हरियाणा के सभी शहरों में डेवलपमेंट चार्ज के रेट में 10 से 20 गुना वृद्धि : हरियाणा सरकार का नया फरमान जारी

Font Size

-गुरुग्राम के 118 कालोनियों में नए रेट से होगी वसूली 

-नए हो या पुराने मकान सभी पर लागू होंगे नये आदेश 

सुभाष चौधरी 

गुरुग्राम :  हरियाणा सरकार ने प्रदेश के बड़े,  मध्यम एवं छोटे दर्जा,  के शहरों साथ-साथ लाल डोरे में भी रहने वाले लोगों को नए साल में ऐतिहासिक तोहफा दिया है.  यह तोहफा प्रदेश के स्थानीय शहरी निकाय विभाग की ओर से डेवलपमेंट चार्ज के रेट में 10 से 20 गुना से भी अधिक वृद्धि कर दिया है. जनता पर टैक्स का बोझ नहीं बढ़ाने का दावा करने वाली वर्तमान सरकार का यह फैसला आम लोगों की जेब पर जबरदस्त भारी पड़ने वाला है.  इस की जद में पुराने मकान में रहने वाले से लेकर नया आशियाना बनाने वाले या फिर कमर्शियल प्लॉट या बिल्डिंग के मालिक सभी समान तरीके से आएंगे.  जाहिर है यह तोहफा कबूल नहीं भी हो तब भी मजबूरन शहरी नागरिकों को भुगतना ही पड़ेगा चाहे वह कर्ज लेकर जमा कराएं या फिर उसी संपत्ति को बेच कर. जाहिर है कोविड-19 महामारी के कारण पिछले 2 वर्षों से बदहाल आम आदमी शहरी विभाग के इस फैसले का बोझ उठाने में  अवश्य कराहेंगे .

 

 ऐसा लगता है हरियाणा सरकार ने अपने बेतहाशा  बढ़ते सरकारी खर्चे का बोझ अब प्रदेश की  डालने का क्रूर निर्णय ले लिया है.  हरियाणा के इतिहास में शायद जनता पर इतने बड़े पैमाने पर डेवलपमेंट के नाम पर आर्थिक बोझ डालने का यह पहला निर्णय होगा.  सरकार के किसी भी प्रकार के टैक्स में अब तक इतनी बुद्धि करने का कोई उदाहरण नहीं मिलता है.  अगर बात की जाए पड़ोस के राज्यों की तो दिल्ली,  यूपी,  पंजाब,  हिमाचल प्रदेश, और राजस्थान जैसे राज्यों में भी डेवलपमेंट चार्ज में वृद्धि करने  का ऐसा रिकॉर्ड नहीं मिलता है.

 

 

क्या है मामला  :

 

 हरियाणा सरकार के शहरी स्थानीय निकाय विभाग ने 18 फरवरी 2022 यानी शुक्रवार प्रदेश के सभी नगर निगम,  नगर पालिका,  नगर परिषद के,  आयुक्त,  सचिव एवं ई ओ  के नाम   एक आदेश  जारी किया है.  इस आदेश के तहत  हरियाणा सरकार द्वारा जारी  डेवलपमेंट चार्जेस से संबंधित पहले के  सभी सरकारी आदेशों को वापस ले लिया गया.  उल्लेखनीय है कि डेवलपमेंट चार्जेस के रेट को लेकर हरियाणा सरकार की ओर से पहले 10 जनवरी 2005,  13 अप्रैल 2006,  3 अप्रैल 2012  और 4 अप्रैल 2012 को आदेश जारी किया था .  इन सभी आदेशों को अब वर्तमान सरकार ने वापस लेते हुए रद्द कर दिया है. इस संबंध में हरियाणा सरकार की ओर से हरियाणा म्युनिसिपल एक्ट 1973 के सेक्शन 203a और हरियाणा महेश्वर कॉरपोरेशन एक्ट 1994  के सेक्शन 267 ए के साठ -साथ  17 दिसंबर 2013,  19 जून 2014  और 27 सितंबर 2018 को जारी निर्देश को भी वापस लेकर रद्द घोषित कर दिया है. 

 

पुराने आदेश  के विषय : 

 

उपरोक्त सभी आदेश में प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में रेजिडेंशियल और कमर्शियल क्षेत्रों के प्लाट एवं बिल्डिंग के डेवलपमेंट चार्ज की रेट  निर्धारित किए गए थे.  यह आदेश कोर एरिया, ओल्ड म्युनिसिपल कॉरपोरेशन लिमिट के मामले में लागू था जहां कंट्रोल एरिया का प्रावधान नहीं है.  इसे वापस ले लिया गया.  यानी रद्द कर दिया गया.  जाहिर है अब डेवलपमेंट चार्ज के पुराने रेट नहीं रहेंगे.  

 

 क्या है नए आदेश में ? 

