गुरुग्राम। देश के 12 करोड़ वनवासियों के विकास के लिए कार्य कर रही संस्था अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामचन्द्र खराड़ी ने पर कहा कि भारतवर्ष कि हज़ारों किलोमीटर लम्बी सीमाओं व प्राकर्तिक संसांधनों की सदियों से रक्षा कर रहे वनवासियों के साथ हुए अत्याचारों से इतिहास भरा पड़ा है। उन्होंने आह्वान किया कि इस देश के प्रत्येक नागरिक का कर्त्तव्य बनता है कि वह वनवासी समाज के उत्थान के लिए आगे आएं क्योंकि भारत के विकास अंतिम पायेदान पर खड़े वनवासियों के विकास के लये काम करे ।
बुधवार कि शाम हरियाणा के पहले प्रवास पर आये रामचन्द्र खराड़ी का गुरुग्राम में आयोजित जनजातीय गौरव दिवस” कार्यक्रम व स्वागत समारोह में मुख्य वक्ता के रूप मे रूप में बोल रहे थे। वनवासी कल्याण आश्रम, गुरुग्राम द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ हरियाणा के प्रान्त संघचालक मा० पवन जिंदल जी ने की।
रामचन्द्र खराड़ी ने कहा कि भारत के लगभग 35 प्रतिशत भाग पर जंगलों में रह रहे वनवासी समाज रहता है जहाँ पर देश के 85 प्रतिशत प्राकर्तिक खनिज संसाधन उपलभ्ध है। इसके अतिरिक्त देश कि हज़ारों किलोमीटर लम्बी सीमाओं चाहे वे अरुणाचल प्रदेश में हो या पश्चिम, उत्तर या दक्षिण दिशा में हो, सभी जगह वह डट कर सदियों से रक्षा कर रहा है। लेकिन सन 1865 से अंग्रेजों व ईसाई मिशनरियों के इशारे पर इस समाज के साथ अत्याचार किये गए और जलियावाला बाग़ से भी दस गुना अधिक संख्या में नरसंहार किया गया जिनमे वनवासी समाज से बिरसा मुंडा, तिलका माझी के आलावा गुरु गोबिंद सिंह के बलिदान को नहीं भुलाया जा सकता। उन्होंने कहा कि सन 2006 तक स्वतंत्र देश की सरकारों ने भी इस समाज पर अत्याचार किये तथा इन्हे दबा कर रखा गया।
इस अवसर पर हरियाणा कला परिषद द्वारा वनवासी स्वतंत्रता सेनानी भगवान बिरसा मुंडा जिनकी जयंती पर पुरे देश में 15 नवम्बर को जनजातीय गौरव दिवस मनाया जाता है, के जीवन चरित्र पर एक लघु नाटिका का मंचन किया। परिषद् के निदेशक संजय भसीन भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
इस अवसर पर बोलते हुए हरियाणा के प्रान्त संघचालक मा० पवन जिंदल ने देश के युवाओं का आह्वान किया कि वे भगवान सा मुंडा के जीवन से शिक्षा ले कर देश कि उन्नति के लिए कार्य करे व उनके आदर्शों को अपने जीवन में अपनांयें।
इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि समाज सेवी एवं सी एस आर ट्रस्ट हरियाणा के उपाध्यक्ष बौद्ध राज सीकरी तथा समाज सेवी व कारोबारी औम प्रकाश कथूरिया विशिष्ठ रहे। बौद्ध राज सीकरी ने कहा कि रामायण में अनेकों बार वनवासी समाज के चरित्रों का उल्लेख मिलता है। भगवान् राम अपने पूरे बनवास काल में वनवासियों के साथ रहे तथा उनकी सहायता से बुराई पर अच्छाई की विजय पाई ।
इस अवसर पर वनवासी कल्याण आश्रम के उत्तर क्षेत्रिटे नगरीय कार्य प्रमुख जयभगवान, गुरुग्राम महानगर के संघचालक जगदीश ग्रोवर, कल्याण आश्रम के गुरुग्राम विभाग के संयोजक जगदीश कुकरेजा, आश्रम के प्रांत प्रचार प्रमुख संजीव आहूजा, प्रांत सहसंघचालक प्रतापजी, नगर कार्यवाहा, हरीशजी, भी उपस्थित थे ।
गवर्नमेंट गर्ल्स कॉलेज में आयोजित इस कार्यक्रम में मंच संचालन डा अशोक दिवाकर, निदेशक, अशोक सिंघल वेद विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने किया
रामचन्द्र खराड़ी 16 से 20 नवम्बर तक हरियाणा के प्रवास पर है तथा गुरुग्राम के पश्चात् वे हिसार, कैथल, पानीपत तथा फरीदाबाद भी जायेंगे। वे इन ज़िलों में वनवासी कल्याण आश्रम द्वारा आयोजित जनजातीय गौरव दिवस से संबधित कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे, हरियाणा में गैर वनवासी क्षेत्रोंमें में हो रहे कार्यों का अवलोकन करेंगे तथा कार्यकर्ताओं को सुझाव भी देंगे।