नई दिल्ली। भारतीय वैज्ञानिकों के प्रयासों के चलते शीघ्र ही इमली के बीज और कपास के अवशिष्ट ऊर्जा भडांरण में प्रयोग होने वाले कम लागत के सुपर कैपेसिटर बनाने के लिए प्रयोग किए जाएगे। इससे कम लागत के इलेक्ट्रिक वाहन और हाईब्रिड वाहन बनाने की दिशा में सहायता मिलेगी। ये वाहन अपनी ब्रेकिंग प्रणाली और स्टार्ट-स्टॉप के लिए सुपरकैपेसिटर पर मुख्य रुप से निर्भर हैं।
सुपरकैपेसिटर के लिए बड़े स्तर पर सुपरकैपेसिटर पदार्थ की मांग को देखते हुए विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत स्वायत्त संस्थान इंटरनेशनल एडवांस रिसर्च सेंटर फॉर पाउडर मेटलर्जी एंड न्यू मेटेरियल (एआरसीआई) ने इमली के बीजो और औद्योगिक कपास अपशिष्ट से किफायती इलेक्ट्रोड सामग्री बनाई है। इससे सस्ते सुपरकैपेसिटर उपकरण बनाए जा सकेंगे। केंद्र के वैज्ञानिकों ने एक्टिवेशन प्रक्रिया द्वारा अपशिष्ट पदार्थ को उच्च छिद्रित कार्बन फाइबर में परिवर्तित कर दिया। इसके बाद छिद्रित कॉर्बन फाइबर का प्रयोग कर उच्च-क्षमता वाले सुपरकैपेसिटर इलेक्ट्रोड का निर्माण किया। वैज्ञानिको की यह खोज “जर्नल आफ मेटेरियल साइंस : मैटेरियल इन इलेक्ट्रोनिक्स” में प्रकाशित हुई है।
बॉयोमास अवशिष्ट से बने इलेक्ट्रोड सामग्री का सेंटर फॉर फ्यूल सेल टेक्नालॉजी,एआरसीआई चेन्नई के वैज्ञानिको द्वारा विकसित त्वरित परीक्षण प्रारुप के द्वारा परीक्षण किया गया। इस परीक्षण से विभिन्न छिद्रित इलेक्ट्रोड सामग्री का सुपरकैपेसिटर में अनुकूलता का मूल्यांकन किया गया।
सुपरकैपिसिटर इलेक्ट्रोड पदार्थ की पहचान के लिए त्वरित जांच प्रक्रिया के रुप में
डायनमिक इलेक्ट्रोकैमिकल इंपीडेंस स्पेक्ट्रोकॉपी
प्रकाशन लिंक –https://link.springer.com/article/10.1007/s10854-019-02686-y
कृपया अधिक जानकारी के लिए डॉ. एन. राजलक्ष्मी से ईमेल- [email protected]पर संपर्क करें।
( सहयोगी : डॉ. वी.रमन,टी.रमेश और डॉ. एल. राम गोपाल रेड्डी)