नई दिल्ली : केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार के लिए किसानों का हित सर्वोपरि है। इसी दिशा में हमारे किसानों को अच्छी गुणवत्ता के बीजों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए मोदी सरकार शीघ्र ही सीड ट्रेसेब्लिटी सिस्टम लांच करेगी। इससे बीज व्यापार क्षेत्र में गलत काम करने वालों पर अंकुश लगेगा। केंद्रीय मंत्री श्री तोमर ने यह बात आज दिल्ली में नेशनल सीड एसोसिएशन आफ इंडिया द्वारा आयोजित दो दिवसीय इंडियन सीड कांग्रेस के दौरान मुख्य अतिथि के रूप में कही।
श्री तोमर ने कहा कि सीड ट्रेसेब्लिटी सिस्टम पर संबंधित पक्षों के सुझाव लिए गए हैं, इसे लांच करने से इसका फायदा किसानों के साथ ही बीज क्षेत्र में अच्छा काम करने वाले सभी लोगों को मिलेगा और बीज का क्षेत्र ठीक प्रकार से सुनिश्चितता से काम करने की ओर अग्रसर होगा। बीज क्षेत्र को सुचारू रूप से संचालित करने में जो कोई भी बाधाएं आती है तो सरकार इस संबंध में पूरी तरह गंभीर है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व वाली यह पहली ऐसी सरकार है, जिसने देश की आजादी के 75 वर्षों के दौरान अप्रासंगिक हो चुके कानूनों को खत्म किया है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने इस विषय को अत्यंत गंभीरता से लेकर कड़े निर्देश देते हुए लगभग डेढ़ हजार ऐसे कानून समाप्त करा दिए हैं, ताकि किसी संस्था या व्यक्ति के खिलाफ इनका दुरूपयोग नहीं हो सकें।
यह आवश्यक है कि देश में व्यापार-उद्योग क्षेत्र ठीक से, बेफ्रिकी से काम कर सकें और मोदी सरकार ने यह करके दिखा दिया है। पहली बार मोदी सरकार ने ही देश के करदाताओं का धन्यवाद ज्ञापित किया है, साथ ही सभी वर्गों के हित में कानूनी सुधार करते हुए देश में सभी वर्गों के बीच विश्वास का माहौल कायम किया है। इससे सरकार का नजरिया प्रकट होता है। आने वाले समय में अपने देश को विकसित राष्ट्र बनाना है तो आपसी विश्वास के इस माहौल को न केवल और सुधारना होगा, बल्कि हमें इसे मजबूत भी करना होगा, सरकार इंड्रस्टी की भावना को समझें और इंडस्ट्री इस पर मोहर लगाने का काम करें कि आपने हम पर भरोसा किया है तो निश्चित रूप से हम भी कुछ गलत काम नहीं करेंगे।
श्री तोमर ने कहा कि हमारा कृषि क्षेत्र समृद्ध है व अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। कृषि में भारत अग्रणी स्थिति में है, फिर भी आयात घटाते हुए तिलहन, कपास जैसे जिन कुछ क्षेत्रों में हमें आत्मनिर्भर होना शेष है, उनमें देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए बीज क्षेत्र के हितधारक भी अपना योगदान दें। इस दिशा में सीड इंडस्ट्रीज को रोडमैप बनाकर उस पर काम करने की जरूरत है। श्री तोमर ने कहा कि आने वाला कल भारत के लिए बहुत ही शुभंकर है। दुनिया के राजनीतिक परिदृष्य को सबने देखा है, भारत की साख और हमारा महत्व आज दुनिया के राजनीतिक मंचों पर जितना मजबूत दिखाई देता है, ऐसा दृश्य पहले कभी नहीं था। आज दुनिया का बड़ा भाग हिंदुस्तान से मांगने की अपेक्षा रखता है। प्रधानमंत्री श्री मोदी के कुशल व सशक्त नेतृत्व एवं देश की प्रगति में सबके योगदान के कारण यह बेहतर स्थिति निर्मित हुई है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ‘मेक इन इंडिया’ के माध्यम से भारत ने अपने कदम तेजी से आगे बढ़ाएं है, वहीं पीएम गति शक्ति कार्यक्रम आने वाले कल में विकसित भारत की बुनियाद मजबूत करने वाला है। हम सब जो कृषि के क्षेत्र में कार्यरत है, उनकी यह जिम्मेदारी है कि वर्ष 2050 तक बढ़ने वाली आबादी को ध्यान में रखते हुए, देश-दुनिया की अपेक्षित आवश्यकताओं की पूर्ति करने के लिए तैयार रहें, साथ ही जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का सामना एवं समाधान करते हुए देश को अग्रणी अवस्था में लाएं, यह भी हम सब के रोडमैप में शामिल होना चाहिए। श्री तोमर ने कृषि क्षेत्र की निरंतर प्रगति में बीज क्षेत्र के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि बीज ही सृष्टि है, बीज का विकास ही सृष्टि का विकास है। क्षेत्र कोई भी हो, लेकिन बीज का महत्व है, बीज की गुणवत्ता निश्चित रूप से किसी भी क्षेत्र के लिए अत्यंत महत्व रखती है।
कृषि के क्षेत्र में बीज की गुणवत्ता, उसका विकास, संख्यात्मक रूप से बढ़ना, किसानों के द्वारा उपयोग करना और मनुष्यों के द्वारा उपभोग करना, यह एक बड़ी यात्रा है, इस यात्रा में जो लोग सहभागी है, वो अपना व्यवसाय तो कर रहे हैं लेकिन साथ ही इस क्षेत्र के प्रति उनकी मानवीय जिम्मेदारी भी बहुत महत्वपूर्ण है, जिसे सभी को गंभीरता से लेना चाहिए। श्री तोमर ने जलवायु के अनुरूप एवं बायोफोर्टिफाइड किस्मों के साथ ही बीजों की अन्य अच्छी किस्में विकसित करने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) से जुड़े सभी संस्थानों के वैज्ञानिकों के योगदान की भी सराहना की। इस मौके पर श्री तोमर ने सीड्स फार ग्लोबल यूनिटी वाल का अनावरण किया। एसोसिएशन के पदाधिकारी एम. प्रभाकर राव, दिनेश पटेल, वैभव काशीकर, डा. बी.बी. पटनायक, आर.के. त्रिवेदी भी मौजूद थे।