नई दिल्ली : आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय और भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) के बीच आज यहां एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। इसका उद्देश्य रेहड़ी-पटरी वालों (स्ट्रीट वेंजर्स) के लिए एक विशेष लघु-ऋण (माइक्रो क्रेडिट) सुविधा- प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्म निर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) के लिए सिडबी को कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में शामिल करना है। इस समझौता पत्र पर आवास एवं शहरी कार्य राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हरदीप एस. पुरी की उपस्थिति में मंत्रालय की ओर से संयुक्त सचिव संजय कुमार और सिडबी के उप-प्रबंध निदेशक वी. सत्य वेंकट राव ने हस्ताक्षर किए।
समझौते की शर्तों के अनुसार, सिडबी पीएम स्वनिधि योजना को आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय के मार्गदर्शन में लागू करेगा। यह सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों के लिए क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट (सीजीटीएमएसई)के माध्यम से ऋण प्रदाता संस्थानों को क्रेडिट गारंटी का प्रबंधन भी करेगा। यह एक विशिष्ट रूप सेनिर्मित और एकीकृत आईटी प्लेटफ़ॉर्म विकसित करेगाजोशहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी), ऋण प्रदाता संस्थानों, डिजिटल भुगतान संग्राहकों और अन्य हितधारकों के बीच कार्य और उनसे संबंधित जानकारियां प्राप्त करना सुनिश्चित करने के लिए पोर्टल और मोबाइल ऐप के माध्यम से सभी प्रक्रियाओं और शुरू से अंत तक कार्य संपादन के दस्तावेज तैयार करने सहितपूरा समाधान मुहैया कराएगा।
यह योजना के कार्यान्वयन के लिए अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी),गैर-बैंक वित्त कंपनियों (एनबीएफसी),सूक्ष्म वित्त संस्थानों (एमएफआई), सहकारी बैंकों,लघु वित्त बैंकों (एसएफबी),क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) इत्यादि जैसे ऋण प्रदाता संस्थानों के नेटवर्क का लाभ उठाएगा।
प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के उद्देश्य सेसिडबी परियोजना प्रबंधन इकाई (पीएमयू) भी उपलब्ध कराएगा जिसमें पीएम स्वनिधि की अवधि यानी मार्च 2022 तक प्रशिक्षण / क्षमता निर्माण,परियोजना और मंच प्रबंधन,सूचना शिक्षा और संचार (आईईसी),बैंकिंग,एनबीएफसी और एमएफआईआदि क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल होंगे।
यहबताना जरूरी है कि आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने पीएम स्वनिधि योजना को 01 जून, 2020 को लॉन्च किया था। इसका उद्देश्य रेहड़ी-पटरी वालों को अपनी आजीविका शुरू करने के लिए सस्ती कार्यशील पूंजी ऋण मुहैया कराना है जो कोविड-19 लॉकडाउन की वजह से बुरी तरह प्रभावित हो चुकी है।
इस योजना का लक्ष्य 50 लाख से अधिक स्ट्रीट वेंडर्स को लाभ पहुंचाना है। इस योजना के तहतस्ट्रीट वेंडर्स10 हजार रुपये तक की कार्यशील पूंजी ऋण ले सकते हैं जिसे एक वर्ष की अवधि में मासिक किश्तों में चुकाने होंगे। समय पर / जल्दी ऋण चुकाने परसात प्रतिशत की सालाना ब्याज सब्सिडी प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के माध्यम से लाभार्थियों के बैंक खातों में त्रिमासिक आधार परडाल दी जाएगी। ऋण के शीघ्र पुनर्भुगतान पर कोई जुर्माना नहीं लगेगा। यह योजनाकैश बैक प्रोत्साहन के रूप में हर महीने 100 रुपये तक की राशि देते हुए डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देती है। इसके अलावा स्ट्रीट वेंडर्स समय पर / जल्दीऋण चुकाते हुए क्रेडिट सीमा को बढ़ाने की सुविधा का लाभ उठाकर आर्थिक प्रगति की राह पर आगे बढ़ने की अपनी महत्वाकांक्षा को भी पूरा कर सकते हैं।
आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने पहले ही योजना के दिशानिर्देशों को सभी हितधारकों- बैंकों, एमएफआई, एनबीएफसी, सिडबी औरस्ट्रीट वेंडर्स एसोसिएशन सहित राज्यों और अन्य हितधारकों के पास भेज दिया है ताकि उन्हें उनकी भूमिका और जिम्मेदारियों के बारे में जागरूक किया जा सके। पीएम स्वनिधि के लिए एकीकृत आईटी प्लेटफॉर्म को जून, 2020 के चौथे सप्ताह तक लॉन्च किए जाने की संभावना है। योजना के पहले चरण को सितबंर 2020 तक पूरा करनेके लिए राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों के परामर्श से 108 शहरों का चयन किया गया है। जुलाई 2020 से ऋण के आवंटन की योजना बनाई गई है।