सुभाष चौधरी
नई दिल्ली/जम्मू कश्मीर । प्रधानमंत्री @narendramodi नरेंद्र मोदी ने आज जम्मू-कश्मीर के सभी निवासियों के लिए 5 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य सुरक्षा कवच आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का शुभारंभ किया। इस अवसर पर कश्मीर के लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने राज्य के लिए केंद्र सरकार की ओर से चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने पंचायत चुनाव में लोगों की बड़ी संख्या में भागीदारी को भारतीय लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत बताया जबकि कश्मीर के विकास के लिए मील का।पत्थर। पीएम ने जोर देते हुए कहा कि काम करने की शैली से परिवर्तन लाया जा सकता है यह एनडीए सरकार ने देश के सामने मिशाल पेश किया है। पिछले वर्षों में महबूबा मुफ़्ती सरकार से समर्थन वापस लेने का कारण स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य में पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव की उनकी मांग को नहीं माना गया। इएलिये ही उन्हें सरकार से बाहर आना पड़ा।
पीएम मोदी ने कहा कि आज मुझे जम्मू कश्मीर के दो लाभार्थियों से आयुष्मान भारत योजना के बारे में अनुभव जानने का मौका मिला। जिनके लिए हम कार्य करते हैं, उनसे जब संतोष के शब्द मिलते हैं, वो शब्द मेरे लिए आशीर्वाद बन जाते हैं।आज का दिन जम्मू-कश्मीर के लिए बहुत ऐतिहासिक है।आज जम्मू-कश्मीर के सभी लोगो को आयुष्मान योजना का लाभ मिलने जा रहा है।सेहत स्कीम- अपने आप में एक बहुत बड़ा कदम है।जम्मू-कश्मीर को अपने लोगों के विकास के लिए ये कदम उठाता देख, मुझे भी बहुत खुशी हो रही है।
उनका कहना था कि बीते 2 वर्षों में 1.5 करोड़ से ज्यादा गरीबों ने आयुष्मान भारत योजना का लाभ उठाया है। इससे जम्मू कश्मीर के लोगों को भी मुश्किल समय में बहुत राहत मिली है। यहां के करीब 1 लाख गरीब मरीजों का 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज किया गया है।
उन्होंने दावा किया कि जम्मू-कश्मीर अब देश के विकास के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल पड़ा है। कोरोना को लेकर भी जिस तरह राज्य में काम हुआ है वो प्रशंसनीय है। मुझे बताया गया है कि 3,000 से ज्यादा डॉक्टर, 14,000 से ज्याद पैरामेडिकल स्टाफ, आशा कार्यकर्ता दिन रात जुटे रहे और अब भी जुटे हुए हैं।
प्रधानमंत्री ने यह कहते हुए याद दिलाया कि अटल जी का जम्मू कश्मीर से एक विशेष स्नेह था। अटल जी इनसानियत, जम्हूरियत और कश्मीरियत की बात को लेकर हम सबको आगे के काम के लिए दिशा-निर्देश देते रहे हैं। आज जम्मू कश्मीर इसी भावना को लेकर आगे बढ़ रहा है।
पंचायती चुनाव सम्पन्न होने प्रसन्नता जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि मैं जम्मू-कश्मीर के लोगों को लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए भी बधाई देता हूं।District Development Council के चुनाव ने एक नया अध्याय लिखा है,मैं चुनावों के हर Phase में देख रहा था कि कैसे इतनी सर्दी के बावजूद, कोरोना के बावजूद, नौजवान, बुजुर्ग, महिलाएं बूथ पर पहुंच रहे थे।जम्मू कश्मीर के हर वोटर के चेहरे पर मुझे विकास के लिए, डेवलपमेंट के लिए एक उम्मीद नजर आई, उमंग नजर आई। जम्मू कश्मीर के हर वोटर की आंखों में मैंने अतीत को पीछे छोड़ते हुए, बेहतर भविष्य का विश्वास देखा।
स्वतंत्र व पारदर्शी चुनाव कराने का दावा करते हुए उन्होंने कहा कि इन चुनावों में जम्मू-कश्मीर के लोगों ने लोकतंत्र की जड़ों को और मजबूत करने का काम किया है।जम्मू-कश्मीर के प्रशासन, सुरक्षाबल ने जिस प्रकार से इस चुनाव का संचालन किया और सभी दलों की तरफ से ये चुनाव बहुत ही परदर्शी हुए। ये जब मैं सुनता हूं तो मुझे बहुत गर्व होता है। जम्मू-कश्मीर में ये त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था एक प्रकार से महात्मा गांधी का ग्राम स्वराज का सपना पूरा किया है।देश में जो पंचायती राज व्यवस्था है उसने आज जम्मू-कश्मीर की धरती पर पूर्णता को प्राप्त किया है।
