चंडीगढ़, 27 जुलाई : प्रदेश के सडक़ एवं भवन निर्माण से जुड़े प्रोजेक्ट्स को लेकर उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने अधिकारियों को चेताया कि प्रोजेक्ट्स में देरी के लिए सीधे रूप से विभाग के आला अधिकारियों की भी जिम्मेवारी तय की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता के लिए हरियाणा सरकार द्वारा लोक निर्माण के कार्यों में खर्च किए जाने वाले धन को लेकर किसी भी कीमत पर कोताही नहीं होनी चाहिए। यदि कोई प्रोजेक्ट प्रशासनिक स्तर पर लेट होता है तो उसके लिए संबंधित अधिकारी जिम्मेवार होंगे और प्रोजेक्ट को लटकाने वाले अधिकारियों के वेतन से इसकी वसूली की जाएगी।
हरियाणा के उपमुख्यमंत्री श्री दुष्यंत चौटाला, जिनके पास लोक निर्माण (भवन एवं सडक़ें) विभाग का प्रभार भी है, ने आज लोक निर्माण (भवन एवं सडक़ें) विभाग के अधीन प्रदेश में चल रहे 25 से 50 करोड़ रूपए तक की लागत के 42 प्रोजेक्ट्स की समीक्षा की। इनमें 18 प्रोजेक्ट्स सडक़, आरओबी, अंडरपास आदि से संबंधित तथा 24 प्रोजेक्ट्स अस्पताल, खेल व न्यायाधीशों के मकान, चिल्ड्रन होम, विभागीय कार्यालयों के भवन आदि से संबंधित थे।
बैठक में लोक निर्माण (भवन एवं सडक़ें) विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री आलोक निगम के अलावा अन्य वरिष्ठï अधिकारी तथा निर्माण एजेंसियों के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।
श्री चौटाला ने कहा कि अधिकारी आपस में तालमेल कर अड़चनों को दूर करवाकर फाइल वर्क स्वयं पूरा करवाएं ताकि जनता को समय पर सडक़, पुल, अस्पताल व अन्य सरकारी भवनों का लाभ समय पर मिल सके।
उपमुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि जनहित के निर्माण कार्यों को समय पर पूरा करने के लिए अधिकारी स्वयं साईट विजिट करें। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इंजिनियर इन चीफ हर तीन माह में अधिकारियों के साथ बैठक करें। सर्कल में अधीक्षक अभियंता प्रति माह और कार्यकारी अभियंता हर 15 दिन में बैठक कर प्रोजेक्ट का स्टेट्स जाने और इसकी रिपोर्ट वे मुख्यालय को भेजें। बैठक में विभिन्न प्रोजेक्ट के लागत आखिरी समय में रिवाईज करने के चलन पर रोक लगाने को लेकर भी डिप्टी सीएम ने सख्ती दिखाई और उन्होंने कहा कि यदि किसी प्रोजेक्ट की लागत बढऩे की उम्मीद है तो आधा प्रोजेक्ट पूरा होते ही अतिरिक्त लागत के लिए रिपोर्ट तैयार करें।
सरकारी भवनों में कुछ समय बाद सीलन आने का मुद्दा भी इस बैठक में आया। डिप्टी सीएम ने सीलन की समस्या के समाधान के लिए अधिकारियों को सरकारी भवनों में पीवीसी पाईप का प्रयोग करने के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि सरकारी भवनों में प्रयोग होने वाले जीआई पाइप कुछ समय बाद लीक करने लगते हैं और भवन में सीलन की समस्या आने लगती है। दुष्यंत चौटाला ने पानी की सप्लाई के लिए अब जीआई पाइप के स्थान पर पीवीसी पाईप का चलन शुरू करने के आदेश अधिकारियों को दिए। उन्होंन कहा कि बाथरूम में भी पानी न टपके, इसके लिए भी अधिकारी बेहतर विकल्प को अपनाएं।
