-मकानों की छतों पर हज़ारों नए टेलीफोन /इन्टरनेट टावर लगाने की आवश्यकता समाप्त हो जायेगी
-लोगों के विरोध का सामना भी नहीं करना पड़ेगा
-बैकहॉल कनेक्टिविटी की आवश्यकता आकाशीय फाइबर से होगी पूरी
सुभाष चौधरी/The Public World
नई दिल्ली : भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने आज “छोटे सेल और आकाशीय फाइबर के उपयोग के लिए स्थानीय सामग्री (स्ट्रीट फ़र्नीचर) के उपयोग” पर अपनी सिफारिशें जारी कर दी हैं। इससे 5 जी की इन्टरनेट की सुविधा देने वाली व फाइबर बिछाने वाली कम्पनियां अब सड़कों व गलियों में बिजली व टेलीफोन के पोल व अन्य सुविधाओं का उपयोग कर सकेंगी. इसमें छोटे उपकरण लागए जायेंगे जिससे मकानों की छतों पर टेलीफोन /इन्टरनेट टावर लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. इससे हज़ारों नए टावर लगाने की आवश्यकता समाप्त हो जायेगी जबकि लोगों के विरोध का सामना भी नहीं करना पड़ेगा क्योंकि गलियों में पहले से ही स्थापित सरकारी सुविधाओं के उपयोग की अनुमति दे दी गई है. सभी स्मार्ट शहरों, अन्य शहरों और कस्बों, बंदरगाह, हवाई अड्डे, मेट्रो रेल, औद्योगिक पार्क और सम्पदा आदि में स्ट्रीट फर्नीचर के उपयोग की सिफारिश की गई है .
जाहिर है ट्राई की इस नई सिफारिश से बड़े शहरों में उन लोगों की आय पर बड़ा असर पड़ेगा जिन्होंने पाने घरों की छतों पर टेलीफोन टावर लगवाये हैं और मोटा किराया वसूल रहे हैं. इन्टरनेट कम्पनियां इस स्थिति का फायदा उठा सकती हैं क्योंकि वे अब धड़ल्ले से सरकारी पोल का उपयोग कर सकेंगी क्योंकि 5 जी के लिए बड़े टावर की बजाय छोटे सेल लगाए जायेंगे जिससे दो भवनों के बीच इन्टरनेट की तरंगे पास होने में कठिनाई नहीं हो. इसकी स्पीड को हाई बनाये रखने के लिए एरिअल फाइबर बिछाने की जरूरत होगी .
इस सिफारिश में कहा गया है कि भारत अब 5जी शुरू करने की योजना बना रहा है तो ऐसे में छोटे सेल नेटवर्क इसे उन्नत करने और इसके विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। 5जी चालू करने के लिए उच्च आवृत्ति बैंड का उपयोग करने से इसका प्रसार कम रहेगा होगा क्योंकि इन बैंड में तरंगें सामने पड़ने वाले भवनों या अन्य बाधाओं के आने से आगे नहीं बढ़ सकते हैं। इसलिए, सभी स्थानों पर हर प्रकार के उपयोगों और अनुप्रयोगों का समर्थन करने के लिए बड़े सेल्स को छोटे सेल्स की व्यापक स्थापना/तैनाती के साथ पूरक बनने की आवश्यकता होगी।
ट्राई ने कहा है कि 5 जी इन्टरनेट की प्रवाहित हो रही तरंगों को आगे वितरित करने के लिए स्थानीय सामग्री के लिए छोटे सेल्स का भी उपयोग किया जाएगा क्योंकि मैक्रो रेडियो साइटों द्वारा उपयोग की जाने वाली कम आवृत्तियों की वहन क्षमता सीमित है। 5जी के स्मॉल सेल को स्थापित करने के लिए पहले से उपलब्ध स्ट्रीट फ़र्नीचर जैसे पोल आदि का उपयोग करने से हज़ारों नए टावर लगाने की आवश्यकता समाप्त हो सकती है.