 

 हरियाणा सरकार के शहरी स्थानीय निकाय विभाग के 18 फरवरी 2022 के आदेश  में नोटिफाइड रेजिडेंशियल और कमर्शियल प्लॉट्स सभी शहरों के नोटिफाइड रेजिडेंशियल और कमर्शियल प्लॉट्स एवं बिल्डिंग के लिए डेवलपमेंट चार्जेस की रेट को रिवाइज करने का निर्णय लिया गया.  इस नए आदेश के अनुसार नगर निगम गुरुग्राम एवं फरीदाबाद में  डेवलपमेंट चार्जेस की रेट वर्तमान कलेक्टर रेट  का 5% कर दिया गया है.  यानी कलेक्ट्रेट रेट के  5%  की राशि अब स्क्वायर गज के हिसाब से भुगतान करना होगा.  ये रेट रेजिडेंशियल और कमर्शियल दोनों पर लागू  होंगे.  इसी तरह यही नियम हरियाणा के अन्य सभी नगर निगम क्षेत्रों,  सभी नगर परिषद क्षेत्रों  एवं सभी नगर पालिकाओं के प्लॉट एवं मकान धारकों पर लागू करने का फरमान जारी किया गया है. यह कोर एरिया,  लाल डोरा,  नियमित कॉलोनी और नोटिफाइड कॉलोनी पर पूरी तरह  लागू  करने का निर्देश दिया गया है.

 

नए आदेश से कौन बाहर रहेंगे :

 

 डेवलपमेंट चार्जेज की रेट से संबंधित नया आदेश  कंट्रोल एरिया पर लागू नहीं होगा. 

 

 नया फरमान कब से लागू होगा :

 

 शहरी स्थानीय निकाय विभाग निदेशालय की ओर से सभी जिला उपायुक्तों एवं  निगम,  पालिकाओं  एवं परिषद के प्रमुखों को भेजे गए पत्र में यह स्पष्ट कर दिया है कि इस आदेश को तत्काल प्रभाव से लागू किया जाए . 

 

नए आदेश की खास बातें : 

 अगर आप किसी तरह की परमिशन के लिए निगम, नगर पालिका या नगर परिषद,  में आवेदन करेंगे तो पहले आपको नए रेट के अनुसार अब डेवलपमेंट चार्ज भरना होगा. यह वर्तमान कलेक्टर रेट के  5%  की राशि को प्रति स्क्वायर गज के हिसाब से कैलकुलेट कर जमा कराना होगा. कलेक्ट्रेट हर साल रिवाइज किया जाता है जिसमें वृद्धि ही की जाती है.  अब तो गुरुग्राम और फरीदाबाद जैसे जिले में साल में कम से कम 2 बार कलेक्ट्रेट रिवाइज करने की परंपरा शुरू हो गई है. 

इससे  डेवलपमेंट चार्जेज की राशि हर साल ऑटोमेटिक बढ़ती रहेगी.  यानी यह स्पष्ट है कि  जब भी आप कोई परमिशन लेने के लिए आवेदन करेंगे आप को बढे हुए रेट से  डेवलपमेंट चार्ज जमा कराने होंगे.  क्योंकि किसी भी प्रकार की परमिशन लेने के लिए आपको पहले निगम,  नगर पालिका या नगर परिषद से नोड्यूज सर्टिफिकेट और एनओसी लेना अनिवार्य है.  इसके बिना आप ना तो मकान का नक्शा  पास करा पाएंगे और ना ही अकुपेशन सर्टिफिकेट आपको जारी किए जाएंगे.  किसी भी अप्रूवल के लिए आपको डेवलपमेंट चार्ज नए रेट के अनुसार जमा कराना ही पड़ेगा.

 

 नए आदेश के तहत कैसे होगी  डेवलपमेंट चार्ज की गणना  :

 

 अगर  वर्तमान में आपके इलाके का कलेक्टर ₹30000 प्रति स्क्वायर गज है  तो इसका डेवलपमेंट चार्ज 5% के अनुसार  ₹1500 प्रति स्क्वायर गज निर्धारित होगा . अगर आपके पास  100 स्क्वायर गज का प्लॉट है तो आपको इस रेट के हिसाब से डेवलपमेंट चार्ज ₹1,50000 जमा कराना होगा.  यदि आपने पहले के रेट से डेवलपमेंट चार्ज जमा भी करा दिए हैं  तब भी नए रेट के अनुसार बाकी बची राशि आपको जमा करानी ही होगी. 

 अगर आपने पहले के रेट से जो ₹120 प्रति स्क्वायर गज से लेकर ₹150 प्रति स्क्वायर गज  रेजिडेंशियल के लिए जबकि कमर्शियल के लिए ₹3000 से 3500 रु प्रति स्क्वायर गज के रेट थे के अनुसार जमा कराए हैं तो उतनी राशि को वर्तमान रेट के अनुसार समायोजित कर बाकी डिफरेंस अमाउंट जमा कराना होगा. 

 यह  नियम पुराने मकान बनाए हुए या फिर नए मकान बनाने वाले,  पुराने प्लॉट खरीदे हुए,  या नए प्लॉट खरीदने वाले सभी पर लागू होगा.

यह नियम गुरुग्राम की सभी 118 आवासीय कालोनियों पर लागू किया जाएगा. इन कालोनियों में किसी भी प्लॉट की बिक्री करने या खरीदने या फिर मकान बनाने की प्रक्रिया में आपको डेवलपमेंट चार्ज  नए रेट से जमा कराने होंगे. क्योंकि इसके लिए आपको गुरुग्राम नगर निगम से पहले नो ड्यूज सर्टिफिकेट और एनओसी  हासिल  करने के लिए आवेदन करना ही होगा . 

 

You cannot copy content of this page