आर्थिक विज्ञान के पैरामीटर को लागू कर बनाया बजट
2 करोड़ 85 लाख नागरिकों का रखा ख्याल
जीएटी क्लेक्शन में छोटे राज्यों की तुलना में अग्रणीय हरियाणा
चंडीगढ़, 23 फरवरी-हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि इस बजट में आज से 25 वर्ष बाद यानि 2047 में देश की आजादी के बाद 100 साल होने पर उस दौरान देश कैसा हो, उसकी नींव अभी से रखी जा रही है। प्रधानमंत्री के विजन अनुसार जरूरतमंद गरीब, युवा, किसान, व्यापारी, मजदूर की सहायता करने व उसे आगे बढने के अवसर प्रदान करने को ध्यान में रखकर बनाया गया है।
मुख्यमंत्री आज बतौर वित मंत्री विधानसभा में बजट पेश करने के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि परिवार को ईकाई मानकर हर नागरिक की चिंता बजट में की गई है। लगभग 2 करोड़ 85 लाख नागरिकों का इसमें पूरा ख्याल रखा गया है। परिवार के 6 सदस्यों की ईकाई मानकर उनके हितो के प्रति कार्य किया गया। बजट में हर सदस्य की आवश्यकता पूरी करने, उसे आर्थिक रूप से उभारने के साथ-साथ उनके स्वास्थ्य की जांच एवं देखभाल, रोजगार मुहैया करवाने के लिए ऋण तक की सुविधा का भी प्रावधान किया गया है। अब महिला एवं बाल विकास, स्कूल शिक्षा, उच्चतर शिक्षा, युवा कौशल एवं विकास, राजस्व एवं सेवा विभाग हर घर का दौरा करेगा और उनका कुशलक्षेम पूछेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट में सभी विभागों का लक्ष्य निर्धारित किया गया है और कोई नया कर नहीं लगाया है। बजट आर्थिक विज्ञान के पैरामीटर के नियमों के अनुरूप बनाया गया है ताकि अगली पीढी इसे असानी से वहन कर सकें। कोई अवसर भी बर्बाद न हों, ऐसा भी बजट में ध्यान रखा गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा एक अच्छे राज्य के रूप में उभर रहा है। जीएटी क्लेक्शन में छोटे राज्यों में हरियाणा तीसरे नम्बर पर है। राज्य में 10 लाख करोड़ रुपए का राजस्व एकत्र होता है। यह राज्य के व्यक्तियों की आय पर निर्भर करता है। हरियाणा में लगभग 25-26 हजार करोड़ रुपए प्रति व्यक्ति कलैक्शन हो रहा है। यह आय, विकास, औद्योगिक एवं अन्य गतिविधियों के बढने पर निर्भर करता है।
एक सवाल के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि पुरानी पैंशन के मामले में एक कमेटी का गठन किया गया है। यह कमेटी जो भी सिफारिश करेगी उसके बाद निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस बार प्रदूषण रोकने के लिए किसानों को पराली न जलाने पर 1500 रुपए प्रति टन प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
एक जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट में 60-70 नई घोषणाएं की गई हैं। इसके अलावा गौ सेवा आयोग का बजट 400 करोड़ रुपए किया गया। आगामी वर्ष में गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाया जाएगा तथा सड़कों पर घूमने वाली गायों के लिए व्यापक स्तर पर पशुचारे आदि का प्रबंध किया जाएगा। उन्होंने कहा कि उपपुलिस अधीक्षक की अध्यक्षता में हर जिले में गो टास्क फोर्स बनाई गई है लेकिन किसी भी गोसेवक को कानून हाथ में लेने का अधिकार नहीं है।
मुख्यमंत्री ने एक जवाब में कहा कि सहकारिता के क्षेत्र में अनपढ एवं बेरोजगार भी स्वावलम्बी बन सकते है। ताजा फल और सब्जियों का विदेशों में भी निर्यात किया जा सकता है। इसके लिए आवश्यक प्रबंध जुटाए जाएगें। एक अन्य प्रश्न में मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायती राज संस्थाएं एवं स्थानीय निकाय अपने स्तर पर कार्य कर सकेंगी। सभी संस्थाएं अपने फण्ड जनरेट कर क्षमता बढाने का कार्य करें जो विकास पर खर्च कर सकेंगी। सरकार की ओर से उन्हें सहायता उपलब्ध करवाई जाएगी।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव श्री डी एस ढेसी, वित सचिव श्री अनुराग रस्तोगी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वी उमाशंकर, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डा. अमित अग्रवाल, एडीजीपी सीआईडी आलोक मितल सहित कई अधिकारी मौजूद रहे।