ट्राई ने सिफारिश में यह भी कहा है कि इसके परिणामस्वरूप स्मॉल सेल्स को किफायती ढंग से और तेज़ी से लगाया जा सकता है। छोटे सेलों को ऐसी बैकहॉल कनेक्टिविटी की आवश्यकता होगी जिसे फिर से सड़क के फर्नीचर का उपयोग कर आकाशीय फाइबर को बिछाकर उसके माध्यम से बहुत तेजी से यह सेवा प्रदान की जा सकती है।
सड़कों पर स्थापित खम्बों/टावरों पर छोटे सेल और एरियल फ़ाइबर लगाने से बैकहॉल की उपलब्धता, बिजली, उपयुक्त उपकरण लगाने के लिए ऐसे स्ट्रीट फ़र्नीचर की क्षमता,मापनीयता (स्केलेबिलिटी) और स्थानीय अनुमोदन एवं सुरक्षा से संबंधित चिंताओं के आधार पर उपयुक्त स्ट्रीट फ़र्नीचर की पहचान करने जैसे कई मुद्दों का सामना करना पड़ सकता है। मार्गाधिकार (राइट ऑफ वे- आरओडब्ल्यू) प्रक्रिया, विभिन्न उपयोगकर्ताओं के बीच स्ट्रीट फर्नीचर को साझा करना, राज्य बिजली कानूनों के तहत बिजली आपूर्ति के लिए आवश्यक अनुमतियां, छोटे सेल की स्थापना के लिए छूट या एक साथ अनुमतियों का भी हल निकालने की आवश्यकता होगी। इन मुद्दों पर हितधारकों से उनके विचार प्राप्त करने के लिए, प्राधिकरण ने गत 23 मार्च 2022 को “सेल्स और एरियल फाइबर बिछाए जाने के लिए स्ट्रीट फर्नीचर के उपयोग” पर एक परामर्श पत्र जारी किया था।
अत्याधुनिक 5जी नेटवर्क विकसित करने के लिए विभिन्न केंद्रीय, राज्य और नगरपालिका प्राधिकरणों के बीच सड़क के फर्नीचर के बुनियादी ढांचे को साझा करने को बढ़ावा देने वाले क्रॉस सेक्टोरल ढांचे को विकसित करने के उद्देश्यों के साथ, भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण ने भोपाल स्मार्ट सिटी, जीएमआर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा नई दिल्ली, कांडला के दीनदयाल पोर्ट और नम्मा मेट्रो बेंगलुरु में छोटे सेल और एरियल फाइबर बिछाने के लिए स्ट्रीट फर्नीचर के उपयोग पर पर एक साथ कई पायलट शुरू किए थे।
इन पायलटों से परामर्श प्रक्रिया और सीखने के आधार पर, ट्राई ने सभी स्मार्ट शहरों, अन्य शहरों और कस्बों, बंदरगाह, हवाई अड्डे, मेट्रो रेल, औद्योगिक पार्क और सम्पदा आदि में स्ट्रीट फर्नीचर का उपयोग करके छोटे सेल्स और ऑप्टिकल फाइबर के सफल और तेजी से रोलआउट सुनिश्चित करने के लिए अनुकूल नियामक और नीतिगत ढांचे पर सरकार के लिए अपनी व्यापक सिफारिशें तैयार की हैं। इन सिफारिशों का महत्व एक ऐसा नियामक ढांचा बनाने पर है जो विभिन्न विभागों, केंद्रीय और राज्य एजेंसियों, स्थानीय निकायों तथा सेवा प्रदाताओं के बीच सहयोग और भागीदारी की सुविधा प्रदान करता है।
“छोटे सेल्स और एरियल फाइबर बिछाने के लिए स्ट्रीट फ़र्नीचर का उपयोग” पर इन सिफारिशों की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं :
राइट ऑफ वे-आरओडब्ल्यू के मुद्दे और यथा संशोधित आरओडब्ल्यू नियमावली, 2016
