नई दिल्ली। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार); प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने आज लोकसभा में अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (एनआरएफ) की स्थापना के लिए एक विधेयक पेश किया।
विधेयक पेश करते हुए डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि संसद में पारित होने के बाद यह अधिनियम गणितीय विज्ञान, इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी, पर्यावरण और पृथ्वी विज्ञान, स्वास्थ्य और कृषि सहित प्राकृतिक विज्ञान के क्षेत्र में अनुसंधान, नवाचार और उद्यमिता के लिए उच्च स्तरीय रणनीतिक दिशा प्रदान करेगा।
उन्होंने कहा कि इससे मानविकी और सामाजिक विज्ञान के वैज्ञानिक और तकनीकी इंटरफेस को भी बढ़ावा मिलेगा ताकि इस तरह के अनुसंधान के लिए जरूरी समर्थन को बढ़ावा दिया जा सके।
हमें याद रखना होगा कि 28 जून 2023 को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने संसद में नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (एनआरएफ) विधेयक, 2023 पेश करने को मंजूरी दे दी है। अनुमोदित विधेयक एनआरएफ की स्थापना का मार्ग प्रशस्त करेगा जो अनुसंधान और विकास (आर एंड डी) को बढ़ावा देगा तथा भारत के विश्वविद्यालयों, कॉलेजों, अनुसंधान संस्थानों और आर एंड डी प्रयोगशालाओं में अनुसंधान और नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा देगा।
संसद में अनुमोदन के बाद यह विधेयक, पांच वर्षों (2023-28) के दौरान 50,000 करोड़ रुपये की कुल अनुमानित लागत पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) की सिफारिशों के अनुसार देश में वैज्ञानिक अनुसंधान की उच्च स्तरीय रणनीतिक दिशा प्रदान करने के लिए एक शीर्ष निकाय एनआरएफ की स्थापना का मार्ग प्रशस्त करेगा।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) एनआरएफ का प्रशासनिक विभाग होगा जो एक नियंत्रण बोर्ड द्वारा नियंत्रित होगा जिसमें विभिन्न विषयों के प्रतिष्ठित अनुसंधानकर्ता और पेशेवर शामिल होंगे। चूंकि एनआरएफ का दायरा व्यापक है और यह सभी मंत्रालयों को प्रभावित करता है, इसलिए प्रधानमंत्री इस बोर्ड के पदेन अध्यक्ष होंगे और केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री तथा केंद्रीय शिक्षा मंत्री पदेन उपाध्यक्ष होंगे। एनआरएफ का कामकाज भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार की अध्यक्षता में एक कार्यकारी परिषद द्वारा नियंत्रित किया जाएगा।
एनआरएफ उद्योग, शिक्षा और सरकारी विभागों और अनुसंधान संस्थानों के बीच सहयोग करेगा, और विज्ञान एवं संबंधित मंत्रालयों के अलावा उद्योगों और राज्य सरकारों की भागीदारी और योगदान के लिए आपसी संपर्क को लेकर एक प्रणाली बनाएगा। यह एक नीतिगत ढांचा बनाने और नियामक प्रक्रियाओं को लागू करने पर ध्यान केंद्रित करेगा जो अनुसंधान एवं विकास संबंधी उद्योग द्वारा सहयोग और खर्च में वृद्धि को प्रोत्साहित कर सकते हैं।
यह विधेयक 2008 में संसद के एक अधिनियम द्वारा स्थापित विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड (एसईआरबी) को भी निरस्त कर देगा और इसे एनआरएफ में शामिल कर लेगा, जिसके पास एक व्यापक शासनादेश है और एसईआरबी की गतिविधियों के अलावा अन्य गतिविधियों को शामिल करता है।