भारत की प्रगति को बरकरार रखने के लिए सरकारी मशीनरी में समर्पित निवेश की आवश्यकता : निर्मला सीतारमण

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नई दिल्ली :  मध्यम अवधि के अनुमान में भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास रणनीति के परिणाम सुनिश्चित करने के लिए सरकार की क्षमता और सामर्थ्य को बढ़ाना महत्वपूर्ण है। केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में ‘आर्थिक समीक्षा 2023-24’ पेश करते हुए यह बात कहीं। समीक्षा में कहा गया है कि उभरती चुनौतियों को देखते हुए भारत की प्रगति को बरकरार रखने और उसमें तेजी लाने के लिए सरकारी मशीनरी में समर्पित निवेश की आवश्यकता है, ताकि उसे फिर से सक्रिय और सुसज्जित किया जा सके। इसमें कहा गया है कि वर्ष 2014 से भारत ने अपने नागरिकों के कल्याण में वृद्धि के उद्देश्य से महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा प्रदान करने और प्रत्यक्ष लाभ योजनाओं को लागू करने में महत्वपूर्ण प्रगति की है और प्राशसनिक सेवा इन परिवर्तनकारी प्रयासों के केन्द्र में रहीं है।

समीक्षा में कहा गया है कि सरकार ने मिशन कर्मयोगी शुरू करके क्षमता निर्माण की चुनौती का जवाब दिया है, जो समस्या को अधिक सुगम उपघटकों में विभाजित करता है। इसमें कहा गया है कि यह कार्यक्रम कार्यस्थल की भूमिकाओं और श्रमिकों की सक्षमताओं को जोड़कर क्षमता निर्माण और मानव संसाधन प्रबंधन प्रणालियों के बीच एक आवश्यक सेतु का निर्माण करता है।

समीक्षा में कहा गया है कि क्षमता निर्माण कार्यक्रम, सेवा पूर्व प्रशिक्षण और वर्तमान में क्षमता निर्माण कार्यक्रम, सेवा-पूर्व प्रशिक्षण और वर्तमान में जारी व्यावसायिक विकास दोनों के संदर्भ में, उन विशिष्ट योग्यताओं का निर्माण करने के लिए तैयार किए जा सकते हैं जिनकी एक प्राशसनिक अधिकारी को अपनी भूमिका अच्छी तरह से निभाने के लिए आवश्यकता होती है।  इसमें कहा गया है कि आईजीओटी कर्मयोगी प्लेटफॉर्म तेजी से एक सेंट्रल नोड के रूप में आकार ले रहा है, जो प्राशसनिक अधिकारियों को उनकी आवश्यकता के अनुरूप क्षमता निर्माण मॉड्यूल तक पहुंचने, उनकी योग्यता संबंधी आवश्यकता और अंतर पर नजर रखने तथा विभागों के बीच ज्ञान और शिक्षा को साझा करने में सक्षम बनाता है।

समीक्षा में यह भी कहा गया है कि हाल के वर्ष में सरकार ने एक पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से केन्द्रीय मंत्रालयों के वरिष्ठ पदों पर समांतर नियुक्ति की शुरुआत की है और सिफारिश की है कि इसका पर्याप्त विस्तार करने की आवश्यकता है। इसमें कहा गया है कि विशेषज्ञता वाले सभी क्षेत्रों में प्राशसनिक अधिकारियों के लिए आधारभूत और मध्य कैरियर प्रशिक्षण का कौशल योग्यता और दृष्टिकोण को पुनः सक्रिय और पुनर्जीवित करने पर पुनः विचार किया जाएगा।

वरिष्ठ पदों पर कार्य करने के लिए, मांगों के अनुरूप कार्य करने तथा उपयोगी और उद्देश्यपूर्ण बनने के लिए कार्यकाल की अवधि भी महत्वपूर्ण है। जल्द ही नीतिगत परिणामों को बड़े पैमाने पर और तीव्र गति से सुनिश्चित करने के लिए जवाबदेही तंत्र आवश्यक हो जाएंगे। वर्ष के शुरुआत और अंत में वरिष्ठ स्तर पर लक्ष्यों और पैमाने पर वार्षिक बातचीत से पेशेवर रवैया उत्पन्न होगा।

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