय बाल विद्यालय से करन तीसरे स्थान पर रहे। एनआईटी स्थित राजकीय स्कूल से गौरव, डीएवी एनआईटी-३ से विनिता, राजकीय स्कूल ओल्ड फरीदाबाद से रीता, होली चाइल्ड स्कूल से रीतिका, ओल्ड फरीदाबाद स्थित राजकीय स्कूल से माया को सांत्वना पुरस्कार मिला।
 

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