· मार्गाधिकार (राइट ऑफ वे-आरओडब्ल्यू ) नियमों, 2022 में अगस्त 2022 के संशोधन को लाने में टूरसंचार विभाग के प्रयासों की सराहना करते हुए प्राधिकरण ने “स्ट्रीट फर्नीचर” शब्द पर स्पष्टता लाने के लिए नियमों में और अधिक संशोधन करने की सिफारिश की है और उसी डीओटी स्पष्टीकरण दिनांक 26.10.2022 को शामिल करने के लिए आवेदनों का एक साथ प्रसंस्करण का प्रावधान किया जाना भी इसमें शामिल है ।
· सभी उपयोगिता प्रदाताओं विशेष रूप से बिजली क्षेत्र के लिए आरओडब्ल्यू अनुमति प्रदान करने हेतु प्रस्तावित राष्ट्रीय पोर्टल के दायरे को बढ़ाना। आरओडब्ल्यू और बिजली कनेक्शन सहित विभिन्न अनुमतियां प्रदान करने के लिए साइटों के एकमुश्त प्रसंस्करण के उद्देश्य से एकल आवेदन स्वीकार करने के लिए राष्ट्रीय आरओडब्ल्यू पोर्टल में एक प्रावधान किया जाना ।
· राष्ट्रीय आरओडब्ल्यू पोर्टल को प्राप्त करने में जीआईएस के माध्यम से मैप की गई स्ट्रीट फर्नीचर संपत्तियों की एक सूची का निर्माण
- ऊंचाई, भार वहन, और संरचना की पवन वेग को सहने की क्षमता।
- यदि बिजली उपलब्ध हो तो वाट क्षमता, बिजली का प्रकार (एसी/डीसी), वोल्टेज आदि।
- स्ट्रीट फर्नीचर (एसएफ) के चित्र।
- काम पर रखने के लिए प्रस्तावित गैर- भेदभावपूर्ण नियम और शर्तें।
- विशेष स्ट्रीट फर्नीचर के लिए नोडल व्यक्ति का संपर्क विवरण (मोबाइल नंबर, लैंडलाइन नंबर और ईमेल आईडी)।
जीआईएस में ड्रोन आधारित मैपिंग के उपयोग पर छोटे सेल्स की आधारभूत अवसंरचना के स्थान के त्वरित मूल्यांकन और स्ट्रीट फर्नीचर की सूची के निर्माण पर विचार किया जाना चाहिए।
· प्रावधान शामिल करने के लिए आरओडब्ल्यू नियमों में संशोधन करें कि यदि एक से अधिक दूरसंचार सेवा प्रदाता (टीएसपीएस) एक ही एसएफ का उपयोग करने के लिए अनुरोध करते हैं और सभी अनुरोध करने वाले टीएसपीएस की मांगों को पूरा करने के लिए स्थान की उपलब्धता अपर्याप्त है, तो उन्हें उपकरणों की स्थापना के लिए संरचना के साझा उपयोग हेतु तकनीकी रूप से व्यवहार्य समाधान निकालने के लिए आपस में समन्वय करना चाहिए। यदि दूरसंचार सेवा प्रदाता किसी समझौते पर पहुंचने में विफल रहते हैं, तो उन्हें नियंत्रक प्रशासनिक प्राधिकरणों (सीएए) के निर्णय को स्वीकार करना चाहिए जो एसएफ का उपयोग करने वाले टीएसपी (एस) का चयन करने के लिए एक उचित और उचित तरीके का उपयोग कर सकता है।
· प्रारूप दूरसंचार विधेयक 2022 में दूरसंचार संपत्तियों को जानबूझकर क्षति पहुंचाने से निपटने के प्रावधान हैं। हालांकि, जब तक विधेयक एक कानून के रूप में पारित नहीं हो जाता, तब तक सरकार को दूरसंचार संपत्ति की सुरक्षा के लिए दूरसंचार विभाग और गृह मंत्रालय की संयुक्त समिति के माध्यम से पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई की विशेष रूप से निगरानी करनी चाहिए।
दूरसंचार सेवा प्रदाता और सूचना उत्पाद प्रत्यन्तरणों ( इनफार्मेशन प्रोडक्ट इंटरचेंज – आईपीआईएस ) के साथ नियंत्रक प्रशासनिक प्राधिकरणों (सीएए) द्वारा अवसंरचना साझा करना
