नई दिल्ली : भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस बात की पुष्टि की है कि पीएम नरेंद्र मोदी उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शाकत मिर्जियोयेव के निमंत्रण पर 15-16 सितंबर को वहां जा रहे हैं. वह समरकंद में SCO शिखर बैठक में भाग लेगें और इस शिखर बैठक के इतर श्री मोदी की कुछ नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी होंगी. हालांकि अभी इस बारे में कुछ और जानकारी नहीं दी गयी है.
SCO शिखर सम्मेलन में आठ SCO सदस्य देशों के नेता भाग लेंगे जिनमें चीन (China) के राष्ट्रपति शी चिनफिंग (Xi Jinping) , रूस (Russia) के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) , पाकिस्तान (Pakistan) के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) , ईरान (Iran) के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी भी शामिल हैं. इस बैठक से पहले परिस्थितियां कुछ ऐसी करवट ले चुकीं हैं जिनमें श्री मोदी की श्री चिनफिंग तथा श्री शाहबाज शरीफ से द्विपक्षीय मुलाकातें होने की संभावनाएं बन रहीं हैं. ईरानी मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार श्री मोदी ईरान के नये राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी से मिल सकते हैं.
एससीओ शिखर बैठक के ठीक पहले पूर्वी लद्दाख में गोगरा हॉट स्प्रिंग क्षेत्र से चीन की सेना के पीछे हटने के बाद अप्रैल 2020 की स्थिति की बहाली की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति हुई है. सोमवार को दोनों देशों की सेनाओं को वापसी की प्रक्रिया को पूरा कर लेना है. पेंगांग त्सो में फिंगर इलाके में कुछ मसले शेष बचे हैं जिनके समाधान को लेकर भी सकारात्मक संकेत हैं. हालांकि देप्सांग, देम्चोक एवं दौलतबेग ओल्डी में भारत चीन सेनाओं के बीच गतिरोध अप्रैल 2020 के पहले का है. भारत ने चीन के साथ द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति के लिए सीमा पर अप्रैल 2020 के पहले की स्थिति बहाल करने की शर्त रखी थी. गोगरा हाॅटस्प्रिंग में प्रगति से भारत एवं चीन के नेताओं की मुलाकात के लिए अनुकूल माहौल बना है.