गुरुग्राम : द्रोणाचार्य राजकीय महाविद्यालय के समाजशास्त्र विभाग द्वारा शनिवार को सामाजिक विज्ञान में शोध पद्धति विषय पर आधारित राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस कार्यशाला में नेपाल अफगानिस्तान सहित भारत के 16 राज्यों के 236 प्रतिभागियों ने भाग लिया.
कार्यशाला आयोजन समिति के अध्यक्ष एवं मॉडरेटर प्रोफ़ेसर भूप सिंह गौड़ ने बताया कि इसमें डॉक्टर अरविंद महला ने साहित्य का अवलोकन एवं उद्देश्यों के निर्माण विषय पर अपना व्यख्यान दिया जबकि डॉक्टर मोहित सलारिया ने प्रश्नावली विधि और साक्षात्कार अनुसूची को तैयार करने के तौर तरीके बताये.
उन्होंने कहा कि इस ऑनलाइन कार्यशाला में डॉक्टर संजय जोशी ने शोध चरणों की संक्षिप्त व्याख्या की साथ ही एक शोधकर्ता के गुण तथा शोध क्षेत्र में जाते समय किन-किन बातों पर ध्यान रखना चाहिए विस्तार से समझाया. अपना व्याख्यान देते हुए डॉक्टर सुभाष ने अपने द्वारा किए गए बाल श्रमिकों के अध्ययन के बारे में समझाते हुए तथ्यों के वर्गीकरण, सारणी करण तथा विश्लेषण पर प्रकाश डाला।
डॉक्टर सुशील ने बताया कि सांख्यिकी का ज्ञान होना कैसे एक शोधकर्ता के लिए जरूरी है तथा उन्होंने पर पेरेटोके मैथमेटिक्स सोशियोलॉजी पर प्रकाश डाला.
कार्यशाला के प्रतिभागियों को द्रोणाचार्य महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ वीरेंद्र आंतिल ने भी डिजिटल माध्यम से संबोधित किया. उन्होंने अपने व्यख्यान में कहा कि शोध विषय चुनते हुए एक शोधकर्ता को ध्यान रखना चाहिए कि उसके विषय का सामाजिक सरोकार हो. उन्होंने बल देते हुए कहा कि रिसर्च ऐसे विषय पर किया जाना चाहिए जो जनहित की दृष्टि से नीति निर्णय में सहायक हो.
डॉ आंतिल ने महाविद्यालय के समाजशास्त्र विभाग को ऐसे कार्यक्रम निरंतर करते रहने का सुझाव दिया.
समाजशास्त्र विभाग के सचिन कुमार ने कार्यशाला के उद्देश्यों और इसकी रूपरेखा का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया जबकि डॉ सुनीता ने सभी अतिथियों एवं प्रतिभागियों का धन्यवादज्ञापन किया.
आज की डिजिटल कार्यशाला में प्रमुख रूप से डॉक्टर राम हरि नेपाल, फैजल अफगानिस्तान, डॉक्टर सुबोध, डॉक्टर प्रभात सिंह, डॉक्टर महेंद्र, डॉक्टर अनुपम बाहरी, डॉक्टर हीना, डॉक्टर सुनीता कौशल, डॉक्टर गीता, डॉक्टर रावता वग्रेड, डॉ अर्चना, डॉ गीता रावत, डॉ रणधीर, डॉ बबीता तिवारी, डॉक्टर संध्या, डॉक्टर तोमिता दास, डॉक्टर मेघवाल, डॉक्टर अनामिका, रेणु, आशा अहलावत आदि उपस्थित थे.