आगामी 1 जुलाई से लागू होने वाले नए कानूनों के तहत कार्रवाई करने के लिए गुरुग्राम पुलिस तैयार, पुलिस कमिश्नर ने दी पुलिस अधिकारियों को हिदायत

Font Size

राज्य स्तरीय पुलिस ट्रेनिंग सेंटरों से प्रशिक्षित 379 मास्टर ट्रेनरों द्वारा गुरुग्राम पुलिस के 4500 से ज्यादा पुलिसकर्मियों को नए कानून बारे किया जा चुका है प्रशिक्षित।

पुलिस आयुक्त ने गुरुग्राम के सभी पुलिस अधिकारियों व थाना प्रबन्धकों के साथ मीटिंग करके दी विस्तृत जानकारी व दिशा-निर्देश।

गुरुग्राम , 22 जून। गुरुग्राम के पुलिस कमिश्नर विकास कुमार अरोड़ा की अध्यक्षता में आगामी 01 जुलाई से देश में लागू होने वाले नए कानूनों के सम्बन्ध में 21 जून को बैठक आयोजित की गई। पुलिस आयुक्त कार्यालय के कांफ्रेंस हाल में आयोजित इस बैठक में गुरुग्राम के सभी पुलिस उपायुक्त, जिला न्यायवादी, सभी सहायक पुलिस आयुक्त, उप-जिला न्यायवादी पुलिस आयुक्त कार्यालय गुरुग्राम, सभी थाना प्रबन्धक, सभी अपराध शाखाओं के ईन्चार्ज सहित गुरुग्राम के तैनात विभिन्न पुलिस अधिकारी उपस्थित थे। पुलिस आयुक्त ने सभी पुलिस अधिकारियों को नए कानूनों के लागू होने में आने वाली समस्याओं को भी बारीकी से समझाया और  उनका समाधान भी बताया इस अवसर पर उन्होंने हिदायत दी कि नए कानूनों के बारे में जो जानकारी विशेष वर्कशॉप/कोर्स के माध्यम से दी गई है उनका गहनता से अध्ययन करें, ताकि पुलिस कार्यशैली को अधिक प्रभावी बनाकर आरोपियों को सजा दिलाई जा सकें।

आगामी 1 जुलाई से लागू होने वाले नए कानूनों के तहत कार्रवाई करने के लिए गुरुग्राम पुलिस तैयार, पुलिस कमिश्नर ने दी पुलिस अधिकारियों को हिदायत 2

▪️इस मिटिंग में पुलिस आयुक्त द्वारा मिटिंग में उपस्थित सभी पुलिस अधिकारियों को सम्बन्धित करते हुए बतलाया कि भारतीय दण्ड संहिता (IPC), दण्ड प्रक्रिया संहिता (Cr.PC) तथा साक्ष्य अधिनियम (Evidence Act.) की जगह भारतीय न्याय संहिता (BNS), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS), भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) ने ली है। अब कानून व पुलिस प्रक्रियां नए कानूनों के अनुसार लागू होगी।

▪️भारतीय दंड संहिता (IPC) में जहां 511 धाराएं थी वहीं अब भारतीय न्याय संहिता (BNS) में 358 धाराएं हैं। जिनको 20 अध्याय में विभाजित किया गया हैं, 33 अपराधों में सजा अवधि बढ़ाई है, 83 अपराधों में जुर्माने की राशि बढ़ाई है, 23 अपराधों में अनिवार्य न्यूनतम सजा का प्रावधान किया गया है। BNS के माध्यम से सजा के एक नए तरिके के तौर पर समुदायिक सेवा को जोङा गया है तथा 06 अपराधों में सामुदायिक सेवा की सजा का प्रावधान रखा गया है।

▪️नए कानूनों के मुख्य बिंदु इस प्रकार है :

👉🏻 भारतीय न्याय संहिता (BNS) में IPC की ज्यादातर धाराओं को शामिल किया गया। भारतीय न्याय संहिता (BNS) में कम्युनिटी सर्विस को सजा के तौर पर शामिल किया गया है।

