सुभाष चौधरी
नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज राज्यसभा में कांग्रेस पार्टी सहित अन्य विपक्षी दलों को जमकर खरी-खोटी सुनाई. उन्होंने एक तरफ कांग्रेस पार्टी को देश में इमरजेंसी लागू कर आम लोगों के मौलिक अधिकारों का हनन करने की याद दिलाई तो दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी की अरविंद केजरीवाल सरकार पर दिल्ली नगर निगम के साथ सौतेला व्यवहार करने आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि दिल्ली में तीनों नगर निगमों के एकीकरण संबंधी विधेयक संसद में लाने के पीछे एकमात्र कारण है वर्तमान केजरीवाल सरकार का नगर निगमों के साथ लगातार सौतेला व्यवहार करना. उन्होंने दिल्ली सरकार पर दिल्ली की जनता के साथ अन्याय करने का आरोप लगाया. दिल्ली नगर निगम के चुनाव 6 माह बाद कराये जायेंगे . श्री शाह आज राज्यसभा में दिल्ली नगर निगम संशोधन विधेयक 2022 पर हुई चर्चा का जवाब दे रहे थे. गृह मंत्री के जवाब के बाद यह विधेयक राज्यसभा में ध्वनि मत से पारित हो गया. इसे अब राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा जिसके बाद दिल्ली नगर निगम के एकीकरण का रास्ता साफ हो जाएगा.
राज्यसभा में उक्त विधेयक पर चली लंबी चर्चा के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपने जवाब में कहा कि बहस के दौरान कई विपक्षी सांसदों द्वारा फेडरल स्ट्रक्चर को लेकर एक ही सवाल उठाएंगे. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को अनुच्छेद 239 ए ए के अनुसार यह शक्तियां मिली हुई है जिसके आधार पर संसद को संघ राज्य क्षेत्र के किसी भी विषय पर कानून बनाने या फिर उसे संशोधित करने, यहां तक की किसी कानून को निरस्त करने का भी अधिकार प्राप्त है.
गृह मंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 239 ए ए 3 बी का उल्लेख करते हुए कहा कि इस धारा के तहत संसद में संघ राज्य क्षेत्र के किसी भी विषय पर कानून बनाने का अधिकार रखती है जबकि अनुच्छेद 239 ए ए 3 सी के तहत संसद को संघ राज्य के मामले में उसकी विधानसभा से भी पारित किसी भी विषय के कानूनों को संशोधित करने, उसका स्वरूप बदलने या फिर निरस्त करने का भी अधिकार प्राप्त है.
विपक्ष के सांसदों द्वारा उठाए गए सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने इस आशंका को निर्मूल बताया कि केंद्र सरकार राज्य सरकार के अधिकारों का अतिक्रमण कर रही है. उन्होंने कहा कि दिल्ली पूर्ण राज्य नहीं है बल्कि संघ राज्य है जिसके लिए संविधान में अलग से प्रावधान बनाए गए हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार किसी भी दृष्टि से संघ राज्य के अधिकारों का हनन नहीं करना चाहती बल्कि दिल्ली की जनता के हक में दिल्ली नगर निगम को और सक्षम बनाना चाहती है.
अमित शाह मंत्री ने कहा कि 2014 से अब तक उनकी पार्टी कई चुनाव हारी और कई चुनाव जीती . इसलिए चुनाव से भागने का कोई सवाल पैदा नहीं होता. उन्हें न चुनाव हारने का भय है और न ही जीतने का अहंकार.
श्री शाह ने कांग्रेस पार्टी पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि जो पार्टी हमें नसीहत देती है कि इतिहास नहीं भूलना चाहिए क्योंकि इतिहास भूलने वाला इतिहास बन जाता है, संभव है उन्हें इस बात का भान नहीं है क्योंकि आज कांग्रेस पार्टी ऐसी गलती कर खुद ही इतिहास बन गई है.
गृह मंत्री ने कहा कि इस विधेयक पर संसद में चर्चा के दौरान विपक्षी सांसदों द्वारा कई तथ्यहीन बातें कही गई जिसे दुरुस्त करना जरूरी है. उन्होंने स्पष्ट किया कि फेडरल स्ट्रक्चर की बात तो तब होती जब दिल्ली पूर्ण राज्य होता. उन्होंने कहा कि पूर्ण राज्य के मामले में संविधान में पूरी तरह अलग प्रावधान बनाए गए. उन्होंने शिवसेना के सांसदों द्वारा उठाये गए सवाल का जवाब देते हुए महाराष्ट्र में कई स्थानीय निकाय के चुनाव डालने का सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि शिवसेना के सांसद उनकी पार्टी द्वारा शासित राज्य में ही लोगों को अपने प्रतिनिधि चुनने से वंचित कर रही है. कई स्थानीय निकायों में एडमिनिस्ट्रेटर नियुक्त किए गए जबकि दिल्ली नगर निगम के मामले में संसद में अलग राग अलाप रहे हैं. उन्होंने सवाल पूछा कि महाराष्ट्र में चुनाव क्यों टाले गए हैं इसका जवाब भी शिवसेना सांसदों को देना चाहिए.
