हरियाणा सरकार का 8 साल रहा प्रदेश के आर्थिक विकास पर जोर : राज्य का निर्यात ग्राफ बढ़ा

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चंडीगढ़,17 नवंबर – मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में हरियाणा सरकार द्वारा पिछले 8 वर्षों से जिस प्रकार से निरंतर विभिन्न क्षेत्रों में विकास पर जोर दिया जा रहा है, उससे राज्य को पूरे देश में अलग पहचान मिल रही है। प्रदेश आर्थिक विकास की तरफ अग्रसर है और लोगों को आजीविका के अवसर मुहैया हो रहे हैं। पूर्व सरकारों की तुलना में वर्तमान राज्य सरकार नए कीर्तिमान स्थापित करने में कामयाब रही है।

गौरतलब है कि हरियाणा का उद्योग एवं वाणिज्य विभाग राज्य के आर्थिक विकास को आगे बढ़ाने, औद्योगिक उत्पादन को जोडऩे और रोजगार सृजन में सहायता करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हरियाणा सरकार के मुख्य उद्देश्यों में से एक राज्य के कारोबारी माहौल को मजबूत करना और औद्योगिक विकास के लिए पारिस्थितिकी तंत्र को और अधिक अनुकूल बनाना है, जिससे हरियाणा वैश्विक स्तर पर एक पसंदीदा निवेश गंतव्य बन सके।

जहां तक वर्तमान राज्य सरकार की बात है, अक्टूबर 2014 में श्री मनोहर लाल के बतौर मुख्यमंत्री प्रदेश की कमान संभालने के बाद में राज्य के औद्योगिक क्षेत्र में एक मजबूत उद्योग-नीति और बेहतर प्रशासनिक-ढांचा स्थापित हुआ है। ‘न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन’ के सिद्धांतों द्वारा निर्देशित हरियाणा सरकार ने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस (ईओडीबी) का एक पारिस्थितिकी तंत्र बनाया है जो वैश्विक मानकों से मेल ही नहीं खाता है बल्कि उससे भी अधिक निवेश-अनुकूल है।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल की विकासपरक सोच के चलते हरियाणा ने वर्ष 2015 में एंटरप्राइज प्रमोशन पॉलिसी (ईपीपी) शुरू की, ताकि भारत सरकार के ‘मेक इन इंडिया’, ‘डिजिटल इंडिया’ और ‘स्किलिंग इंडिया’ जैसे राष्ट्रीय अभियानों के साथ अलाइनमेंट करके राज्य में निवेश आकर्षित किया जा सके।

यही नहीं प्रदेश सरकार ने इससे आगे बढक़र काम किया है और उद्योगों को अधिक से अधिक बढ़ावा देकर युवाओं के लिए रोजगार के अवसर विकसित करने हेतु वर्ष 2020 में ‘हरियाणा उद्यम एवं रोजगार नीति-2020’ लागू की। इस नीति से राज्य में 5 लाख नए रोजगार सृजित करने, 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश तथा निर्यात को 2 लाख करोड़ रूपए तक करने का लक्ष्य रखा गया। अनेक बड़े निवेशक फिलहाल निवेश के लिए आगे आ रहे हैं।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल की नीतियों का ही असर रहा कि ‘इज ऑफ डुईंग बिजनेस’ में आज हरियाणा का देश में तीसरा और उत्तर भारत में पहला स्थान रहा है, जबकि वर्ष 2014 में 14वें स्थान पर था। इसी प्रकार, हरियाणा ने निर्यात के क्षेत्र में लंबी छलांग लगाई है। वर्ष 2013-14 में जहां राज्य से 68,032 करोड़ रूपए के माल का निर्यात हुआ , वहीं वर्ष 2021-22 में इससे करीब तीन गुणा 2,17,222 करोड़ रूपए का निर्यात हुआ है।

यहां उल्लेखनीय होगा कि हर क्षेत्र की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए प्रदेश में पदमा स्कीम लागू की गई है। इसके तहत ब्लॉक स्तर पर लघु व मध्यम उद्योगों के ‘कलस्टर’ स्थापित किए जा रहे हैं। प्रदेश के सभी 143 ब्लॉकों में क्लस्टर बनाए गए हैं, यहां तक कि प्रथम चरण में 40 क्लस्टर्स को विकसित करने का काम भी आरंभ हो गया है। प्रदेश के उत्पादों को विशेष पहचान दिलाने के लिए फर्टिलाइजर के लिए ‘हर अमृत’, कैटल फीड के लिए ‘हर एग्रो’, मिनरल वाटर के लिए ‘हरियाणा फ्रैश’, चीनी के लिए ‘ईक्षू’ ब्राण्ड विकसित किए गए।  

कृषि व खाद्य प्रसंस्करण, कपड़ा, वेयरहाउसिंग-लॉजिस्टिक्स रिटेल, दवा और एमएसएमई क्षेत्र के लिए पांच विशेष नीतियां लागू की गई हैं। सरकारी बकायों व अन्य विवादों के निपटान के लिए ‘विवादों का समाधान’ योजना करके

उद्योगपतियों को मदद पहुंचाई गई है, उनके समय की बचत का ध्यान रखा गया। उद्योगों की ‘कॉस्ट ऑफ डुइंग बिजनेस’ को कम करने के लिए औद्योगिक प्लाटों के लिए विशेष लीजिंग पॉलिसी बनाई गई ताकि छोटे उद्योगपति को अपना ज्यादा पैसा प्लाटों की खरीद पर खर्च न करना पड़े। उद्योगों की जरूरत के अनुसार कौशल युक्त श्रम शक्ति तैयार करने के लिए ‘उद्योग मित्र योजना’ शुरू की गई और उद्यमियों को एक ही छत के नीचे स्वीकृतियां प्रदान करने के लिए हरियाणा उद्यम प्रोत्साहन केन्द्र बनाया। सोनीपत जिला के कस्बा खरखौदा के निकट लगभग 3,300 एकड़ भूमि पर अत्याधुनिक औद्योगिक एवं वाणिज्यिक टाउनशिप तथा गुरूग्राम के सोहना में 1400 एकड़ में आईएमटी विकसित की जा रही है। वालमार्ट द्वारा पानीपत में वालमार्ट वृद्धि ई-इंस्टीच्यूट शुरू कर दिया गया है। पानीपत में मेडिकल डिवाइस पार्क और हिसार में बल्क ड्रग्स पार्क तथा पंचकूला में फूड और ड्रग टैस्टिंग लैब का निर्माण किया जा रहा है।



क्या कहते हैं मुख्यमंत्री :

 मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा में उद्योगों को बढ़ाने और समृद्ध बनाने के लिए राज्य सरकार अनुकूल वातावरण प्रदान कर रही है। एक निवेशक के लिए भूमि, सडक़, पानी और बिजली जैसी बुनियादी सुविधाओं की आवश्यकता होती है और प्रदेश में इसी को ध्यान में रख आधारभूत संरचना को मजबूत किया गया है। यही कारण है कि आज हरियाणा राज्य निवेशकों की पहली पसंद बन गया है।

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