👉🏻 आंतकवाद को एक अपराध के तौर पर शामिल किया गया है। अब पुलिस को केवल वर्तमान में मौजूद UAPA एक्ट पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।

👉🏻 राजद्रोह के स्थान पर भारत की संप्रभुता, अखंडता, एकता को खतरे में डालना को शामिल किया गया है।

👉🏻 किसी व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह के द्वारा हिंसा की धमकी हिंसा का उपयोग या किसी अन्य गैर-कानूनी तरीके से अपराध करने को संगठित अपराध करने की श्रेणी में लिया गया है, जिसके लिए BNS की धारा 111 में सजा का प्रावधान है। अर्थिक अपराधों को भी इस श्रेणी में शामिल किया गया है।

👉🏻 किसी अपराध को करने के लिए बच्चों को काम में लगाना को भारतीय न्याय संहिता की धारा 95 के अंतर्गत अपराध माना जाएगा।

👉🏻 भारत में अपराध के लिए भारत के बाहर किसी को बहकाना या उकसाना को भारतीय न्याया संहिता की धारा 48 के अंतर्गत अपराध माना जाएगा।

👉🏻 किसी महिला की निजी तस्वीरें बिना महिला की इजाजत के खींचना/देखना भारतीय न्याय संहिता के द्वारा 77 के अंतर्गत, किसी महिला का पीछा करना भारतीय न्याय संहिता की धारा 78 के अंतर्गत अपराध माना जाएगा।

👉🏻 बलपूर्वक तथा हिंसा करते हुए दंगे करना भारतीय न्याय संहिता की धारा 191 के अंतर्गत अपराध माना जाएगा।

👉🏻 इसी प्रकार Cr.PC में 484 धाराएं थी वहीं अब भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) में 531 धाराएं हैं, पूर्व में प्रथम सूचना रिपोर्ट CrPC की धारा 154 के तहत अंकित की जाती थी जो कि अब 01 जुलाई 2024 से BNSS की धारा 173 के तहत अंकित की जाएगी।

👉🏻 BNSS की धारा 105 के तहत अनुसंधान के दौरान बरामदगी के समय विडियोंग्राफी की जानी आवश्यक होगी।

👉🏻 वही BNSS की धारा 176 (3) के तहत 07 साल या उससे अधिक की सजा वाले अपराधों के लिए फोरेंसिक एक्सपर्ट के द्वारा घटनास्थल का निरीक्षण अनिवार्य होगा।

👉🏻 नए प्रावधान BNSS के अनुसार अब कोई भी बलात्कार पीङित अपने ब्यान मोबाईल फोन सहित किसी भी अन्य ऑडियों/विडियों इलेक्ट्रोनिक संचार के माध्यम से भी अंकित करवा सकती है।

👉🏻 सम्मन/नोटिस तथा वारंट ई-मेल के द्वारा भी तमिल करवाए जा सकते है।

👉🏻 BNSS की धारा 43 के तहत आदतन अपराधी, हिरासत से भागा हुआ अपराधी, संगठित अपराध, आतंकवादी कृत्य, नशीली दवाओं से सम्बंधित अपराध, हथियार या गोला बारूद का पर अवैध कब्जा रखना, हत्या, बलात्कार व राज्य के खिलाफ अपराध सहित कुछ अन्य मामलों में पुलिस द्वारा आरोपी को गिरफ्तार करते समय या मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश करते समय हथकङी इस्तेमाल करने के भी प्रावधान दिए गए है।

👉🏻 नए कानूनों के तहत भगौड़े अपराधियों पर सख्ती की जाएगी। उनकी गैर-मौजूदगी में कोर्ट में ट्रायल भी हो सकेगा। अब फरार घोषित अपराधी के बगैर भी मुकदमा चल सकेगा। फरार आरोपी पर आरोप तय होने के तीन महीने बाद ट्रायल शुरू हो जाएगा।