उनका कहना था कि विपक्षी दलों की सोच में फर्क है जिसे सुधारने की जरूरत है. गृह मंत्री ने अपने जवाब में कांग्रेस पार्टी को कटघरे में खड़े करते हुए इसी संसद में तत्कालीन गृहमंत्री पी चिदंबरम के उस बयान की चर्चा की जिसमें उन्होंने खुद ही दिल्ली संघ राज्य के मामले में तीनों ही सूचियों में दर्ज विषयों को लेकर सभी प्रकार के अधिकार होने की बात की थी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के सांसदों को अपने ही वरिष्ठ नेता के भाषणों को ठीक से पढ़ना चाहिए.
राज्यसभा में चर्चा के दौरान टीएमसी सांसद जवाहर सरकार द्वारा उठाएं गए सवाल पर गृह मंत्री ने उन्हें पश्चिम बंगाल में स्थानीय निकायों के चुनाव टालने की तथ्यात्मक जानकारी रखते हुए आईना दिखाया. उन्होंने बताया कि पश्चिम बंगाल में एक स्थानीय निकाय का चुनाव 2020 में होना था जिसे 2022 में कराया गया. दूसरी तरफ 4 नगर निगम व 108 नगरपालिकाओं के चुनाव अभी तक नहीं कराए गए हैं. उन्होंने कहा स्थानीय निकाय में पश्चिम बंगाल सरकार ने अपनी ही पार्टी के एक विधायक को नियुक्त कर रखा है. उन्होंने कहा कि इस मामले पर भी टीएमसी के सांसदों को सदन में स्पष्टीकरण रखना चाहिए.
आप सांसद संजय सिंह की ओर से भारतीय जनता पार्टी पर अरविंद केजरीवाल फोबिया होने का आरोप लगाए जाने गृह मंत्री ने उत्तर प्रदेश में आम आदमी पार्टी की स्थिति को विस्तार से रखा. उन्होंने उत्तराखंड में भी हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के प्रदर्शन के आंकड़े रखते हुए हमला बोला.
उन्होंने कहा कि वे न तो चुनाव से डरते हैं और ना ही चुनाव की परिणाम से. उन्होंने स्पष्ट किया दिल्ली सरकार ने लगातार दिल्ली नगर निगम के साथ सौतेला व्यवहार किया है इसलिए यह बिल लेकर आए हैं. उनका कहना था कि 5 वें दिल्ली फाइनेंस कमीशन ने तीनों नगर निगमों को ₹40000 करोड़ रूपये देने की अनुशंसा की थी लेकिन इसमें से दिल्ली सरकार ने केवल 19000 करोड जारी किये. इसके कारण दिल्ली नगर निगम को जनता को सुविधाएं मुहैया कराने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है.
सदन के सामने दिल्ली नगर निगम द्वारा अरविंद केजरीवाल सरकार को भेजे गए शिक्षा, स्वास्थ्य, ऋण , बांड जारी करने, आबकारी मद में की निर्धारित राशि जारी करने जैसे विभिन्न प्रस्ताव को नकारने की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल सरकार ने जानबूझकर दिल्ली नगर निगम को काम करने से रोका जिससे दिल्ली की जनता परेशान रही .
गृह मंत्री ने यह स्पष्ट किया कि इस विधेयक को लाने के पीछे उनकी सरकार का कोई राजनीतिक लक्ष्य नहीं है बल्कि दिल्ली की जनता के हक में नगर निगम को सक्षम बनाने की धारणा है. उन्होंने साफ कर दिया कि दिल्ली नगर निगम के चुनाव समय पर होंगे . उनका कहना था कि वह केवल 6 माह की मांग कर रहे हैं जिसके अंतराल में परिसीमन का काम पूरा कर लिया जाएगा और फिर समय रहते निगम के चुनाव कराए जाएंगे. उन्होंने यह भी कहा कि तब तक के लिए दिल्ली नगर निगम को संचालित करने के लिए एक अधिकारी को स्पेशल एडमिनिस्ट्रेटर नियुक्त किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस पद पर केंद्र सरकार किसी भी राजनीतिक व्यक्ति की नियुक्ति नहीं करना चाहती है.