गुरुग्राम, 07 अक्टूबर : कोविड संकट की हानि से उबरने के लिए हमें महाराजा अग्रसेन द्वारा निर्देशित कॉरपोरेट सामाजिक जिम्मेदारी संस्कार सीखनी होगी क्योंकि वे समाज में सार्वजनिक भलाई पर आय का 25 प्रतिशत खर्च करने के प्रबल हिमायती थे । यह विचार स्टारेक्स विश्वविद्यालय गुरुग्राम के कुलपति एवं संस्थापक नीडोनॉमिक्स स्कूल ऑफ थॉट, प्रोफेसर एम.एम. गोयल ने व्यक्त किया। प्रो. गोयल गुरुवार को महाराजा अग्रसेन की 5145वीं जयंती के अवसर पर बोल रहे थे ।
प्रो. गोयल का मानना है समावेशी विकास सुनिश्चित करने के लिए कॉरपोरेट सामाजिक जिम्मेदारी का निर्वहन आवश्यक है । उन्होंने कहा कि कॉरपोरेट सामाजिक जिम्मेदारी पर खर्च और करों का भुगतान करने के साथ आय सात्विक हो जाती है जो सार्वजनिक भलाई के लिए उपयोग किया जाता है ।
प्रो. गोयल ने उल्लेख किया कि अग्रोहा में रहने और नया व्यवसाय शुरू करने के लिए किसी भी नए आगन्तुक को एक सिक्का और ईंट देने की अद्भुत परंपरा को वर्तमान समय में लॉकडाउन के कारण उत्पन्न हुई बेरोजगारी दूर करने के लिए अनुसरण करने लायक है।
प्रो. गोयल ने कहा कि महाराजा अग्रसेन बलिदान, करुणा, , प्रगति, समृद्धि , सच्चे समाजवादी अहिंसा के प्रतीक और शांति के दूत थे ।उनका कहना है कि न्यू इंडिया विजन में खेल और युवा विकास सहित कॉरपोरेट सामाजिक जिम्मेदारी के बढ़े हुए ज्ञानक्षेत्र पर खर्च के लिए आयकर छूट का एक मजबूत विषय है.
उन्होंने सलाह दी कि हमें परोपकारिता की साझा दृष्टि से नुकसान उठाने की क्षमता पैदा करनी होगी, जो अर्थव्यवस्था से जुड़े लोगों के लिए तर्कसंगत व्यवस्था को नया आयाम देने में सक्षम है। प्रो. गोयल के शब्दों में महाराजा अग्रसेन जैसे महान व्यकतित्व का अनुसरण करने के लिए हमें स्ट्रीट स्मार्ट (सरल, नैतिक, कार्रवाई उन्मुख, उत्तरदायी और पारदर्शी) होना चाहिए।