· दूरसंचार विभाग राज्यों को उन नियंत्रक प्रशासनिक प्राधिकरणों के लिए अनिवार्य परामर्श दिशानिर्देश जारी करना चाहिए जो संरचनात्मक स्थिरता के अधीन छोटे सेल्स की तैनाती के लिए टीएसपी/आईपी-आईएस के साथ इन परिसंपत्तियों को साझा करने के लिए ट्रैफिक लाइट का स्वामित्व/नियंत्रण करते हैं।
· केंद्र सरकार की सभी संस्थाएं छोटे और बड़े सेल्स सहित डिजिटल सम्पर्क अवसंरचनाएं (डिजिटल कनेक्टिविटी इंफ्रास्ट्रक्चर–डीसीआई) स्थापित करने के लिए अपने वर्तमान और नियोजित भवनों/संरचनाओं में समर्पित स्थान निर्धारित करें। छोटे/मैक्रो सेल्स लगाने के लिए छतों पर समर्पित स्थानों की पहचान की जानी चाहिए। ऐसे स्थानों का जीआईएस द्वारा मानचित्रांकन (मैप) किया जाना है और उन्हें गैर-भेदभावपूर्ण आधार पर टीएसपी/आईपी-आईएस द्वारा शुल्क मुक्त उपयोग के लिए गति शक्ति संचार पोर्टल पर उपलब्ध कराया जाना है। राज्य सरकारों को उनकी संस्थाओं और स्थानीय निकायों द्वारा ऐसी ही समान कार्रवाई के लिए परामर्श दिशानिर्देश भी जारी किए जाने चाहिए। दूरसंचार विभाग को दिशा-निर्देशों को लागू करने के लिए राज्य सरकारों के साथ भी संपर्क करना चाहिए।
· सक्षमकारी प्रावधान या उपयुक्त नियम और शर्तें उन सभी टेलीकॉम लाइसेंस और आईपी-I पंजीकरण समझौते में शामिल की जाएंगी, जो टीएसपी/आईपी-I प्रदाताओं को इंफ्रास्ट्रक्चर ओनर्स)/सीएए या किसी अन्य प्राधिकरण के साथ किसी भी विशेष अनुबंध या तरीकों के अधिकार में प्रवेश करने से रोकता है।
·प्राधिकरण ने प्राथमिकता में राष्ट्रीय फाइबर प्राधिकरण (एनएफए) के गठन पर अपनी पूर्व की सिफारिशों को दोहराया है और एनएफए के दायरे को सामान्य वाहिकाओं (डक्ट्स) और टेलीग्राफ पोस्ट से अलग हटकर विस्तारित किया जाना चाहिए, ताकि भूमि के ऊपर स्थापित साधनों, संरचनाओं और उपकरणों से संबंधित दायित्वों को पूरा किया जा सके।
· दूरसंचार विभाग को राज्यों को दिए जाने वाले अपने परामर्शी दिशानिर्देशों में निम्नलिखित को शामिल करना चाहिए :
- सभी सीएए या संपत्ति नियंत्रण प्राधिकरणों को किसी भी लाइसेंसधारी / पंजीकरण धारक के साथ विशेष अधिकार/विशिष्ट गठजोड़ करने पर रोक लगानी चाहिए।एसएफ इंफ्रास्ट्रक्चर को नॉन–एक्सक्लूसिव और नॉन– डिस्क्रीमिनेटरी तरीके से प्रस्तुत किया जाना चाहिए।
- भविष्य में, उपयुक्त प्राधिकारियों द्वारा नई स्ट्रीट फर्नीचर संरचनाओं की स्थापना हेतु, छोटे सेल और एरियल फाइबर जैसी, डिजिटल कनेक्टिविटी इंफ्रास्ट्रक्चर–डीसीआई को सम्मिलित करने के लिए निविदा आमत्रित करते समय गैर-अनन्य आधार पर एसएफ को साझा करने की संभावना को ध्यान में रखा जाना चाहिए।
