Tree Man डॉ. दीपक रमेशगौड़ की प्रेरणादायक यात्रा के 12 वर्ष पूरे : 12वें #GiftATreeDay पर जुड़ें उनके साथ

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गुरुग्राम, 20 दिसंबर :  पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक जागरूकता की दिशा में अद्वितीय योगदान देने वाले डॉ. दीपक रमेशगौर, जिन्हें Tree Man के नाम से जाना जाता है, इस वर्ष अपने अभियान #GiftATreeDay के 12 वर्ष पूरे कर रहे हैं। इस अवसर पर, डॉ. दीपक की प्रेरणादायक यात्रा और उनकी अडिग इच्छाशक्ति का जश्न मनाया जाएगा, जिसमें उन्होंने लाखों पौधे लगाए और लाखों लोगों को हरित जीवन की ओर प्रेरित किया।
कठिनाइयों में भी प्रेरणा की राह : 
डॉ. दीपक रमेशगौर की यात्रा संघर्षों से भरी रही है। शारीरिक समस्याओं, वित्तीय चुनौतियों, और व्यक्तिगत कठिनाइयों के बावजूद, उन्होंने कभी हार नहीं मानी। “मेरी आत्मा को झुकाना असंभव है,” यह उनका वह विश्वास है, जिसने उन्हें हर मुश्किल से उभरने का साहस दिया। हर असफलता उनके लिए एक नई प्रेरणा बनी और हर संकट ने उन्हें और मजबूती से खड़ा किया।
अब नई दिशा की ओर बढ़ते कदम : 
इन 12 वर्षों में, डॉ. दीपक ने सिर्फ पर्यावरण के लिए काम नहीं किया, बल्कि समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को भी महसूस किया। अपने स्वयं के सड़क और अग्नि दुर्घटनाओं के अनुभव से प्रेरित होकर, वे अब सड़क सुरक्षा और अग्नि सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने और दुर्घटनाओं के शिकार बच्चों को मार्गदर्शन देने का संकल्प ले चुके हैं। उनके लिए यह सिर्फ जागरूकता फैलाने का काम नहीं है, बल्कि उन पीड़ितों के जीवन में आशा और साहस का बीज बोने का प्रयास है, जो कठिनाइयों से जूझ रहे हैं।
उन्होंने अब तक कई अग्नि पीड़ित बच्चों की सहायता की है और उनकी मदद से मिलने वाले परिणाम अत्यंत उत्साहजनक रहे हैं। डॉ. दीपक का मानना है कि हर setback एक नए comeback का अवसर है, और इसी विश्वास के साथ वे अब सड़क और अग्नि दुर्घटना पीड़ितों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन रहे हैं।
12वां #GiftATreeDay: एक आंदोलन की शुरुआत : 
#GiftATreeDay सिर्फ एक दिन का आयोजन नहीं है, बल्कि यह एक आंदोलन है – हरित भारत के निर्माण का, जहाँ हर व्यक्ति पर्यावरण के प्रति जागरूक हो और जीवन की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हो। डॉ. दीपक का सपना है कि #giftingLIFEtoLIVES के माध्यम से न केवल पेड़ लगाए जाएं, बल्कि जीवन में नई रोशनी लाई जाए।
डॉ. दीपक रमेशगौड़  सभी जागरूक नागरिकों, संगठनों, और जिम्मेदार दिलों से अपील करते हैं कि वे इस आंदोलन का हिस्सा बनें। यह सिर्फ जिम्मेदारी लेने का मौका नहीं है, बल्कि अवसर है उन जीवनों को बचाने का, जिन्हें आपकी सबसे ज्यादा जरूरत है।

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