चंडीगढ़, 19 नवंबर : आज यहां ‘हरियाणा आईएएस ऑफिसर्स एसोसिएशन’ द्वारा ‘साइबर -सिक्योरिटी , ड्रोन्स एंड हरियाणा आईटी सिनेरियो’ विषय पर सेमिनार आयोजित किया गया। इस अवसर पर हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने कहा कि राज्य सरकार ने सूचना तकनीक के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति की है,परंतु भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को समय-समय पर इस क्षेत्र के अपने कौशल को और अधिक अपग्रेड करने की आवश्यकता है। उन्होंने अधिकारियों की कार्यशैली की सराहना करते हुए कहा कि स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने देश के आईएएस अधिकारियों को परिश्रमी बताते हुए कहा है कि ये लोग राष्ट्र की एकता एवं अखंडता के मजबूत आधार-स्तंभ होते हैं।
सेमिनार में ‘इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पोंस टीम’ (सीईआरटी-इन) के डायरेक्टर ऑफ ऑपरेशन एस.एस शर्मा ने वर्तमान समय में साइबर-सिक्योरिटी के महत्व पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि कुछ असामाजिक तत्व हमारे देश की सेवा और सुरक्षा पर साइबर अटैक कर रहे हैं जिसके प्रति सबको सचेत होने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि आज सबसे ज्यादा साइबर-अटैक हमारे डिफेंस के डाटा पर हो रहा है जोकि देश की सुरक्षा के लिए अति महत्वपूर्ण माना जाता है, हैकर्स हमारी अमूल्य-सूचना को चुरा रहे हैं व उसके साथ छेड़छाड़ कर रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि हमारे देश के हैल्थ-डाटा पर भी साइबर-क्रिमिनल्स की नजर है।
श्री शर्मा ने राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर से लेकर व्यक्तिगत डाटा पर हो रहे साइबर-अटैक एवं उससे बचाव के विषयों पर चर्चा करते हुए बताया कि देश के हर विभाग में आज साइबर-सिक्योरिटी एक चुनौती बन गई है। उन्होंने बताया कि 80 प्रतिशत हैकर्स देश के अंदरूनी हिस्से के ही होते हैं जो कि डाटा को हैक करते हैं। उन्होंने सुझाव दिया है कि प्रत्येक विभाग में कम से कम 2-3 स्किल्ड कर्मचारियों की भर्ती की जानी चाहिए ताकि साइबर-सिक्योरिटी की जा सके। उन्होंने अधिकारियों को साइबर-अटैक्स के विभिन्न उदाहरण देते हुए डाटा की सिक्योरिटी के प्रति सचेत रहने के लिए आगाह किया।
हरियाणा के इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी , इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद मोहन शरण ने ‘आईटी सिनेरियो इन हरियाणा’ से संबंधित प्रजेंटेशन प्रस्तुत करते हुए बताया कि राज्य सरकार आईटी के माध्यम से सरकारी सेवाओं एवं योजनाओं को तत्परता के साथ अंत्योदय की भावना से अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए प्रयासरत है।
उन्होंने हरियाणा सरकार के विजन, डिजिटल गवर्नेंस की आवश्यकता, केंद्र सरकार के साथ योजनाओं को जल्द से जल्द अमलीजामा पहनाने में उठाए गए आईटी कदमों, सरकार की फ्लेगशिप-पहल, गुड गवर्नेंस हेतु किए जा रहे प्रयास, आईटी विभाग की भूमिका, आईसीटी स्ट्रेक्चर के मजबूतीकरण के अलावा भविष्य की योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
‘ड्रोन इमेजिंग एंड इनफार्मेशन सिस्टम ऑफ हरियाणा लिमिटेड’ के सीईओ टी.एल सत्यप्रकाश ने हरियाणा सरकार द्वारा ड्रोन तकनीक के माध्यम से किए गए सर्वे, गिरदावरी व इमेजिज लेने के कार्यों के बारे में विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि हरियाणा में दृश्य (ड्रोन इमेजिंग इन्फोरमेशन सर्विसिज ऑफ हरियाणा) नामक कंपनी आरंभ की गई है जिसके माध्यम से प्रदेश सरकार ड्रोन का विभिन्न क्षेत्रों में इमेज लेने में इस्तेमाल कर रही है। उन्होंन ड्रोन के माध्यम से इमेज लेकर राज्य के विभिन्न प्रोजेक्टस की जल्द व परिशुद्घता के साथ किए गए कार्यों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने खानक-माईन्स की मैपिंग, टाऊन एंड कंट्री प्लानिंग फरीदाबाद, दौलताबाद की हाईपॉवर टैंशन लाइन, बाढ़ के दौरान करनाल तथा हैरिटेज साइट राखी गढ़ी एवं सरस्वती नदी से संबंधित ली गई इमेजिज के सदुपयोग की विस्तार से बताया।
सेमिनार के आरंभ में ‘हरियाणा आईएएस ऑफिसर्स एसोसिएशन’ के सचिव एवं हरियाणा के मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव तथा सूचना,जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक डॉ. अमित अग्रवाल ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि कोविड-19 के बाद एसोसिएशन का यह तीसरा सेमिनार है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजनों से जहां आईएएस अधिकारियों का आपस में मिलन हो जाता है वहीं उनके ज्ञान में भी वृद्घि होती है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वी. उमाशंकर के अलावा हरियाणा कॉडर के विभिन्न वरिष्ठ एवं कनिष्ठï आईएएस अधिकारी उपस्थित थे।