शहीद उधम सिंह की 117वीं जयंती
शहीद उधम सिंह मैमोरियल भवन निर्माण के लिए 5 लाख का अनुदान
चंडीगढ़ : हरियाणा के खेल एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि जिस देश में शहीदों का सम्मान और लोगों में देश भक्ति की भावना होती है, वही देश विश्व में उन्नति करता है। श्री विज ने आज यहां शहीद उधम सिंह की 117वीं जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर बोलते हुए कहा कि शहीद किसी धर्म, जाति, भाषा या क्षेत्र के नही बल्कि पूरे देश और समाज के होते हैं। इस अवसर पर शहीद उधम सिंह मैमोरियल भवन निर्माण के लिए उन्होंने अपने स्वैच्छिक कोस से 5 लाख रुपये की राशि दी तथा कार्यक्रम में विशेष अतिथि के तौर पर उपस्थित खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले मंत्री श्री कर्णदेव काम्बोज ने भी 5 लाख रुपये की सहायता देने की घोषणा की।
श्री विज ने कहा कि दुनिया में यह पहला उदाहरण है कि जब किसी देश के वीर ने अंग्रेजों के घर में घुस कर अपने देश के अपराधी को मौत के घाट उतारा हो। शहीद उधम सिंह ने ‘वन मैन आर्मी’ के तौर पर कार्य करते हुए जलियांवाले बाग में निर्दोषों को गोलियों से भूनने वाले जनरल ओडवायर की हत्या उसके देश व उसके घर में जाकर की।
स्वास्थ्य मंत्री ने जापान का उदाहरण देते हुए कहा कि दूसरे विश्व युद्घ में बर्बाद होने के पश्चात भी जापान ने बड़ी तेज गति से उन्नति की है, उसके पीछे वहां के नागरिकों में अपने देश के प्रति सम्मान और समर्पण की भावना ही है। उन्होंने कहा कि हमारे देश के लोग फिल्म देखने में 3 घंटे लगा देते है परन्तु 52 सैकेंड के राष्ट्रगान के लिए खड़ा नही हो सकते है। इसको लेकर अब सर्वोच्च न्यायालय ने किसी भी फिल्म से पहले राष्ट्रगान का गायन करना आवश्यक किया है।
श्री विज ने बताया कि महात्मा गांधी ने अपने जीवन में अनेक सत्याग्रह और भूख हडताल की परन्तु शहीद-ए-आजम उधम सिंह और शहीद भगतसिंह को फांसी से छुडवाने के लिए कभी भूख हडताल या सत्याग्रह नही किया। इतना ही नही जवाहर लाल नेहरू ने तो जनरल ओडवायर की हत्या करने पर इंगलैंड सरकार से न केवल मांफी मांगी थी बल्कि इस बहादुरी के काम को किसी सिर फिरे का काम करार दिया।
इस अवसर पर श्री काम्बोज ने कहा कि 26 दिसम्बर 1899 में पंजाब के सुनाम में पैदा हुए शहीद उधम सिंह ने अपने जीवन के कष्टï भरे प्रारम्भिक वर्षों में ही जलियां वाले बाग के नरसंहार का बदला लेने की ठान ली थी। उन्होंने कहा कि गरीब परिवार में पैदा होने के बावजूद भी उधम सिंह ने कभी हार नही मानी और अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर होते रहे, जिसके बलिदान को कभी देश की जनता भूल नही सकती है।
श्री काम्बोज ने कहा कि गत वर्ष शहीद उधम सिंह की जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने शहीद उधम सिंह की जीवनी को पाठ्यक्रम में शामिल करने की बात कही थी, जिसको पूरा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के स्वर्ण जयंती वर्ष के दौरान बनाये जाने वाले स्वागत द्वारों में से एक द्वार का नाम भी शहीद उधम सिंह के नाम पर रखा जाएगा। इतना ही नही प्रदेश में प्रमुख शहरों के एक-एक चौक का नाम भी उनके नाम पर रखा जाएगा।
खाद्य मंत्री ने कहा कि इस संबंध में उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को पत्र लिख इंगलैंड से वह पिस्तौल एवं पुस्तक मंगवाने की अपील की है, जिस पुस्तक में पिस्तौल रखकर उन्होंने केकस्टन हॉल में प्रवेश किया था। इनको भारत के संग्राहलय में रखा जाना चाहिए ताकि इससे देश के युवाओं को प्ररेणा मिले।
इस अवसर पर श्री विज एवं श्री काम्बोज ने शहीद उधम सिंह की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किये। इस दौरान भवन के चेयरमैन सरदार जरनैल सिंह, महासचिव सरनजीत सिंह जोसन सहित अन्य पदाधिकारियों ने उन्हें स्मृतिचिह्नï भेंट किये। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने शहीद उधम सिंह के भांजे सरदार खुशीराम तथा भवन के अन्य पदाधिकारियों को सम्मानित किया।