चंडीगढ़ : सेना ने पंजाब सरकार को बेहद सख्त चेतावनी दी है. सेना का कहना है कि अग्निपथ योजना के तहत पंजाब में आयोजित होने वाली भर्ती रैलियों के लिए स्थानीय प्रशासन ठीक से सहयोग नहीं कर रहा है. सेना का कहना है कि अगर यही रवैया रहा तो भर्ती रैलियों को या तो स्थगित कर दिया जाएगा या पड़ोसी राज्यों में शिफ्ट कर दिया जाएगा. इसके लिए जालंधर स्थित सेना के जोनल भर्ती अधिकारी ने पंजाब सरकार को एक पत्र लिखा है. वहीं पंजाब सरकार ने इस तरह की किसी समस्या से साफ़ इनकार किया है. उसका कहना है कि रैलियों के सुचारू आयोजन के सभी जरूरी इंतजाम किए गए हैं. इस मामले पर आम आदमी पार्टी के संयोजक व दिल्ली के सीएम अरविन्द केजरीवाल ने पत्रकारों के सवाल पर कहा है कि केंद्र की योजना में वे पूरा सहयोग करेंगे. उन्होंने कहा है कि पंजाब की घटना की उन्हें जानकारी नहीं है.
प्रमुख अंग्रेजी अखबार ‘इंडियन एक्सप्रेस’ की रिपोर्ट के अनुसार सेना के जोनल भर्ती अधिकारी ने यह पत्र पंजाब के प्रमुख सचिव वी के जांजुआ और रोजगार सृजन, कौशल विकास और प्रशिक्षण विभाग के प्रमुख सचिव कुमार राहुल को लिखा है. पत्र में सेना के जोनल भर्ती अधिकारी मेजर जनरल शरद बिक्रम सिंह ने लिखा है कि ”हम आपके ध्यान में यह बात लाने के लिए विवश हैं कि स्थानीय नागरिक प्रशासन का समर्थन बिना किसी स्पष्ट प्रतिबद्धता के कम हो रहा है. वे आमतौर पर इसके लिए चंडीगढ़ से राज्य सरकार की ओर से दिशा-निर्देशों की कमी या पैसे की कमी का हवाला देते हैं.”
‘इंडियन एक्सप्रेस’ की खबर में कहा गया है कि इस पत्र में कहा गया है कि इस तरह की भर्ती रैलियों के आयोजन के लिए स्थानीय प्रशासन को कुछ जरूरी व्यवस्थाएं करनी होती हैं. इसमें कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस की व्यवस्था, सुरक्षा के इंतजाम, भीड़ का नियंत्रण और इसके लिए बैरिकेड लगाना और अभ्यर्थियों का सुगम प्रवेश शामिल है. स्थानीय प्रशासन को मेडिकल सहायता की भी उपलब्ध करानी होती है. इसमें स्वास्थ्यकर्मियों की टीम और एंबुलेंस के साथ एक डॉक्टर की तैनाती शामिल है.इसके साथ ही भर्ती रैली स्थल पर बारिश से बचने की व्यवस्था, पानी, मोबाइल शौचालय और प्रतिदिन तीन-चार हजार अभ्यर्थियों के खाने की व्यवस्था 14 दिन तक करनी पड़ती है.
पत्र में कहा गया है कि जब तक ये व्यवस्थाएं करने की स्पष्ट प्रतिबद्धता प्रशासन नहीं दिखाता तब तक हम राज्य में भविष्य में होने वाली सभी भर्ती रैलियों को रोकने या या पड़ोसी राज्यों में आयोजित करने की बात सेना मुख्यालय से कहेंगे.
इस मामले के अखबारों में आने के साथ ही पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सभी जिला उपायुक्तों को सैनिकों की भर्ती के लिए रैलियों को आयोजित करने में सेना के अधिकारियों का पूरा सहयोग करने के निर्देश दिये हैं. उन्होंने कहा है कि “किसी भी ढिलाई को गंभीरता से लिया जाएगा. राज्य से सेना में अधिक से अधिक उम्मीदवारों की भर्ती के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा.”