- गतिशक्ति पहल के अनुरूप, संपदा (यूटिलिटी) प्रदाताओं की सरकार द्वारा आंशिक या पूर्ण रूप से वित्तपोषित भविष्य की सभी नई संपत्ति परियोजनाओं जैसे गैस पाइपलाइन, एचटी पावर लाइन, स्ट्रीटलाइट लगाने या वर्तमान संपत्ति का विस्तार करने के कार्य में डीसीआई जैसे छोटे सेल्स, टावर और एरियल फाइबर को शामिल करने/उन्हें समर्थन देने के लिए सन्निहित प्रावधान होने चाहिए।
· डीओटी को ट्राई के 1 फरवरी 2022 के पत्र पर तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए और सामान्य शर्तों और प्राधिकरण विशिष्ट अध्यायों से संबंधित अध्यायों में उल्लिखित एकीकृत लाइसेंस में बुनियादी ढांचे के साझाकरण प्रावधानों में अस्पष्टता को दूर करने के लिए विभिन्न लाइसेंसों के अंतर्गत बुनियादी ढांचे के बंटवारे के प्रावधानों पर स्पष्टता लानी चाहिए ।
टेलिकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स–टीएसपीएस और इनफार्मेशन प्रोडक्ट इंटरचेंज– आईपीआईएस के साथ बीच स्ट्रीट फ़र्नीचर और छोटे सेल को साझा किया जाना
· बुनियादी ढांचे को साझा करने के लिए सेवा प्रदाता प्रेरित करने के उद्देश्य से, प्राधिकरण ने सिफारिश की है कि पट्टेदार (लेसी) टीएसपी द्वारा पट्टादाता (लेसर) टीएसपी को साझा बुनियादी ढांचे के उपयोग के लिए भुगतान किए गए शुल्क को पट्टादाता (लेसर) के सकल राजस्व से कम किया जाना चाहिए ताकि ऐसे पट्टादाता (लेसर) दूरसंचार सेवा प्रदाता (टेलिकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स– टीएसपीएस) के लागू सकल राजस्व (एपीजीआर) की गणना की जा सके । इसे लागू करने के लिए विशिष्टताओं की भी सिफारिश की गई है।
· आईपी-I प्रदाताओं के उनके कार्यक्षेत्र में विशेष रूप से ‘पोल्स’ शब्द का उल्लेख किए जा सकने के लिए दिशानिर्देशों और पंजीकरण समझौते को संशोधित किया जाना चाहिए।
छोटे सेल्स के लिए अनुमति में छूट और छोटे सेल्स का मानकीकरण और उनकी स्थापना पद्धतियां
· लो पावर बेस ट्रांसीवर स्टेशन (एलपीबीटीएस) को ऐसे बेस ट्रांसीवर स्टेशन (बीटीएस) के रूप में परिभाषित किया जाना चाहिए जो प्रभावकारी समस्थानिक विकिरण शक्ति ( इफेक्टिव आइसोटॉपिक रेडिऐटेड पॉवर-ईआईआरपी) <= 600 वाट को विकीर्ण करते हैं। ऐसे उपकरण/छोटे सेल्स को सभी स्थानों पर स्ट्रीट फर्नीचर/भवन स्वामित्व वाली एजेंसी को छोड़कर किसी भी प्राधिकरण से किसी भी प्रकार की अनुमति लेने से छूट दी जानी चाहिए।
· दूरसंचार विभाग के सरलीकृत विद्युतवाहक बल (इलेक्ट्रो मोटिव फ़ोर्स–ईएमएफ) अनुपालन ढांचे को ईआईआरपी > 2 और ≤ 600 वाट वाले लो पावर बेस ट्रांसीवर स्टेशन (एलपीबीटीएस) को शामिल करने के लिए सामान्य रूप से अनुपालन वर्ग को फिर से परिभाषित करना चाहिए और टेलीकम्यूनिकेशन सेंटर–टीईसी) को तदनुसार ही इस वर्ग के लिए अनुपालन तालिकाओं को संशोधित करना चाहिए।
