हिन्दू आध्यात्मिक एवं सेवा मेला में ‘जीसीऍफ़’ ने अमिट छाप छोड़ी

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सीनियर सिटिजन के समूह, युवाओं के साथ नृत्य के ताल मिलाते देखे गएहिन्दू आध्यात्मिक एवं सेवा मेला में 'जीसीऍफ़' ने अमिट छाप छोड़ी 2

राष्ट्र प्रेम की धूम रही,  गिटार की स्वर लहरियों का लोगों ने लिया आनंद 

You can see the live video of GCF below this News….. 

गुरुग्राम : दिल्ली एन सी आर के वरिष्ठ नागरिकों की जिंदिगी में जिन्दादिली के रंग भरने वाली संस्था ग्लोबल कल्चरल फाउंडेशन (जीसीऍफ़) ने हिन्दू आध्यात्मिक एवं सेवा मेला में भी अपने स्टाल के माध्यम से अमिट छाप छोड़ी. देश भक्ति हो या फिर ईश्वर भक्ति, ये दोनों ही स्वर, इस संस्था के स्टाल न. 70 से लगातार चार दिनों तक, मेले में ऐसे गूंजते रहे की हजारों लोगों के कदम उस दिशा में अनायास हिन्दू आध्यात्मिक एवं सेवा मेला में 'जीसीऍफ़' ने अमिट छाप छोड़ी 3ही बढ़ते रहे. संस्था के प्रमुख कर्नल आर सी चड्ढा जो स्वयं बेहतरीन गायक भी हैं के निर्देशन में यहाँ सीनियर सिटिजन के समूह युवाओं के साथ नृत्य के ताल मिलाते देखे गए. इसका स्पष्ट प्रमाण खबर के साथ डाली गयी लाइव वीडियो और तस्वीरें स्वयं ही बयां करती हैं.

 

कर्नल चड्ढा के अनुसार वैसे तो उनकी संस्था के संपर्क में सैकड़ों वरिष्ठ, माध्यम उम्र एवं युवा श्रेणी के कलाकार हमेशा रहते हैं लेकिन हिन्दू आध्यात्मिक एवं सेवा मेला जो 2 फ़रवरी से 5 फ़रवरी तक उनके लिए ख़ास रहा. इसके लिए विशेष तैयारी की गयी थी.

इस बार इनके स्टाल की थीम देश भक्ति संगीत को लोगों ने खूब सराहा और अलग अलग राग एवं भाव के आगे दर्शक खूब झूमे. सेना में वर्षों गुजारने वाले व दुश्मनों के दांत खट्टे करने वाली कई लड़ाइयों में सक्रीय भूमिका हिन्दू आध्यात्मिक एवं सेवा मेला में 'जीसीऍफ़' ने अमिट छाप छोड़ी 4अदा करने वाले कर्नल चड्ढा ने इस अध्यात्मिक मेले में राष्ट्र प्रेम का ऐसा राग छेड़ा कि जी सी ऍफ़ स्टाल की लोकप्रियता लगातार चार दिनों तक चरम पर रही.

 

जी सी ऍफ़ की पूरी टीम का प्रयास इस अवसर को देश प्रेम के माहौल में बदल देने का रहा और इसमें वे सफल भी रहे, क्योंकि यहाँ आने वाले प्रत्येक दर्शक संस्था के बारे में जानने और इसकी गतिविधियों से जुड़ने को उत्सुक दिखे. कभी रिकार्डेड गाने तो कभी यहाँ मौजूद गायकों की ओर से छेड़े जा रहे तराने, आकर्षण के केंद्र बने रहे.

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आजादी के दीवाने सरदार भगत सिंह के अतुलनीय बलिदान की याद दिलाते मेरा रंग दे बसंती चोला, मां ए रंग दे बसंती चोला…. गीत पर घंटों  युवा व वरिष्ठ नागरिक नृत्य करते रहे. कभी यहाँ गिटार की स्वर लहरियां सुनाई देतीं थीं तो कभी कलाकार आशीष द्वारा आयोजित जुम्बा डांस पर थिरकते दर्जनों लोगों का समूह दिखाई देता था.

जी सी ऍफ़ के स्टाल की एक और खासियत यहाँ प्रदर्शित होने वाले Laughter yoga के शो रहे. संस्था ने लोगों को एक तरफ परिवार में वरिष्ठ नागरिकों के महत्व को समझाने की कोशिश की जबकि दूसरी तरफ देश को सर्वोपरी बताया.

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दर्शकों के लिए यह अनूठा अनुभव था जब उन्होंने एक पूर्व सैनिक अधिकारी के निर्देशन में संगीत एवं कामेडी के बीच भारतीय संस्कृति एवं परिवार प्रथा को पुनर्जीवित करने की कोशिश करते देखा. संस्था के सभी सदस्य व कलाकार पूरी तन्मयता से अपने लक्ष्य में जुटे रहे. सभी कलाकारों का मानना है कि ऐसे आयोजन आज के सन्दर्भ में बेहद प्रासंगिक हैं और बारम्बार आयोजित होने चाहिए. इससे लोगों में भारतीय हिन्दू संस्कृति के प्रति जागृति पैदा होगी साथ ही वर्त्तमान पीढ़ी का पुरानी परम्पराओं से परिचय होगा.  

मेला व्यवस्थापक की ओर से ग्लोबल कल्चरल फाउंडेशन को मेले में शामिल होने के लिए मोमेंटो व प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया.

 

जी सी एफ की लाइव विडिओ देखने के लिए इस पर क्लिक करें ……

You can see the live video of GCF by cliking on it …..

 

 

 

Suvash Chandra Choudhary

Editor-in-Chief

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