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जयपुर 4 जून। महात्मा गांधी नरेगा के आयुक्त पी.सी. किशन ने सभी जिला कार्यक्रम समन्वयक, ईजीएस एवं जिला कलक्र्टस से पत्र लिख कर योजनान्तर्गत मेट के चयन की प्राथमिकता निर्धारित की गई है उन्हें सुनिश्चित कराने के लिए निर्देशित किया है।
उन्होंने बताया कि सभी श्रेणीयों में उपलब्धता के अनुसार मेट के चयन के लिए गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले चयनित परिवारों के सदस्य, विधवा परित्यकता अथवा एकल महिला, विकलांग, अनुसूचित जाति एवं जनजाति के सदस्य, पिछड़ा वर्ग के सदस्य एवं सामान्य वर्ग से कम से कम 50 प्रतिशत महिलाओं का चयन किया जावे। यदि इस श्रेणी में महिला उपलब्ध नहीं हो तो अन्य श्रेणी से 50 प्रतिशत कोटा पूर्ण किया जावे। यथा संभव अधिक से अधिक महिला मेटों का नियोजन किया जाये।
उन्होंने कार्यों की निगरानी के लिए 10 से 50 श्रमिकों पर एक तथा 50 से अधिक श्रमिकों पर एक अतिरिक्त मेट का नियोजन करने के निर्देश प्रदान किये है।
श्री किशन ने बताया कि महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत मेट का नियोजन रोटेशन के आधार पर तैयार किये गये पैनल में से कार्यक्रम अधिकारी द्वारा किया जाये। मेट पैनल में चिन्हित प्रत्येक मेट को जब तक समान अवधि का रोजगार नहीं मिल जाता तब तक किसी मेट को पुनः कार्यो पर नियोजित नहीं किया जाये। पुरूष मेट का नियोजन रोटेशन के द्वारा पखवाडा पूर्ण होने पर उपलब्ध पैनल अनुसार किया जाये। महिला मेटों के संबंध में उपलब्धता होने पर ही महिला मेट को परिवर्तित किया जावे अन्यथा उपलब्ध महिला मेट को 100 दिवस से अधिक भी नियोजित रखा जावे।
महिला मेट के स्थान पर पुरूष मेट को यथा संभव नियोजित नहीं किया जावे। नियोजित मेट के विरूद्ध शिकायतें प्राप्त होने या कार्य असंतोषजनक पाये जाने के कारण, कार्यक्रम अधिकारी बिना किसी नोटिस के मेट को हटाकर ब्लैकलिस्ट कर सकेगें तथा ऎसे मेटों का पुनः नियोजन अगले एक वर्ष के लिए नहीं किया जायेगा।
उन्होंने बताया कि किसी भी कार्य पर मेट का नियोजन रोटेशन के आधार पर नहीं किये जाने एवं उपरोक्तानुसार कार्यवाही नहीं किये जाने के लिए कार्यक्रम अधिकारी, ईजीएस स्वंय ही जिम्मेदार होगें।