नई दिल्ली : नोएडा में सुपरटेक के अवैध ट्विन टावर को ढहाए जाने के लिए विस्फोटकों और संबंधित व्यवस्थाओं का शनिवार को अंतिम निरीक्षण किया गया. परियोजना के अधिकारियों ने यह जानकारी दी. अधिकारियों ने बताया कि विस्फोटक लगाने और उन्हें जोड़ने का सारा काम पहले ही पूरा किया जा चुका है. उन्होंने कहा कि केवल ट्विन टावरों को आपस में जोड़ने और संरचनाओं से ‘एक्सप्लोडर’ (विस्फोट करने वाले यंत्र) तक 100 मीटर लंबी केबल तार बिछाने का काम बचा है. उन्होंने बताया कि इन इमारतों को रविवार को दोपहर ढाई बजे गिराया जाएगा.
दिल्ली के कुतुब मीनार से भी ऊंची 100 मीटर की इन इमारतों को गिराने के लिए 37,00 किलोग्राम से अधिक विस्फोटक का इस्तेमाल किया जाएगा. उच्चतम न्यायालय ने एमराल्ड कोर्ट सोसाइटी परिसर के बीच इस निर्माण को नियमों का उल्लंघन बताया था, जिसके बाद इन्हें ढहाने का काम किया जा रहा है. ट्विन टावर की दो सबसे नजदीकी सोसायटी-एमराल्ड कोर्ट और एटीएस विलेज के 5,000 से अधिक निवासियों और उनके 150 से 200 पालतू जानवरों को रविवार सुबह सात बजे तक वहां से निकाल दिया जाएगा. दोनों परिसरों से लगभग तीन हजार वाहन भी हटा दिए जाएंगे.
एडफिस इंजीनियरिंग को लगभग 100 मीटर ऊंचे ट्विन टावर को सुरक्षित रूप से ढहाने का जिम्मा सौंपा गया था. कंपनी ने इस जोखिम भरे काम के लिए दक्षिण अफ्रीका की जेट डिमॉलिशन्स से हाथ मिलाया है. उसे दोनों टावर को कुछ इस तरह से गिराना है कि महज नौ मीटर की दूरी पर स्थित आवासीय इमारतों को कोई नुकसान न पहुंचे. इस पूरी प्रक्रिया पर स्थानीय नोएडा प्राधिकरण नजर रखेगा.