· हाल ही में दूरसंचार विभाग द्वारा रेडियो आवृत्ति आवंटन पर स्थायी परामर्शदात्री समिति (एसएसीएफए) के निर्देशों के अनुपालन के लिए प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए ईआईआरपी <=100 वाट (डब्ल्यू) से कम विकिरण क्षमता वाले बिजली के उपकरण/छोटे सेल्स के लिए कार्रवाई की गई है। डीओटी को अब स्थापित किए जा रहे अधिकांश छोटे सेल्स/एलपीबीटीएस को शामिल करने के लिए इस सीमा को 600 वाट (डब्ल्यू) तक बढ़ाना चाहिए।
· टीईआरएम प्रकोष्ठों द्वारा 10% साइटों के ऑडिट के मानदंड में ढील दी जा सकती है, जिसके लिए टीएसपी ने ईएमएफ स्व-प्रमाणन प्रस्तुत किया है। डीओटी को बीटीएस/स्मॉल सेल साइट्स के ऑडिट के उद्देश्य से वैज्ञानिक नमूना आकार के साथ आने के लिए सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय से परामर्श करना चाहिए।
· एलपीबीटीएस के लिए स्व-प्रमाणन मानदंड में पांच साल की छूट दी जानी चाहिए ।
बिजली से संबंधित मुद्दे और समाधान
· डीओटी को निम्नलिखित के कार्यान्वयन के लिए ऐसे मामले को विद्युत मंत्रालय, राज्य सरकारों और राज्य विद्युत विनियामक आयोगों के साथ उठाना चाहिए :
- विद्युत वितरण कम्पनियों को प्राथमिकता के आधार पर टी आईएसपीएस/आईपीएस को दूरसंचार साइटों के लिए कनेक्शन प्रदान करने का प्रावधान करना चाहिए। कनेक्शन प्रदान करने की अधिमानतः 15 दिन की समय-सीमा निर्धारित की जानी चाहिए और पोर्टल के माध्यम से इसकी निगरानी की जानी चाहिए।
- राज्यों के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए डिजिटल सम्पर्क अवसंरचनाओं (डीसीआई) के महत्व को देखते हुए,विद्युत वितरण कम्पनियों को ट्रांसफॉर्मर की स्थापना/उन्नयन या विद्युत कनेक्शन के अंतिम छोर तक पहुँचने के लिए टीएसपीएस/आईपीआईएस से शुल्क नहीं लेना चाहिए। यदि आवश्यक हो, तो राज्यों को ऐसे शुल्कों की छूट के लिए डिस्कॉम को मुआवजा देने के लिए आवश्यक प्रावधान करने चाहिए।
- चूँकि छोटे सेल्स हेतु बिजली की आवश्यकता पूरे दिन लगभग स्थिर रहती है, इसलिए डीआईएससीओएमएस से रनिंग लोड के आधार पर चार्ज करना चाहिए न कि स्वीकृत लोड के आधार पर।
- सभी डिस्कॉम्स को बिजली कनेक्शन प्रदान करने के उद्देश्य से सड़क के फर्नीचर के पते को वाणिज्यिक पते के रूप में मानना चाहिए और विभिन्न वाणिज्यिक संस्थाओं को एक ही स्ट्रीट फर्नीचर वाले वाणिज्यिक पते पर कई बिजली कनेक्शनों की अनुमति देनी चाहिए।
- सभी डिस्कॉम्स को स्ट्रीट फ़र्नीचर स्थानों पर कनेक्शन सब-लेट करने की अनुमति देनी चाहिए।
- स्मार्ट प्री-पेड बिजली मीटर प्राथमिकता के आधार पर और समयबद्ध तरीके से सभी मौजूदा दूरसंचार प्रतिष्ठानों में स्थापित किए जाने चाहिए। साथ ही सभी नए प्रतिष्ठानों पर, जिसमें छोटे सेल्स भी शामिल हैं, डिस्कॉम को केवल स्मार्ट प्रीपेड इलेक्ट्रिक मीटर ही लगाने चाहिए।
- व्यापार करने में आसानी को बढ़ावा देने के लिए पोर्टल के माध्यम से कई साइटों के लिए बिजली कनेक्शन अनुरोधों के एक साथ प्रसंस्करण के लिए एक ही आवेदन का प्रावधान किया जाना चाहिए।
- टेलीकॉम साइटों को उपयोगिता/टैरिफ के अंतर्गत बिजली कनेक्शन प्रदान किया जाना चाहिए।
