कोलकाता : लगता है बाबा रामदेव अब एक मजे हुए राजनीतिज्ञ व्यापारी की तरह बयान देने लगे हैं. इसकी पुष्टि उनके शनिवार को दिए एक बयान से होती है. इस बयान में उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मुक्त कंठ से प्रशंसा की और कहा कि प्रधानमंत्री बनने के लिए उनमें पर्याप्त गुण हैं.
पीएम नरेन्द्र मोदी के करीबी समझे जाने वाले व्यावसायी फ़क़ीर बाबा रामदेव ने संवाददाताओं से कहा कि राजनीति में ममता बनर्जी की विश्वसनीयता को लेकर कोई सवाल नहीं होना चाहिए. उन्होंने अपनी बात को यह कहते हुए पुष्ट किया कि अगर एक चाय वाले का बेटा प्रधानमंत्री बन सकता है तो ममता जी भी प्रधानमंत्री बन सकती हैं. उन्होंने कहा कि राजनीति में, ममता ईमानदारी और सादगी की प्रतीक हैं. मुझे उनकी सादगी अच्छी लगती है. आगे उन्होंने कहा कि वह चप्पल और साधारण साड़िया पहनती हैं.
बाबा ने पत्रकारों से बातचीत में यहाँ तक कह दिया कि “ मैं मानता हूं कि उनके पास काला धन नहीं है” . नोटबंदी का ममता द्वारा जोरदार विरोध किए जाने के बाद भी रामदेव ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस प्रमुख वास्तव में नोटबंदी को लागू करने की प्रक्रिया के खिलाफ हैं.
योग गुरु के रूप में स्वयं को प्रस्तुत करने वाले बड़े व्यापारियों की श्रेणी में अब खड़े रामदेव ने इंफोकॉम सेमिनार में दावा किया कि मैंने नोटबंदी का बीज बोया था. मैंने 2009 से 2014 के बीच आंदोलन जारी रखा और सरकार से पांच सौ रुपए तथा एक हजार रुपए के नोट वापस लेने को कहा था क्योंकि यह भ्रष्टाचार, कालाधन, आतंकवाद और आतंकवाद के वित्तपोषण का मूल कारण है.’ उन्होंने दावा किया कि नोटबंदी के साथ ही काले धन , भ्रष्टाचार तथा आतंकवाद पर अंकुश लग गया है .
रामदेव ने यह भी कहा कि नकदी संकट के कारण आम आदमी को असुविधा तो हो रही है, लेकिन कोई भी इसके खिलाफ है. रामदेव ने माना कि पूरी तरह ‘कैशलेस’ (नकदी रहित) प्रणाली तत्काल संभव नहीं है. उनके अनुसार इसमें कम से कम छह माह लगेगा. दूसरी तरफ नोटबंदी के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना की, उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर निशाना साधा और कहा कि उन्होंने किसी मुद्दे पर एक शब्द नहीं कहा और अब उन्होंने इस मुद्दे पर टिप्पणी की.
उन्होंने कटाक्ष किया कि यह नोटबंदी का प्रभाव है कि मनमोहन सिंह अब बोले. रामदेव राजभवन भी गए और राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी से भी मिले.