👉🏻 अदालत को पहली सुनवाई की तारिख से 60 दिन के भीतर आरोपी पर आरोप तय करने होंगे। सुनवाई पूरी होने के बाद 30 दिन के अंदर फैसला सुनाना होगा तथा फैसले की घोषणा 07 के अन्दर न्यायालय द्वारा पोर्टल पर अपलोड की जाएगी।

▪️SECTION CHANGE FOR MAJOR CRIMES
(NOT IPC, IT’S BNS NOW)

👇🏻
अपराध: हत्या
पहले: धारा 302 IPC
अब: धारा 103(1) BNS
सजा: उम्रकैद, जुर्माना या मृत्युदण्ड

👇🏻
अपराध: बलात्कार/दुष्कर्म
पहले: धारा 376 IPC
अब: धारा 64 BNS
सजा: 10 वर्ष का कठोर कारावास या उम्रकैद व जुर्माना

👇🏻
अपराध: 12 साल के कम उम्र की बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म
पहले: धारा 376-DB IPC
अब: धारा 70 BNS
सजा: 20 वर्ष कठोर कारावास से लेकर मृत्यु होने तक उम्रकैद तथा जुर्माना

👇🏻
अपराध: डकैती
पहले: धारा 394 IPC
अब: धारा 309 BNS
सजा: 10 वर्ष कठोर कारावास व जुर्माना

👇🏻
अपराध: डकैती के साथ गंभीर चोंट व मृत्युकारित चोंट मारने का प्रयास
पहले: धारा 397 IPC
अब: धारा 311 IPC
सजा: 07 वर्ष या उससे ज्यादा कारावास व जुर्माना

👇🏻
अपराध: हत्या करने का प्रयास/जानलेवा हमला
पहले: धारा 307 IPC
अब: धारा 109 BNS
सजा: 10 साल कारावास व जुर्माना

👇🏻
अपराध’ धोखाधङी
पहले: धारा 420 IPC
अब: धारा 318 (2) BNS
सजा: 07 साल कारावास व जुर्माना

👇🏻
अपराध: भारत सरकार के विरुद्ध युद्ध छेङना या युद्ध के लिए उकसाना
पहले: धारा 121IPC
अब: धारा 147 IPC
सजा: मृत्युदण्ड या उम्रकैद व जुर्माना

👇🏻
अपराध: संगठित अपराध के माध्यम से किसी की मृत्यु कारित करना
पहले: कोई प्रावधान नही था
अब: धारा 111 BNS
सजा: मृत्युदण्ड या 10 साल कैद व जुर्माना (10 लाख से कम नहीं)

👇🏻
अपराध: लापरवाही करने का कारण मृत्यु
पहले: 304A IPC
अब: 106 (1) BNS
सजा: 05 साल कैद व जुर्माना

👇🏻
अपराध: जानवर को मारकर या अपंग बनाकर शरारत करना
पहले: धारा 428 IPC
अब: धारा 325 BNS
सजा: 05 साल की सजा या जुर्माना या दोनों

▪️पुलिस आयुक्त, गुरुग्राम ने इस मीटिंग में उपस्थित सभी पुलिस अधिकारियों को नए कानूनों के लागू होने में आने वाली समस्याओं को भी बारीकी से समझाते हुए उनका समाधान बताया तथा हिदायत दी कि नए कानूनों के बारे में जो जानकारी विशेष वर्कशॉप/कोर्स के माध्यम से दी गई है उनका गहनता से अध्ययन करें, ताकि पुलिस कार्यशैली को अधिक प्रभावी बनाकर आरोपियों को सजा दिलाई जा सकें।

▪️गुरुग्राम पुलिस 01 जुलाई 2024 से लागू होने वाले प्रस्तावित नए कानूनों को लागू करने के लिए पूर्ण रुप से तैयार है, जिसके लिए सभी आवश्यक तैयारियां समय रहते गुरुग्राम पुलिस द्वारा पूर्ण कर ली गई है।

You cannot copy content of this page