सुरेश प्रभु ने सुरक्षा कार्यों की समीक्षा की
सुरक्षा के लिए जापान और कोरिया से सहयोग माँगा
नई दिल्ली : लगातार दो ट्रेनों के पटरी से उतरने के बाद रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने गुरुवार को जोनल हेड और रेलवे बोर्ड के सदस्यों से बेहद सख्त लहजे में चेताया . उन्होंने बैठक में कहा कि वे या तो माकूल कदम उठाएं या अपनी स्वयं ही जिम्मेदारी छोड़ दें. दूसरी तरफ रेलमंत्री ने रेल दुर्घटनाओं को रोकने के लिए तकनीकी सहयोग के लिए जापान और कोरिया से सहयोग माँगा .
रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ दिनभर चली मैराथन बैठक में यह फैसला लिया गया कि सभी मेल, एक्सप्रेस ट्रेनों में कम से कम एक अधिकारी होगा, जो अगले 10 दिन तक व्यापक निरीक्षण के लिए रात के समय लोकोमोटिव पर यात्रा करेंगे और सुरक्षा तंत्र में कमियों के बारे में रिपोर्ट देंगे. सभी एक्सप्रेस और मेल ट्रेनों में एक अधिकारी की तैनाती मौजूदा कार्यक्रम और विभिन्न स्तरों पर निरीक्षण के अतिरिक्त होगी.
हाल की रेल दुर्घटनाओं से चिंतित रेल मंत्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने भारतीय रेल की सुरक्षा कार्यों की समीक्षा की।नवंबर, 2016 में गाड़ी संख्या 19321 के दुर्घटना के बाद रेल मंत्री के निर्देश के अंतर्गत यह निर्णय लिया गया कि भारतीय रेल के कोच पूरी तरह एलएलबी कोच में बदल जाएंगे।.एलएलबी कोचों में एंटी क्लाइमबिन्ग तथा एंटी टेलीस्कोपिन्ग जैसी बेहतर सुविधाएं हैं. अगले 3-4 वर्षों में वर्तमान 45,000 आईसीएफ डिजाइन के कोचों की रेट्रो फिटिंग के लिए कार्य योजना तैयार की गई है. रेल मंत्री ने उत्पादन योजना की समीक्षा की और इसे तेजी से लागू करने के निर्देश दिए.
रेल सुरक्षा में सुधार के लिए अल्पकालिक, मध्यम अवधि और दीर्घकालिक उपाय सुझाने के लिए 6 दिसंबर, 2016 को रेल अधिकारियों का एक कार्य बल बनाया गया. कार्य बल ने आज अपनी रिपोर्ट पेश की और रेलवे बोर्ड ने आज ही रिपोर्ट की समीक्षा की.
आज की बैठक में रेल मंत्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने जापान और कोरिया के विशेषज्ञों से भारत आने और उचित प्रौद्योगिकी समाधान सुझाने का अनुरोध किया. जापान के रेल प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान (आरटीआरआई) तथा आरडीएसओ के बीच सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किया गया. रेलवे सुरक्षा के क्षेत्र में रेल मंत्री की पहल से कोरिया के रेल अनुसंधान संस्थान के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किया गया.
रेल मंत्री ने सुरक्षा के विषय पर पूरे दिन रेल विशेषज्ञों से विस्तृत बातचीत की. कुछ उपयोगी सुझाव मिलने पर उन्होंने उन सुझावों को तत्काल लागू करने का आदेश दिया. उन्होंने जाने-माने परमाणु वैज्ञानिक और सुरक्षा विशेषज्ञ डॉ. अनिल काकोडकर से भी बातचीत की.
बाद में उन्होंने जोनल रेलवे के महाप्रबंधकों वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बातचीत किया. उन्होंने चेतावनी दी कि अधिकारियों को चूक के नतीजे भुगतने होंगे.
रेल मंत्री ने पूर्व सीएजी विनोद राय से रेल के सुरक्षा संगठन ढांचे को नया रूप देने में सहायता का अनुरोध किया.