नई दिल्ली। आयकर विभाग ने पुणे के पनवेल इलाके में प्रमुख बिल्डरों और एंट्री ऑपरेटरों के ख़िलाफ़ दर्ज मामलों में तलाशी एवं सर्वेक्षण की कार्रवाई की। पनवेल और वाशी में 29 स्थानों पर तलाशी एवं सर्वेक्षण की कार्रवाई की गई।
इस समूह पर हुई कार्रवाई के दौरान कुछ फ़र्ज़ी कंपनियों के ज़रिये गैर-प्रामाणिक असुरक्षित ऋणों की आवास प्रविष्टियों के रूप में समूह की रियल एस्टेट परियोजनाओं से फ्लैट और भूमि की बिक्री से प्राप्त धन के माध्यम से अर्जित अनाधिकृत आय के बारे जानकारी छुपाने का खुलासा हुआ है। जांच तथा तलाशी के दौरान समूह के बही खातों से 58 करोड़ रुपये के ब्याज सहित असुरक्षित ऋणों की आवास प्रविष्टियों की जानकारी मिली। इसमें जमीन की खरीद में 5 करोड़ रुपये के बेहिसाब खर्चों के अलावा 10 करोड़ रुपये के गैर-प्रमाणिक उप-अनुबंध मद पर खर्चों का विवरण भी पाया गया।
इसके अतिरिक्त सर्वेक्षण के अंतर्गत इस समूह के बारे में मिली जानकारी के अनुसार भूमि के सौदे में अग्रिम के तौर पर समूह द्वारा भुगतान की गई ऋण राशि से अर्जित अघोषित ब्याज के रूप में आय के तहत 59 करोड़ रुपये का पता चला और इसे ज़ब्त कर लिया गया।
एंट्री ऑपरेटरों पर हुई कार्रवाई से भूमि की खरीद में 5 करोड़ रुपये के नकद निवेश से संबंधित सबूतों के साथ-साथ विभिन्न लाभार्थियों की लगभग 11 करोड़ रुपये की आवास प्रविष्टि का भी पता चला है। इस बीच प्रविष्टि ऑपरेटरों से संबंधित डेटा का अभी भी विश्लेषण किया जा रहा है।
इसके अलावा आयकर विभाग द्वारा तलाशी अभियान के दौरान लगभग 13.93 करोड़ रुपये की अस्पष्ट/बेहिसाब नकदी भी पाई गई और जब्त कर ली गई। इस प्रकार से जांच और तलाशी की कार्रवाई के दौरान जब्त की गई नकदी सहित समूह की अब तक की कुल 163 करोड़ रुपये की बेहिसाब आय का पता चला है। इतना ही नहीं, फ्लैटों और जमीनों की बिक्री पर पैसे को लेकर आउट-ऑफ-बुक्स लेन-देन से संबंधित अनेक सबूत इकट्ठा किए गए हैं।
आगे की जांच जारी है।