- डिस्कॉम्स को उन सभी दूरसंचार क्षेत्र सेवा/इन्फ्रा प्रदाताओं के उपयोगकर्ताओं के लिए एक डिस्कॉम-एक बिल-एक भुगतान नीति अपनानी चाहिए जो कई स्थानों पर बिजली कनेक्शन का उपयोग करते हैं ।
- सौर/नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का उपयोग करने के लिए मुक्त पहुँच नीति (ओपन एक्सेस नीति) को एक टीएसपी/आईपी-I की सभी साइटों से कुल मांग के प्रावधान को शामिल करने के लिए संशोधित करने की आवश्यकता है जो एक डिस्कॉम द्वारा प्रदान की जाती है।
- डिस्कॉम्स को अपने रखरखाव कार्यक्रम सभी टीएसपीएस/आईपीआईएस (साइट स्वामियों ) के साथ अग्रिम रूप से साझा करने चाहिए ताकि बिजली कटौती की स्थिति के लिए साइट स्वामियों को तैयार रखा जा सके। सभी बिजली आउटेज की वास्तविक अवधि भी उनकी वेबसाइट पर क्षेत्रवार उपलब्ध कराई जानी चाहिए।
· पीएम गतिशक्ति पहल के अनुरूप, संपत्ति के सहयोगी उपयोग को बढ़ावा देने के लिए, डीओटी राज्यों के सामने यह बात रखेगा कि जब भी उपयोगिता कंपनी को अनुकूल शर्तों पर भूमि प्रदान की जाती है और वे उपयोगिता कंपनी किसी अन्य उपयोगिता कंपनी के साथ उपयोग के लिए उसे साझा करती है, तो भूमि उपयोग की शर्तें नहीं बदलनी चाहिए।
नियंत्रक प्रशासनिक प्राधिकरणों और टीएसपीएस/आईपीआईएस के बीच सहयोग को सक्षम करने के लिए संस्थागत तंत्र
· प्राधिकरण ने राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन (एनबीएम) समितियों और इसके घटक सदस्यों के दायरे के विस्तार के लिए स्ट्रीट फर्नीचर पर छोटे सेल्स की स्थापना की निगरानी किए जाने की सिफारिश की है। ब्रॉडबैंड संचालन समिति के प्रतिनिधित्व को आवश्यकता के अनुसार नागरिक उड्डयन, रक्षा, पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग, बिजली आदि जैसे अन्य मंत्रालयों या विभागों को सहयोजित करने के लिए विस्तारित किया जाना चाहिए ।
· जिन शहरों में स्ट्रीट फ़र्नीचर को कई एजेंसियों द्वारा नियंत्रित किया जाता है, वहाँ संबंधित राज्य/स्थानीय प्रशासन को छोटे सेल से संबंधित अनुमतियों की निगरानी के लिए संपत्ति के स्वामित्व वाली एजेंसियों में से किसी एक को लीड/ नोडल प्राधिकरण के रूप में नामित करना चाहिए ।
· प्राधिकरण ने मार्गाधिकार (आरओडब्ल्यू) पोर्टल में केंद्रीय, राज्य और स्थानीय निकाय प्राधिकरणों के लिए स्पष्ट भूमिकाओं को परिभाषित करने के संदर्भ में अपनी पहले की सिफारिश को दोहराया है और यह भी कहा है कि एक सामान्य जीआईएस प्लेटफॉर्म का उपयोग करके ई-मार्केट प्लेस का दायरा बढ़ाया जाना चाहिए ताकि इसमें छोटे सेल्स भी शामिल किए जा सकें।
इन सिफारिशों को ट्राई की वेबसाइट www.trai.gov.in पर डाला गया है। किसी भी स्पष्टीकरण/सूचना के लिए, संजीव कुमार शर्मा, सलाहकार (ब्रॉडबैंड नीति विश्लेषण), ट्राई से टेलीफोन नंबर +91-11-23236119 पर संपर्क किया जा सकता है।