गुरुग्राम नगर निगम चुनाव की वार्डबंदी के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका मंजूर

Font Size

सरकार व संबंधित विभागों को नोटिस जारी

चनाव पर स्टे के लिए सुनवाई 8 फरवरी को 

गुरुग्राम नगर निगम चुनाव में हो सकता है विलम्ब  

 
गुरुग्राम :  नगर निगम चुनावों के लिए तैयार की गई वार्डबंदी के खिलाफ पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायलय में दायर याचिका भूप सिंह बनाम हरियाणा सरकार पर सोमवार को कोर्ट ने सुनवाई करते हुए मंजूर कर ली है। न्यायाधीश महेश ग्रोवर व न्यायाधीश डॉ शेखर ध्वन की डबल बेंच ने याचिकाकर्ता पक्ष की वकील की दलीलों को सुनते हुए सरकार व संबंधित विभागों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है, चुनाव पर स्टे के लिए अगली सुनवाई बुधवार 8 फरवरी को होनी है। 
 
ये रहे याचिकाकर्ता 
 
डीएलएफ कुतुब इन्कलेव आरडब्ल्यूए के प्रधान आरएस राठी, भूप सिंह तिगरा गांव, जिले सिंह नम्बरदार सरस्वती विहार व जगमोहन यादव सिकन्दरपुर घोसी ने नगर निगम की चुनावी प्रकिया को उच्च न्यायालय में चुनौती दी। 
 
इनके खिलाफ डली याचिका
 
याचिकाकर्ता ने प्रधान सचिव, शहरी एवं स्थानीय निकाय विभाग, राज्य चुनाव आयोग, आयुक्त नगर निगम गुरूग्राम, जिला उपायुक्त व मंडलायुक्त गुरूग्राम को कोर्ट में पार्टी बनाया। 
 
इन बिंदुओं को बनाया वकील ने बहस का मुद्दा 
 
जनसंख्या का आधार गलत 
 
फरवरी 2016 में 2011 की जनसंख्या गणना को आधार मानते हुए वार्डों की संख्या घटाकर 35 से 32 कर दी गई लेकिन सितंबर 2016 में फिर से नोटिफिकेशन जारी कर 2010 की निगम की डोर-टू-डोर सर्वे की जनसंख्या को नोटिफिकेशन में 2011 की दर्शा कर वार्ड फिर से 35 कर दिए गए। जबकि अधिनियम के तहत परिसिमन के लिए नवीनतम जनगणना को ही आधार बनाना चाहिए। जो कि 2011 की 9.9 लाख थी लेकिन नोटिफिकेशन में 2010 की 11.61 लाख ली गई। 
 

एडहॉक कमेटी के गठन में हुआ नियमों का उल्लंघन

 
नगर निगम अधिनियम 1994 परिसिमन वार्ड कानून स्पष्ट कहता है कि एडहॉक कमेटी में पांच या पांच सदस्यों से कम होने चाहिए। जबकि सितंबर 2016 में बनाई गई एडहॉक कमेटी में 6 सदस्य लिए गए है। 
 

भौगोलिक दृष्टि से ठीक नहीं

 
अधिनियम के अनुसार वार्डों की परिसिमन भौगोलिक दृष्टि से, लोगों की सहूलियत, प्रशासनिक तौर पर व मतदाता संख्या के आधार से भी ठीक नहीं है। 
 

एडहॉक कमेटी के सदस्यों के चयन में भी हुआ नियमों का उल्लंघन 

 
एडहॉक कमेटी के सदस्यों के चयन में भी अनियमतताएं बरती गई। एक्ट में साफ लिखा है कि पांच सदस्य अलग-अलग हित एवं समूह के होने चाहिए बावजूद इसके सभी सदस्य सत्तासीन पार्टी से संबंध रखते है। एक भी सदस्य अन्य राजनीतिक  दल व सामाजिक संगठन का नहीं। 
 
नगर निगम चुनावों की एडहॉक कमेटी के साथ पूरी प्रक्रिया ही सवालों के घेरे में है। 2010 की जनसंख्या को 2011 कर दर्शाया गया। केवल चार नये गांव जोड़े गए लेकिन परिसिमन में 70 प्रतिशत से अधिक वार्डो में राजनीतिक फायदें के लिए बदलाव किए गए. आरएस राठी, प्रधान डीएलएफ कुतुब इन्कलेव आरडब्ल्यूए के कहना है कि हमे न्याय प्रणाली पर पूरा भरोसा है। 
 

You cannot copy content of this page