डिप्टी सीएम ने आज के प्रोजेक्ट्स पर विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने जींद में एनएच-71 पर निर्माणाधीन 2-लेन आरओबी के कार्य को 31 अक्तूबर 2021 तक पूरा करने के निर्देश देते हुए कहा कि इससे जींद के लोगों को काफी लाभ होगा। उन्होंने पिंजौर में एनएच-21ए पर बन रहे आरओबी के निर्माण कार्य में हो रही देरी पर अधिकारियों व निर्माण एजेंसियों से जवाब तलबी की। इसी प्रकार, उपमुख्यमंत्री ने रेवाड़ी-भठिंडा रेलवे लाइन पर बन रहे 2-लेन आरओबी, लोहारू में रेवाड़ी-सादलपुर रेलवे लाइन पर 4-लेन आरओबी, करनाल जिला में 4-लेन कुंजपूरा-करनाल-कैथल रोड़,नीलोखेड़ी में 4-लेन रोड़ की चौड़ाई व मजबूतीकरण, यमुनानगर में कलानौर से केल तक 4-लेन रोड़, गुरूग्राम में पुलिस लाइन के दूसरी तरफ अंडरपास,कैथल जिला के गांव टीक में थानेसर-ढांड रोड़ पर आरओबी के निर्माण, डबवाली-कालांवाली से रोड़ी सडक़ पर तथा रेवाड़ी-भठिंडा रेलवे लाइन पर आरओबी, रोहतक में राजावली रोड़ का चौड़ाकरण व मजबूतीकरण, पलवल जिला में बामनीखेड़ा-रसूलपुर रोड़ पर आरओबी के अलावा हिसार-मंगाली-स्याहड़वा रोड़ पर, पानीपत में जींद-पानीपत रेलवे लाइन पर, भिवानी में तोशाम बाइपास पर व नरवाना-समैण रोड़ पर निर्माणाधीन आरओबी के कार्य की समीक्षा करते हुए अधिकारियों व निर्माण एजेंसियों को निर्धारित अवधि में कार्य पूरा कर प्रोजेक्ट्स को लोक निर्माण (भवन एवं सडक़ें) विभाग को हैंड-ओवर करने के निर्देश दिए।
दुष्यंत चौटाला ने लोक निर्माण (भवन एवं सडक़ें) विभाग के अधीन चले रहे अस्पताल, खेल, न्यायाधीशों के मकान, चिल्ड्रन होम, विभागीय कार्यालयों के भवन आदि से संबंधित 24 प्रोजेक्ट्स की सिलसिलेवार समीक्षा की। उन्होंने अंबाला कैंट के सिविल अस्पताल में डॉक्टरों व पैरा-मैडिकल स्टॉफ के लिए बनाए जा रहे आवासीय मकानों के निर्माण कार्य की समीक्षा की और इस कार्य को 31 दिसंबर 2021 तक पूरा करने के निर्देश दिए। इसी प्रकार, अंबाला कैंट में ही आर्यभट्टï विज्ञान केंद्र, होम्योपैथिक कॉलेज, स्वीमिंग पूल व एसडीओ सिविल कंपलेक्स के प्रशासनिक भवन के निर्माण कार्य की समीक्षा करते हुए कहा कि मैटिरियल में किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जाना चाहिए।
उपमुख्यमंत्री ने पंचकूला के सैक्टर-6 में डीएमईआर तथा सैक्टर-1 में उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के कार्यालय-भवन के निर्माण कार्य के बारे में विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने फरीदाबाद के सैक्टर-16 ए में कॉलेज के नए भवन,गुरूग्राम के सैक्टर- 52ए व 53 में ज्यूडिशियल ऑफिसर्स के लिए बनाए जा रहे बहुमंजिला मकानों तथा सैक्टर-10 में सिविल अस्पताल और नारायणगढ़ के सिविल अस्पताल के अपग्रेडेशन के लिए निर्माणाधीन भवनों के कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। इसी प्रकार, सोनीपत में आबकारी एवं कराधान भवन व ऑब्जर्वेशन होम, रोहतक में पंडित भगवतदयाल स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के तृतीय श्रेणी के कर्मचारियों के लिए मकान-निर्माण, पानीपत के सिवाह में नया स्पोर्टस स्टेडियम, नूह के अकेड़ा गांव में यूनानी कॉलेज समेत पानीपत, झज्जर, नारनौंद, महेंद्रगढ़ आदि जिलों में अस्पताल भवनों के निर्माण कार्यों की गहनता से समीक्षा करते हुए कहा कि कार्य में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों व निर्माण एजेङ्क्षसयों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।