उनका कहना था कि बीते वर्षों में हमने जम्मू कश्मीर में ग्रास रूट डेमोक्रेसी को जमीनी स्तर पर लोकतांत्रिक संस्थाओं की मजबूती के लिए दिन रात काम किया है। एक समय था जब हम जम्मू कश्मीर सरकार का हिस्सा थे, लेकिन हमने उस सत्ता सुख को छोड़ दिया था। सरकार छोड़ने का हमारा तब मुद्दा यही था कि पंचायती चुनाव कराओ, जम्मू कश्मीर के ग्रामीणों को उनका हक दो।
पीएम ने विपक्ष की दोहरी नीति पर भी प्रहार किया। उन्होंने कांग्रेस पार्टी का नाम लिए विना कहा कि जम्मू-कश्मीर में इन चुनावों ने ये भी दिखाया कि हमारे देश में लोकतंत्र कितना मजबूत है। लेकिन, एक पक्ष और भी है, जिसकी तरफ मैं देश का ध्यान आकर्षित कराना चाहता हूं। पुडुचेरी में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद पंचायत और म्यूनिसिपल इलेक्शन नहीं हो रहे।
उन्होंने यह कहते हुए खुलासा किया कि आप हैरान होंगे, सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में ये आदेश दिया था। लेकिन, वहां जो सरकार है, इस मामले को लगातार टाल रही है। पुडुचेरी में दशकों के इंतजार के बाद साल 2006 में Local Body Polls हुए थे। इन चुनावों में जो चुने गए उनका कार्यकाल साल 2011 में ही खत्म हो चुका है।
उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि कुछ राजनीतिक दलों की कथनी और करनी में कितना बड़ा फर्क है, लोकतंत्र के प्रति वो कितना गंभीर है इस बात से ही पता चलता है। कितने साल हो गए, पुडुचेरी में पंचायत चुनाव नहीं होने दिए जा रहे हैं।
ग्रामीण विकास को लेकर एनडीए सरकार की नीति की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार लगातार कोशिश कर रही है कि गांव के विकास में, गांव के लोगों की भूमिका सबसे ज्यादा रहे।प्लानिंग से लेकर अमल और देखरेख तक पंचायती राज से जुड़े संस्थानों को ज्यादा ताकत दी जा रही है। गरीब से जुड़ी जरूरतों को पूरा करने के लिए अब पंचायतों का दायित्व काफी बड़ा है। इसका लाभ जम्मू कश्मीर में भी दिख रहा है। जम्मू कश्मीर के गांव-गांव में बिजली पहुंची, यहां के गांव खुले में शौच मुक्त हो चुके हैं।
उन्होंने राज्य के लोगों को आश्वस्त किया कि जम्मू कश्मीर में लोकल गवर्नेंस का मजबूत होना, विकास के कामों तेजी लाएगा।आज जम्मू कश्मीर के लोगों का विकास हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है।आज हम लोगों को ये विश्वास दिलाने में सफल हुए हैं कि परिवर्तन संभव है। और परिवर्तन उनके चुने हुए प्रतिनिधि ला सकते हैं। जमीनी स्तर पर लोकतंत्र लाकर हम लोगों की आकांक्षाओं को अवसर दे रहे हैं।
देशभर में ऐसे 24 हजार से ज्यादा अस्पताल हैं जहां आप इस स्कीम के तहत इलाज करा पाएंगे. कोई बंदिश नहीं, कोई रोकटोक नहीं, कोई कमीशन नहीं, कोई सिफारिश नहीं, कोई भ्रष्टाचार नहीं। योजना का कार्ड दिखाकर आपको मुफ्त इलाज का लाभ मिल जाएगा।आयुष्मान भारत योजना के तहत राज्य में 1,100 से ज्यादा हेल्थ और वेलनेस सेंटर बनाने का लक्ष्य है। इसमें भी 800 से ज्यादा पर काम पूरा हो चुका है।
आधारभूत सुविधाओं को मजबूत करने का भी जिक्र किया। उनका कहना था कि जम्मू और श्रीनगर डिवीजन में दोनों जगह दो कैंसर इंस्टीट्यूट भी बनाए जा रहे हैं। दो एम्स का काम भी तेजी से चल रहा है। नौजवानों को मेंडिकल और पैरामेडिकल एजुकेशन के लिए जम्मू-कश्मीर में ज्यादा से ज्यादा मौके मिलें इसके लिए भी काम हो रहा है।
कश्मीर को रेलवे के साथ जोड़ने की बात करते हुए पीएम मोदी ने उम्मीद जताई कि रेलवे का पूरा जोर है कि अगले 2-3 साल में वैली रेलवे से कनेक्ट हो जाए। जम्मू और कश्मीर में लाइट से रेल ट्रांजिट मैट्रो को लेकर बात आगे बढ़ रही है। जम्मू में सेमी रिंग रोड का काम जल्द पूरा करने के प्रयास हो रहे हैं।जम्मू-कश्मीर में सेब की खरीद के लिए, आधुनिक मार्केटिंग प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराने के लिए, ट्रांसपोर्टेशन की सुविधाएं बढ़ाने पर सरकार ने लगातार प्रगति की है।