गुरुग्राम 12 जुलाई : बँधवारी लैंडफिल में रविवार को भीषण आग लगी जिसके लिए 12 फायर इंजन भेजे गएl इसका धुआं पूरे गुडगांव में फैला और कई किलोमीटर दूर गुड़गांव शहर में लोगों को प्लास्टिक के जलने की बू आती रही । आज शाम को भी वहां पर तीन चार फायर इंजन खड़े पानी डाल रहे थे. आज भी कई जगह पर आग सुलग रही है और धुआं लगातार शहर की हवा को प्रदूषित कर रहा है.
ईएनटी सर्जन डॉ सारिका वर्मा ने बताया कि यहां पर गुड़गांव और फरीदाबाद का 1200 टन कूड़ा रोज डाला जाता है. अधिकतर कूड़ा घरों से आता है जिसमें रसोई का गीला कूड़ा और प्लास्टिक, पेपर,तारे, बल्ब, ट्यूब इत्यादि सभी मिले होते हैं। जब ऐसे मिक्स कूड़े में आग लगती है तो भारी मात्रा में लेड, सिलिकॉन, सल्फर और पीवीसी जल कर जहरीली गैस हवा में फैला देते हैं। .यह गैस गले में खाराश, फेफड़ों में इन्फ्लेमेशन कर खांसी शुरू कर देती हैं. हवा में केमिकल की वजह से आंखों में जलन भी महसूस होता है .अब तो पीएम 2.5 नवजात शिशु में भी पाया गया है.
शेरेबानू फ्रॉश ने कहा कि गुड़गांव की प्रदूषित हवा हमारे बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास में बाधा डाल रही है. एक मां के रूप में मुझे यह आग देखकर इतना गुस्सा आ रहा है। इससे ज्यादा नाराजगी है प्रशासन से जो ऐसी जहरीली हवा हमारे बच्चों तक पहुंचते देख भी कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा.
रोमा ने कहा की उन्नत देशों में घरेलू कूड़ा चार हिस्सों में अलग करके दिया जाता है गीला कूड़ा कंपोस्ट होता है ,पेपर और प्लास्टिक रीसाइक्लिंग में जाते हैं, बल्ब ट्यूब तारे इत्यादि ई वेस्ट अलग से दिया जाता है और केवल सैनिटरी वेस्ट लैंडफिल में जाता है. वेस्ट टू एनर्जी प्लांट सारे विश्व में नाकामयाब साबित हुआ है उसके बावजूद गुरुग्राम प्रशासन बँधवारी में वेस्ट टू एनर्जी प्लांट बनाने की योजना तैयार कर रहा है l वेस्ट टू एनर्जी प्लांट बन गया तो हर रोज मिक्स कूड़ा जलने की वजह से ऐसा धुआं गुड़गांव की हवा को दूषित करेगा.
मानगढ़ बनी के सुनील हरसाना ने कहा की अरावली पर्वतमाला हमारी धरोहर हैं और इन्हें दूषित कर हम पूरे दक्षिण हरियाणा के वन क्षेत्र को नष्ट करते जा रहे हैं l इसका असर हमारी आने वाली पीढ़ियों पर पड़ेगा. चंद्रमौली बासु, ज्योति राघवन, नीलम आहलूवालिया, अनुराधा प्रसाद, रितिका सेठी और अन्य सिविल सोसाइटी के लोग आज बँधवारी के सामने पोस्टर लेकर अपना विरोध प्रकट करते दिखाई दिए.